Friday, February 28, 2020

Prize Distribution Function in GHS Karera Khurd

मानवीय मूल्यों से युक्त शिक्षा दिखाती है रास्ता: अरुण

करेड़ा खुर्द के राजकीय विद्यालय में पुरस्कार वितरण समारोह

विभिन्न शैक्षिक-सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के 75 विजेता सम्मानित

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। समारोह में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी रहे विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्राध्यापक अरुण कैहरबा, संदीप अहलावत, ईएसएचएम विष्णु दत्त, अध्यापक ओमप्रकाश, सुखविन्द्र कौर, रजनी शर्मा, अमरनाथ धीमान, वंदना शर्मा व  किशोरी लाल ने 75 के करीब विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए।

समारोह में बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि शिक्षा मिलजुल कर सीखने, मानवीय मूल्यों को आत्मसात करने और आगे बढ़ने का जरिया है। विद्यालय शिक्षा का ऐसा केन्द्र है, जहां पर विविध प्रकार की प्रतिभाओं को अभिव्यक्ति का मंच और आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं। उन्होंने कहा कि नौवीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। दसवीं की शुरु होने वाली हैं और छठी से आठवीं के विद्यार्थी भी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में जीवन के उच्च सामाजिक - सांस्कृतिक मूल्यों - मेहनत, लगन, सामाजिक सौहार्द, भाईचारा, पर्यावरण की रक्षा, स्वच्छता, पानी बचाना आदि के प्रति संवेदनशीलता को बनाए रख कर ही हम आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जितनी भी शख्सियतें देश-दुनिया में अपने योगदान के लिए जानी जाती हैं, उनके उदाहरण हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। संदीप अहलावत, विष्णु दत्त व ओमप्रकाश ने उत्साहवर्धन करते हुए विद्यार्थियों को मन लगाकर परीक्षा की तैयारी करने का संदेश दिया।
पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में मोनिका, लवकेश, भावना, मधु, सरोज, गरिमा, मोहित, मीनाक्षी, साक्षी, यहाना, प्रीति, वीशू, नैंसी, संजना, हेमंत आदि शामिल रहे। ये पुरस्कार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, मातृभाषा प्रोत्साहन, शैक्षिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में शानदार प्रदर्शन के लिए दिए गए। कार्यक्रम में लिपिक मंजू, रवि, राजेंद्र का सहयोग रहा।


















Thursday, February 20, 2020

राजकीय उच्च विद्यालय करेड़ा खुर्द में मनाया अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

भाषायी विविधता देश की शान, हर भाषा का करें सम्मान: अरुण

अपनी बोली-भाषा बोलने में शर्म ना करें

मातृभाषा दिवस पर प्रश्रोत्तरी व लेखक परिचय सुनाने की हुई प्रतियोगिता

प्रश्रोत्तरी में प्रेमचंद टीम प्रथम व जाबिर हुसैन टीम ने पाया दूसरा स्थान

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि भाषाएं जोड़ती हैं, तोड़ती नहीं। अपनी भाषा को बोलने में शर्म नहीं करनी चाहिए और उसे अपने गहरे भावों व विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया जाना चाहिए। साथ ही दूसरी भाषाओं का सम्मान भी करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान नौवीं कक्षा के हिन्दी के पाठ्यक्रम पर आधारित प्रश्रोत्तरी एवं लेखक परिचय सुनाने की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

प्रश्रोत्तरी के लिए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा के मार्गदर्शन में कक्षा के सभी विद्यार्थियों को टीमों में बांटा गया और फिर टीमों ने प्रश्रोत्तरी में हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में मुंशी प्रेमचंद टीम ने पहला स्थान प्राप्त किया। टीम में प्रीति, वीशू, नैंसी, विशाखा ने हिस्सा लिया। दूसरा स्थान हासिल करने वाली जाबिर हुसैन टीम में लवकेश, प्रशांत, रोहन व अमित शामिल रहे। चपला देवी टीम की छात्राएं- कीर्ति, संजना, रेनू, प्रीति, सपना व दीपाक्षी तीसरे स्थान पर रही। महक व साक्षी ने स्कोरर की भूमिका निभाई।

