Tuesday, January 28, 2020

Pariksha pe Charcha In Gian Jyoti Public School Muradgarh


शिक्षा दुनिया का खूबसूरत रास्ता: अरुण
परीक्षाओं की तैयारी को लेकर विद्यार्थियों ने पाया मार्गदर्शन

गांव मुरादगढ़ स्थित ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल में नौवीं व दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तनाव मुक्त परिवेश में परीक्षाओं की तैयारी विषय पर मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने मुख्य वक्ता के रूप में विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। विद्यार्थियों ने प्रश्र पूछ कर अपनी भावनाएं रखी, जिनका मुख्य वक्ता ने जवाब दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल चेयरमैन सदा सुख कांबोज ने की। इस मौके पर स्कूल प्रबंधक नीलम कांबोज विशेष रूप से मौजूद रही।
अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का रास्ता दुनिया का सबसे खूबसूरत रास्ता है। यह रास्ता ज्ञान, समझ और आनंद से भरपूर है। मानव की जिज्ञासाओं और उत्सुकता की भूख इस रास्ते पर चल कर पूरी होती है। यह रास्ता हमें जीवन की ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहानी के जरिये विद्यार्थियों को खुद पर ध्यान देने और मिलकर सीखने का संदेश देते हुए कहा कि कुदरत ने सभी को प्रतिभावान बनाया है। इस प्रतिभा की पहचान करना व उसे निखारना हम सबकी जिम्मेदारी है। अध्यापक इसके लिए काम करते हैं, लेकिन जो विद्यार्थी अपनी प्रतिभा की पहचान करके अपने लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं और उस दिशा में कड़ी मेहनत करते हैं, उन्हें आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि विद्यार्थीकाल जीवन का स्वर्णयुग है। इस दौरान की गई मेहनत पूरे जीवन की आधारशिला का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के दिनों में अनेक प्रकार के प्रलोभन हमारा रास्ता रोकने की कोशिश करते हैं। जो विद्यार्थी दृढ़ता के साथ प्रलोभनों के चक्कर में नहीं पड़ते, वे सफल होते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को पर्याप्त मार्गदर्शन व अवसर नहीं मिल पाने के कारण भी वे पिछड़ जाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को घर में पढऩे की जगह निर्धारित करने और योजना बनाकर परीक्षाओं की तैयारी में जुटने का संदेश दिया।




उन्होंने कहा कि परीक्षाएं शिक्षण का अभिन्न अंग हैं। मूल्यांकन की व्यापक प्रक्रिया से विद्यार्थियों को अपनी प्रगति का पता लगता है। इसी प्रकार लिखित परीक्षाएं विद्यार्थियों के आगे बढऩे में निर्णायक की भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं को लेकर विद्यार्थियों का रवैया सकारात्मक और स्पर्धी होना चाहिए। परीक्षा की तैयारी के लिए योजना और प्रबंधन की जरूरत है। जो विद्यार्थी योजना बनाकर अपने काम में जुटते हैं और योजना के अनुरूप कार्य की गति और स्थिति को जांचते रहते हैं, उनकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि परीक्षा की तैयारी करते हुए सभी विषयों पर संतुलित ध्यान दें। किसी विषय पर अधिक ध्यान देना और किसी विषय को नजऱंदाज़ कर देना सफलता के मार्ग की बाधा बन सकता है। तैयारी के दौरान अपनी खूबियों और कमजोरियों को चिह्नित करना जरूरी है। किसी विषय के किसी हिस्से में कमजोर होने पर विद्यार्थियों को अध्यापकों से उचित मार्गदर्शन प्राप्त करना चाहिए। अरुण कैहरबा ने कहा कि परीक्षा से पूर्व और दौरान अच्छा स्वास्थ्य निहायत ज़रूरी है। बिमारी की अवस्था में समय और धन खराब होगा। पढ़ाई पर ध्यान नहीं रह पाएगा। उन्होंने कहा कि अच्छा भोजन, शुद्ध पानी स्वास्थ्य की पूर्व शर्त है। अत: आजकल घर का बना सादा एवं पौष्टिक भोजन ही लें। 
स्कूल चेयरमैन सदासुख कांबोज ने कहा कि विद्यार्थियों का भविष्य उनके अपने हाथ में है। समय की कद्र करते हुए निरंतर पढऩा और समझे गए पाठों का नियमित रूप से अभ्यास करना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता व गुरूजनों का आदर करने और उनकी भावनाओं को समझ कर कदम उठाने का भी संदेश दिया। इस मौके पर नीलम कांबोज ने भी विद्यार्थियों को संदेश दिया।

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