लॉकडाउन में ब्लड बैंक में किया जा सकता है रक्तदान
रैडक्रॉस सोसायटी के डीटीओ एमसी धीमान रक्तदाताओं को लाने में जुटे
लॉकडाउन के चलते रक्तदान शिविर आयोजित नहीं हो पाने के कारण अस्पतालों में खून की निरंतर जरूरत पड़ रही है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए रैडक्रॉस सोसायटी करनाल व सेंट जॉन एंबूलैंस इंडिया करनाल के द्वारा आए दिन रक्तदताओं को प्रेरित किया जा रहा है। रैडक्रॉस सोसायटी के जिला प्रशिक्षण अधिकारी एमसी धीमान स्वयंसेवियों से सम्पर्क करके ब्लड बैंक में रक्तदान करवा रहे हैं। बुधवार को इन्द्री क्षेत्र से प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, अध्यापक जसविन्द्र पटहेड़ा, गांव कमालपुर रोड़ान से सुनील कुमार, कमल कुमार व विनोद कुमार सहित कुल 22 स्वयंसेवियों ने ब्लड बैंक में पहुंच कर रक्तदान किया। जबकि मंगलवार को 18 स्वयंसेवियों ने रक्तदान किया था। ब्लड बैंक इंचार्ज डॉ. संजय वर्मा के नेतृत्व में रजनी, मंजू, अनिल, राजकुमार व धर्मपाल सहित ब्लड बैंक की टीम सामाजिक दूरी की पालना करवाते हुए रक्तदाताओं को लाने, पंजीकरण व रक्त एकत्रित करने के काम में लगी हुई है।
थैलिसीमिया के मरीजों, अनिमिक मरीजों, दुर्घटना के शिकार घायलों व गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर रक्त की जरूरत पड़ती है। लेकिन लॉकडाउन के कारण रक्तदान शिविर आयोजित नहीं हो पाने के कारण जरूरत के अनुसार रक्त जुटाना एक चुनौति है। रैडक्रॉस सोसायटी के डीटीओ एमसी धीमान ने बताया कि जिला के स्वयंसेवियों से निरंतर संपर्क करते हुए ब्लड बैंक में रक्तदान करवाया जा रहा है, ताकि जरूरतमंदों को खून की कमी नहीं आए। उन्होंने कहा कि रैडक्रॉस सोसायटी के साथ विभिन्न स्वयंसेवियों व संस्थाओं का संकल्प है कि खून की कमी में किसी की जान ना जाने पाए। उन्होंने कहा कि इस काम में मानव केयर संस्था के संजय गुप्ता, समाजसेवी संदीप सचदेवा व अन्य स्वयंसेवियों का उन्हें पूरा सहयोग मिल रहा है।
एमसी धीमान जरूरत के अनुसार रक्तदान करवाने के लिए दिन-रात सक्रिय रहते हैं। शाम व रात को भी स्वयंसेवियों के पास फोन आते हैं तो वे उनको ब्लड-बैंक में लाने की योजना बनाते हैं और एक-एक रक्तदाता से संपर्क करके उन्हें ब्लड बैंक तक लाते हैं। वे रक्तदान से जुड़ी हुई भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि रैड क्रॉस के स्वयंसेवी मनीष कुमार, कर्मचंद चड्ढ़ा ब्लड बैंक में रक्तदान के दौरान सेवाएं दे रहे हैं।
डॉ. संजय वर्मा ने बताया कि रक्तदान करने से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि फायदा होता है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति तीन महीने के बाद रक्तदान कर सकता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान से जुड़ी हुई भ्रांतियों को दूर करने के लिए सभी स्वयंसेवियों को कार्य करना चाहिए।
रक्तदान के लिए रक्तदाता को लाने के लिए घर पर जाएगी गाड़ी-
एमसी धीमान व डॉ. संजय ने बताया कि इस संकट के समय में रक्तदाता बढ़-चढ़ कर आगे आएं। रक्तदाताओं को घर से ही लाने और ले जाने के लिए ब्लड बैंक की गाड़ी भेजी जाती है। कोई भी रक्तदाता एमसी धीमान के मोबाइल नंबर- 9416121414 पर संपर्क कर सकता है। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने अपील करते हुए कहा कि रक्तदान करने में संकोच ना करें। सामाजिक दूरी की पालना करते हुए नागरिक अस्पताल की गाड़ी में घर से निकलें और ब्लड बैंक पहुंच कर रक्तदान करें।
मास्क वितरण के साथ सामाजिक दूरी का संदेश दे रही रैडक्रॉस सोसायटी-
एमसी धीमान ने बताया कि रैडक्रॉस सोसायटी रक्तदान को बढ़ावा देने के साथ-साथ लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने, घर में ही रहने और लॉकडाउन की पालना करने लिए प्रेरित कर रही है। इसके साथ-साथ जरूरतमंद लोगों को मास्क बांटे जा रहे हैं। बुधवार को रैडक्रॉस सायायटी के ब्रिगेड प्रभारियों ने घरौंडा, अराईंपुरा व कैमला में मास्क वितरित किए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान अब तक सोसायटी पांच हजार के करीब मास्क वितरित कर चुकी है।
No comments:
Post a Comment