बाल कहानी- दोस्ती
रचनाकार-सार्थक
एक बार की बात है कि फल और सब्जी बड़े प्रेम से रहते थे। फलों और सब्जियों का आपस में भाईचारा था। फलों का राजा आम और सब्जियों का राजा आलू भी एक दूसरे के राज्य में कईं बार यात्रा करते थे। एक दिन शीलू गाजर ने फलों के राज्य में यात्रा करने की सोची। वह सुबह ही यात्रा पर निकल पड़ी। रात को वह फलों के राज्य में पहुंच गई। वह फलों के राज्य के बाजार में थी। वहां पर उसने सोचा कि जिसके घर मैं रहूंगी, उसके लिए थोड़ी मिठाई ले चलती हूँ। वह खुश हो जाएगा। वह मोती हलवाई की दुकान पर चढ़ी और बोली- ‘आधा किलो जलेबी देना।’मोती जलेबी देते-देते बोला- ‘आप परदेशी लगती हैं।’
‘हां मैं यहां घूमने आई हूँ’- शीलू बोली
शीलू जलेबी लेकर जोजो लीची के घर पहुंची। जोजो ने शीलू का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उसे पानी पिलाया। फिर दोनों आपस में बैठ कर बातें करने लगे। दोनों ने जलेबी खायी। जोजो लीची बोली-हम कुल्ला करके आते हैं। अगर कुल्ला नहीं करेंगे तो दांत में कीड़े लग जाएंगे। दोनों ने कुल्ला करके 5 मिनट टीवी पर मैच देखा और बैड पर सोने के लिए चले गए। शीलू गाजर थकी होने के कारण जल्दी सो गई। वे दोनों सुबह जल्दी उठ गए। फिर दोनों हर्बल पार्क में मोर्निंग वॉक करने गए। साथ में उन्होंने झूले भी झूले। झूला झूलते-झूलते शीलू गाजर से जोजा लीची को ठोकर लग गई। गोल-मटोल जोजो नीचे जा गिरी और उसकी टांग पर चोट आ गई। जोजो को लगा कि शीलू ने जानबूझ कर उसे मारा है। जोजो को बहुत गुस्सा आया। वह दौड़ कर फलों के राजा आम के पास गई। उसने अपने राजा से शीलू गाजर की शिकायत लगाई। राजा ने सब्जियों के राजा आलू के साथ टेलीफोन पर बात की-तुम्हारे राज्य की शीलू गाजर ने हमारे राज्य की जोजो लीची को झूले से नीचे गिरा दिया है और जोजो को गंभीर चोटें आई हैं। इसे हम कतई स्वीकार नहीं करेंगे। उसने कहा कि हम मीठे हैं तो क्या आप हमें मार कर चले जाएंगे। राजा आम को ऐसा गुस्सा पहली बार आया था। आम के मुंह से ऐसी कड़वी बातें सुन कर सब्जियों के राजा आलू का गुस्सा भी सातवें आसमान पर जा पहुंचा। उसने फोन पर ही जंग का ऐलान कर दिया। सुबह की ट्रेन पकड़ कर शीलू गाजर फलों के राज्य से अपने राज्य में पहुंच गई। वह सीधे आलू राजा के पास पहुंची। उसने आलू राजा को शिकायत लगाई कि गलती से उसका पैर जोजो को छू गया था और उसने आसमान सर पर उठा लिया। आलू राजा फलों के राजा आम की जली-कटी बातें सुन कर पहले ही गुस्से में था। उसने अपनी सेना को जंग की तैयारी का आदेश दे दिया था। उसने कहा कि अब तो जंग ही एकमात्र उपाय है। राजा के गुस्से को देख कर कोई उन्हें समझाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। राजा आलू ने अपनी सेना लेकर फलों के राज्य में कोहराम मचा दिया। वहां जाते ही एक बड़े वाहन में आग लगा दी। उसके कारण दूसरे वाहन में भी आग लग गई। उसके बाद राजा आलू और उसके सिपाहियों ने फलों के राजा के महल में आग लगा दी। उसमें राजा आम के 500 सिपाही थे और 105 सिपाही मर गए। राजा आम बच गए। राजा आम ने भी धावा बोल दिया। दोनों राजाओं की सेनाओं में जमकर लड़ाई हुई। दोनों सेनाओं के कितने ही सैनिक मारे गए। तभी सब्जियों में समझदार सिमी लौकी और फलों में से कीकू केला बीच में आए और चिल्लाए- ‘रूको।’ सारे सिपाही रूक गए।
कीकू बोला-‘यह क्या कर रहे हो। क्यों एक दूसरे का जीवन बर्बाद कर रहे हो। आपको पता है कि राज्य में कितना नुकसान हो गया है। कितनी दुकानें जलकर राख हो गई हैं। हम सभी को एक साथ रहना है।’
सिमी बोली-‘आपस में लड़-झगड़ कर हम आगे नहीं बढ़ सकते। तुम देख नहीं रहे कि कितना खून बह गया है। कितने लोग मारे गए हैं।’
फलों का राजा बोला ‘तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद हमें गलती का अहसास कराने के लिये। अब हम जीवन की नई शुरूआत करेंगे, जिसमें दोनों राज्यों के सभी सदस्य प्रेम और दोस्ती से रहेंगे।’
-सार्थक
पता-वार्ड नं.-4, रामलीला मैदान, इन्द्री, जिला-करनाल, हरियाणा-132041
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