संजना ने द्विवेदी युग की लेखिका चपला देवी का परिचय सुनाकर पाया पहला स्थान-

लेखक परिचय सुनाने की प्रतियोगिता में संजना ने द्विवेदी युग की लेखिका चपला देवी का परिचय सुनाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रीति ने राहुल सांकृत्यायन का जीवन परिचय सुनाकर द्वितीय और वीशू ने जाबिर हुसैन का परिचय सुनाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया। हजारी प्रसाद द्विवेदी का परिचय सुनाने वाली कीर्ति व मुंशी प्रेमचंद का परिचय सुनाने वाले लवकेश, श्यामाचरण दूबे का परिचय सुनाने वाली छात्रा मोनिका ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मातृभाषा वह भाषा है जो बच्चा अपनी मां व परिवार से स्वाभाविक रूप से सीखता है। सुख-दुख के पल में हमारी अभिव्यक्ति इसी भाषा में होती है। उन्होंने कहा कि  मातृभाषा दिवस का संदेश यही है कि हमें अपनी बोली-भाषा में बोलने में शर्म व संकोच नहीं करना चाहिए। वहीं अन्य भाषाओं का सम्मान भी करना चाहिए। सभी भाषाएं समाज में एकता व प्यार बढ़ाने के लिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा समाज बहुभाषी समाज है। हमारे देश में अनेक भाषाएं सुनने को मिल जाएंगी। यह भाषायी विविधता हमारे देश की शान है। इस शान को बढ़ाने के लिए हमें अपनी भाषा हिन्दी सहित अन्य भाषाएं भी सीखनी चाहिएंं।
संस्कृत अध्यापिका रजनी शर्मा ने विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा की महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि हिन्दी एक वैज्ञानिक भाषा है। इस मौके पर प्राध्यापक संदीप अहलावत, ईएसएचएम विष्णु दत्त, ओमप्रकाश, सुखिन्दर कौर, मंजू, डिंपल, रवि, राजेन्द्र उपस्थित रहे।

Monday, February 17, 2020

Mega PTM in GHS Karera Khurd

अध्यापकों और पालकों की एकता से सुधर सकता है बच्चों का स्तर

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में आयोजित मेगा अभिभावक-अध्यापक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रशासन की तरफ से सिटी परियोजना अधिकारी विपिन गुप्ता ने शिरकत की और अभिभावकों के साथ अध्यापकों के निरंतर संपर्क पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अध्यापक और अभिभावक मिल कर कार्य करें तो विद्यार्थियों के स्तर में गुणात्मक सुधार किया जा सकता है।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, अंग्रेजी प्राध्यापक संदीप अहलावत, ईएसएचएम विष्णु दत्त, विज्ञान अध्यापक ओमप्रकाश, पंजाबी अध्यापिका सुखविन्द्र कौर, संस्कृत अध्यापिका रजनी व अमरनाथ धीमान ने अभिभावकों को विद्यार्थियों की प्रगति से अवगत करवाया। अध्यापकों ने कहा कि परीक्षाओं की तैयारी में विद्यार्थियों का सहयोग करने में अभिभावकों का अहम योगदान रहता है।
इस मौके पर लवकेश, राम नैन, रजनी देवी, अंग्रेजो देवी, रेखा, राज कुमार, ममतेश, जिया लाल, पूनम, कुलदीप, सुनीता, सुरजीत, कृष्णा देवी, सुलोचना, जय प्रकाश, शशीबाला, गीता, सुधा, माया देवी, शीला, सुरजीत कौर, गुरमीत कौर सहित अनेक अभिभावक मौजूद रहे।











Friday, February 14, 2020

Motivator DR. RANJIT FULIA teaches English with joyfull methods in GHS KARERA KHURD


