Thursday, January 23, 2020

SUBHASH CHANDER BOSS JAYANTI IN GHS KARERA KHURD

आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाष बोस जैसा रणनीतिकार योद्धा दूसरा नहीं: अरुण

जयंती पर नेताजी के आजादी की लड़ाई में योगदान पर संगोष्ठी आयोजित

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर आजादी की लड़ाई में नेताजी का योगदान विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई अनेक वीरों के साहस और बलिदान से भरी हुई है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस उनमें एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। जनता में नेताजी के नाम से लोकप्रिय सुभाष बोस ने जय हिंद, तुम मुझे खून दो-मैं तुम्हें आजादी दूंगा और दिल्ली चलो आदि नारों से भारत ही नहीं दुनिया के विभिन्न देशों में गए भारतीयों में देशभक्ति व जोश का संचार किया। दिल में आजादी की गहरी तड़प होने के कारण उन्होंने अंग्रेजी सरकार में आईसीएस अधिकारी की नौकरी छोड़ दी और देश को अंग्रेजी साम्राज्यवादी शासन से मुक्ति दिलाने की लड़ाई में कूद पड़े। उस समय आजादी की लड़ाई का नेतृत्व कर रही कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। उनके क्रांतिकारी कदमों के कारण उन्हें कईं बार जेल जाना पड़ा। अंग्रेजी सरकार ने उन्हें उनके ही घर में नजरबंद कर लिया। अंग्रेजों को चकमा देकर वे काबुल से होते हुए जर्मनी पहुंचे। हिटलर और जर्मनी के नेताओं से मिलकर देश की आजादी की लड़ाई में सहयोग का आश्वासन प्राप्त किया। बोस ने आजाद हिन्द फौज की स्थापना की। उनमें आजादी के लिए जोश भरा और भारत की तरफ कूच किया। दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद वे रूस से सहयोग जुटाने के लिए हवाई जहाज से निकले, लेकिन रास्ते में लापता हो गए। अरुण कैहरबा ने कहा कि आजादी की लड़ाई में दुनिया के विभिन्न देशों का सहयोग जुटाने में सुभाष बोस जैसा रणनीतिकार व योद्धा दूसरा दिखाई नहीं देता। उनका जीवन और आजादी की लड़ाई में उनका योगदान हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है। संगोष्ठी के दौरान पीहू, अनु, सुमित, सुमन विश्वास, मधु सहित विद्यार्थियों ने प्रस्तुति दी। इस मौके पर प्राध्यापक संदीप अहलावत, अध्यापक ओमप्रकाश, सुखिन्द्र कौर, रजनी, वंदना, अमरनाथ धीमान, उषा, किशोरी लाल, सुल्तान सिंह, डिंपल व लवकेश उपस्थित रहे।

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