परिवेश के बारे में सजग बनाती है शिक्षा: अरुण
स्कूल से बाहर बच्चों की पहचान करने के लिए अध्यापकों ने किया सर्वेक्षण
यमुनानगर, 5 जनवरी
गांव करेड़ा खुर्द राजकीय उच्च विद्यालय के अध्यापकों द्वारा चार गांव में स्कूल से बाहर रह गए बच्चों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। मुख्याध्यापक विपिन कुमार मिश्रा के मार्गदर्शन में अध्यापकों की अलग-अलग टीमें करेड़ा खुर्द, बाग का माजरा, बीच का माजरा, मिस्री का माजरा और इन गांवों के अन्तर्गत पड़ने वाली फैक्ट्रियों के मज़दूरों की बस्तियों में सर्वेक्षण करने में लगी हैं। बुधवार को हिंदी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त और एलए रवि कुमार ने बाग का माजरा और बीच का माजरा में सर्वेक्षण किया। पंजाबी शिक्षिका सुखविन्द्र कौर और संस्कृत अध्यापिका रजनी शास्त्री ने करेड़ा खुर्द में सर्वेक्षण किया। अध्यापक घर घर जाकर जानकारी जुटा रहे हैं और स्कूल से बाहर बच्चों की विस्तृत जानकारी एकत्रित कर रहे हैं।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने सर्वेक्षण के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा अनमोल धन है। आज हमें ऐसी शिक्षा की जरूरत है, जो हमें विवेकशील और संवेदनशील बनाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मकसद केवल अक्षर ज्ञान हासिल करना ही नहीं है। शिक्षा हमें हमारे आसपास के परिवेश के बारे में सजग बनाती है। उन्होंने शिक्षा से दूर रह रहे बच्चों के बारे में भी सोचने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी बच्चे स्कूल में आएं और अच्छी शिक्षा पाएं, यह सब की जिम्मेदारी है। अध्यापकों ने अपने विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से भी संपर्क किया और छुट्टियों में सतत अध्ययन करना का संदेश दिया।
मौलिक मुख्य अध्यापक विष्णु दत्त ने कहा कि स्कूल समय समय पर इस प्रकार के सर्वेक्षण करता है। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां पर बहुत से मजदूर दूसरे नए आते हैं और मजदूर अपने बच्चों को लेकर वापस अपने स्थानों पर चले जाते हैं। सर्वेक्षण में जो भी बच्चे स्कूल से बाहर पाए जा रहे हैं उन्हें जल्द ही स्कूल में दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
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