डॉ. रणजीत फुलिया ने सिखाई खेल-खेल में अंग्रेजी

रा.उ. विद्यालय करेड़ा खुर्द में मोटिवेटर फुलिया का हुआ जोरदार स्वागत

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में विभिन्न स्कूलों में जा-जाकर खेल-खेल में अंग्रेजी सिखाने वाले मोटिवेटर डॉ. रणजीत फुलिया पहुंचे और चौथी से लेकर दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी सिखायी। स्कूल में पहुंचने पर अध्यापकों और विद्यार्थियों ने डॉ. फुलिया का जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।

डॉ. रणजीत फुलिया ने सबसे पहले विद्यार्थियों से पूछा कि उन्हें अंग्रेजी कैसी लगती है। विद्यार्थियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाओं का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी भाषा मुश्किल नहीं होती। भाषा सीखने के लिए माहौल बनाया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा भी कठिन नहीं है, लेकिन कमजोर वातावरण के कारण यह विषय कठिन लगता है। उन्होंने विद्यार्थियों के अंग्रेजी भाषा का स्तर जांचने के लिए बोर्ड पर हिन्दी शब्दों की सूची बनाई और उनके लिए अंग्रेजी शब्द बताने के लिए कहा। विद्यार्थियों के स्तर का ध्यान रखते हुए उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने विद्यार्थियों को शब्दों की स्पेलिंग ठीक करने के भी सुझाव दिए।
डॉ. रणजीत फुलिया ने विद्यार्थियों को शब्दों के अर्थ, शब्दों व वाक्यांशों का अंग्रेजी अनुवाद, नंबर, जैंडर, आर्टिकल सहित विभिन्न विषयों पर बोर्ड की सहायता से विद्यार्थियों को अभ्यास करवाया। विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों को अंग्रेजी में अपना परिचय देने के लिए प्रोत्साहित किया और अच्छे ढ़ंग से परिचय देने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया गया। सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में साक्षी, संजना, मोनिका, मधु, हेमंत, लवकेश, प्रिया, अनु सहित विभिन्न विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।


आनंददायी शिक्षण-अधिगम से खत्म होगी अंग्रेजी की दहशत: अरुण
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि भाषा का विकास मानव विकास में मील का पत्थर है। हर एक भाषा का अपना महत्व है। भाषाएं दूसरों के विचारों को समझने और भावाभिव्यक्ति के माध्यम से लोगों को जोडऩे में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि भाषाओं को विषय के रूप में बोझ नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आनंददायी ढ़ंग से शिक्षण-अधिगम के जरिये अंग्रेजी का हौआ बच्चों के मन से दूर हो सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढऩे और जीवन में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर अध्यापक ओमप्रकाश, रजनी, अमरनाथ धीमान, किशोरी लाल, लिपिक मंजू, रवि, राजेन्द्र उपस्थित रहे।
डॉ. फुलिया अब तक 450 से अधिक स्कूलों में कर चुके हैं अंग्रेजी शिक्षण-
डॉ. रणजीत फुलिया नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के उच्च पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद निरंतर सरकारी स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं और विद्यार्थियों के मन से अंग्रेजी का भय खत्म करते हैं। प्राध्यापक अरुण कैहरबा के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि वे अब तक हरियाणा के विभिन्न जिलों के करीब 450 स्कूलों का भ्रमण और शिक्षण कर चुके हैं। विभिन्न स्कूलों के मुखियाओं व अध्यापकों के साथ उनका दोस्ताना हो गया है। स्कूल की प्रतिभाओं का मंच प्रदान करना और आगे बढ़ाना ही उनका लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि उन्होंने  दो वर्ष तक इंडियन एयरलाइंन्स में यातायात सहायक  के पद पर कार्य किया, जहां श्री राजीव गांधी जी( तत्कालीन पायलट, तत्पश्चात भारत के प्रधान मंत्री) के साथ काम करने का सुअवसर भी प्राप्त हुआ। फिर प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर नेशनल इंस्योरेंस कम्पनी में अधिकारी बन गए और बाईस वर्ष तक सेवा की और सन 2004 में स्वैच्छिक सेवनिवृत्ति लेकर  शिक्षण आदि समाजोपयोगी कार्यों में जुट गए।