डॉ. रणजीत फुलिया ने सिखाई खेल-खेल में अंग्रेजी
रा.उ. विद्यालय करेड़ा खुर्द में मोटिवेटर फुलिया का हुआ जोरदार स्वागत
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में विभिन्न स्कूलों में जा-जाकर खेल-खेल में अंग्रेजी सिखाने वाले मोटिवेटर डॉ. रणजीत फुलिया पहुंचे और चौथी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी सिखायी। स्कूल में पहुंचने पर अध्यापकों और विद्यार्थियों ने डॉ. फुलिया का जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।डॉ. रणजीत फुलिया ने सबसे पहले विद्यार्थियों से पूछा कि उन्हें अंग्रेजी कैसी लगती है। विद्यार्थियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी भाषा मुश्किल नहीं होती। भाषा सीखने के लिए माहौल बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा भी कठिन नहीं है, लेकिन कमजोर वातावरण के कारण यह विषय कठिन लगता है। उन्होंने विद्यार्थियों के अंग्रेजी भाषा का स्तर जांचने के लिए बोर्ड पर हिन्दी शब्दों की सूची बनाई और उनके लिए अंग्रेजी शब्द बताने के लिए कहा। विद्यार्थियों के स्तर का ध्यान रखते हुए उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने विद्यार्थियों को शब्दों की स्पेलिंग ठीक करने के भी सुझाव दिए।
डॉ. रणजीत फुलिया ने विद्यार्थियों को शब्दों के अर्थ, शब्दों व वाक्यांशों का अंग्रेजी अनुवाद, नंबर, जैंडर, आर्टिकल सहित विभिन्न विषयों पर बोर्ड की सहायता से विद्यार्थियों को अभ्यास करवाया। विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों को अंग्रेजी में अपना परिचय देने के लिए प्रोत्साहित किया और अच्छे ढ़ंग से परिचय देने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया गया। सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में साक्षी, संजना, मोनिका, मधु, हेमंत, लवकेश, प्रिया, अनु सहित विभिन्न विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।
आनंददायी शिक्षण-अधिगम से खत्म होगी अंग्रेजी की दहशत: अरुण
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि भाषा का विकास मानव विकास में मील का पत्थर है। हर एक भाषा का अपना महत्व है। भाषाएं दूसरों के विचारों को समझने और भावाभिव्यक्ति के माध्यम से लोगों को जोडऩे में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि भाषाओं को विषय के रूप में बोझ नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आनंददायी ढ़ंग से शिक्षण-अधिगम के जरिये अंग्रेजी का हौआ बच्चों के मन से दूर हो सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढऩे और जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर अध्यापक ओमप्रकाश, रजनी, अमरनाथ धीमान, किशोरी लाल, लिपिक मंजू, रवि, राजेन्द्र उपस्थित रहे।
डॉ. फुलिया अब तक 450 से अधिक स्कूलों में कर चुके हैं अंग्रेजी शिक्षण-
डॉ. रणजीत फुलिया नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के उच्च पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद निरंतर सरकारी स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं और विद्यार्थियों के मन से अंग्रेजी का भय खत्म करते हैं। प्राध्यापक अरुण कैहरबा के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि वे अब तक हरियाणा के विभिन्न जिलों के करीब 450 स्कूलों का भ्रमण और शिक्षण कर चुके हैं। विभिन्न स्कूलों के मुखियाओं व अध्यापकों के साथ उनका दोस्ताना हो गया है। स्कूल की प्रतिभाओं का मंच प्रदान करना और आगे बढ़ाना ही उनका लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उन्होंने दो वर्ष तक इंडियन एयरलाइंन्स में यातायात सहायक के पद पर कार्य किया, जहां श्री राजीव गांधी जी( तत्कालीन पायलट, तत्पश्चात भारत के प्रधान मंत्री) के साथ काम करने का सुअवसर भी प्राप्त हुआ। फिर प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर नेशनल इंस्योरेंस कम्पनी में अधिकारी बन गए और बाईस वर्ष तक सेवा की और सन 2004 में स्वैच्छिक सेवनिवृत्ति लेकर शिक्षण आदि समाजोपयोगी कार्यों में जुट गए।
ग्रामीण विद्यारथियों के विकास के लिए कार्यरत सभी शिक्षण क्षेत्र से जुड़े साथियों को हार्दिक नमन और शुभ कामनाएं। अरुण कहरबा जी आप वंचित और सुविधा हीन विद्यार्थियों को अपने श्रेष्ठ विचार और प्रेरणा से नई दिशा रहे हो। आपके जज्बे को सलाम!
ReplyDeleteराजकीय विद्यालयों और ख़ास कर ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों की शिक्षा के लिए आपका योगदान भी अतुलनीय है। करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में पहुंचने और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय डॉ. रणजीत फुलिया जी
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