Friday, October 25, 2019

दीवाली मनाएं, पर्यावरण भी बचाएं

करेड़ा खुर्द के राजकीय स्कूल में विद्यार्थियों ने बनाई रंगोलियां

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न कक्षाओं में विद्यार्थियों ने सफाई की। रंगोलियां बनाई और दीए जलाकर अपने कक्षा-कक्षाओं को सजाया। विद्यार्थियों ने दीपावली पर आतिशबाजी नहीं करने या प्रतीकात्मक तौर पर करने का संकल्प करने किया।
कार्यक्रम की अगुवाई प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, संदीप कुमार, ईएसएचएम विष्णु दत्त, अध्यापक ओम प्रकाश, रजनी, मंजू, उषा, वंदना शर्मा, किशोरी लाल, सुल्तान, रवि कुमार, डिंपल, लवकेश की। समारोह में अंधेरे से उजाले की ओर व शिक्षा का संदेश देने वाले गीत गाए गए।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि दीपावली पर्व रोशनी व खुशियों का त्योहार है। दीए को जलाकर अंधेरा दूर किया जाता है। इसी के साथ-साथ दीए शिक्षा के उजियारे का प्रतीक भी हैं। उन्होंने कहा कि बम फोड़ कर व आतिशबाजी करके खुशियां मनाने की परंपरा हर दृष्टि से नुकसानदायक है। इससे मेहनत से कमाया गया धन तो नष्ट होता है। आतिशबाजी से पैदा हुआ जहरीला धूआं पर्यावरण को दूषित करता है और शोर ध्वनि प्रदूषण फैलाता है। दीपावली पर की गई आतिशबाजी से पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक बढ़ जाती है कि हवा में सांस लेना भी दूभर हो जाता है। उन्होंने कहा कि बिमार लोगों के लिए दीपावली का दिन और रात असहनीय हो जाती है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि मिलजुल कर दीए जलाएं और एक-दूसरे का मीठा मुंह करवाकर दीपोत्सव मनाएं। आतिशबाजी से होने वाले नुकसान से लोगों को सचेत करें। मौलिक मुख्याध्यापक विष्णुदत्त ने कहा कि दिवाली का त्योहार दिलों की दूरियों को दूर करने का दिन है। 

Monday, October 14, 2019

LEGAL AWARENESS & POUDHGIRI PROGRAMME IN GHS KARERA KHURD YAMUNANAGAR


करेड़ा खुर्द के राजकीय स्कूल में सौंदर्यीकरण के लिए लगाए फूलों के पौधे

विधिक सेवा सप्ताह के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्कूल सौंदर्यीकरण के लिए फूलों के पौधे रोपे गए। विभिन्न कक्षाओं के विद्यार्थियों ने पौधरोपण अभियान में मिलकर कार्य किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत स्कूल में कानूनी जागरूकता सप्ताह के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में प्राधिकरण से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश कुमार डेहरिया ने विद्यार्थियों को जल संरक्षण, वन्य जीव सुरक्षा और सडक़ सुरक्षा के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। स्कूल में चल रहे पौधरोपण अभियान में उन्होंने भी  पौधरोपण किया।

स्कूल में पौधरोपण अभियान की अगुवाई हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, अंग्रेजी प्राध्यापक संदीप कुमार, मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त, अध्यापक ओमप्रकाश, सुखिन्द्र कौर, उषा, वीरेन्द्र कुमार, वंदना शर्मा, किशोरी लाल, सुल्तान सिंह ने की। 

पानी को व्यर्थ करने का सिलसिला यूं ही चलता रहा तो मुश्किल होगी: सुरेश डेहरिया                                                         सुरेश डेहरिया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पानी जीवन का आधार है। धरती पर केवल एक प्रतिशत ही पानी पीने लायक है। उस पानी को यदि व्यर्थ बहाने का सिलसिला यूं ही चलता रहा तो आने वाले समय में जीना दूभर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे उपायों एवं जागरूकता का परिचय देते हुए हम बहुत सा पानी बचा सकते हैं।

पौधरोपण के साथ पौधपोषण एवं संरक्षण भी जरूरी: अरुण
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि पौधरोपण के साथ-साथ पौधपोषण एवं संरक्षण भी जरूरी है। पेड़-पौधों के प्रति स्वार्थी नजर का ही परिणाम है कि आज अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज पर्यावरण के अनुकूल विकास की सोच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पौधरोपण पौधपोषण में विद्यार्थी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में गेंदा, डहेलिया, पिटोनिया, तुलसी, मोरपंखी आदि पौधे रोपे गए। विद्यार्थियों ने पौधों को बचाने का संकल्प किया।



Thursday, October 10, 2019

Beti Bachao Beti Padhao Painting Competition in GHS Karera Khurd

लड़कियां बदलेंगी समाज की सोच: ओमप्रभा 

नौवीं कक्षा की मोनिका ने पहला और लवकेश की पेंटिंग ने पाया दूसरा स्थान

गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में स्कूल के विद्यार्थियों ने सुंदर पेंटिंग बनाकर बेटियों की बराबरी, शिक्षा व सशक्तिकरण का संदेश दिया। मुख्य अतिथि के रूप में मुख्याध्यापिका ओमप्रभा शर्मा ने विद्यार्थियों की हौंसला अफजाई की। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। निर्णायक मंडल की भूमिका पंजाबी अध्यापिका सुखिन्द्र कौर व संस्कृत शिक्षिका रजनी ने निभाई। आयोजन में अंग्रेजी प्राध्यापक संदीप कुमार, मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त, विज्ञान अध्यापक ओमप्रकाश, वीरेंद्र कुमार व वंदना ने सहयोग किया।
पेंटिंग में नौवीं कक्षा की मोनिका ने पहला, लवकेश ने दूसरा, आठवीं की मधु ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके अलावा
सातवीं कक्षा की छात्रा भावना व छठी कक्षा की गरिमा
गरिमा की पेंटिंग को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। मुख्याध्यापिका ओमप्रभा शर्मा ने कहा कि हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कितनी ही बेटियां आज देश के उच्च पदों को सुशोभित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाली लड़कियां समाज की सोच को बदलने में महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई का विशेष ध्यान रखने और मन लगाकर कर पढ़ने व आगे बढ़ने का संदेश दिया।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि लड़कियों को बोझ मानना, कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा सहित अनेक बुराईयां समाज को पीछे खींच रही हैं। सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है। इस मौके पर मुख्य शिक्षिका उषा रानी, मंजू, सुल्तान सिंह, किशोरी लाल, डिंपल, रवि कुमार, राजेंद्र कुमार मौजूद रहे।



Wednesday, October 9, 2019

राजकीय उच्च विद्यालय, करेड़ा खुर्द में मनाया गया विश्व डाक दिवस


तमिल कहानी टिकट-अलबम का किया गया वाचन व चर्चा

चि_ियां व डाक टिकटें किसी देश की संस्कृति व इतिहास का झरोखा: अरुण कैहरबा


गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में विश्व डाक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर छठी कक्षा की हिन्दी की पाठ्य पुस्तक वसंत भाग-1 में संकलित सुंदरा रामस्वामी की तमिल कहानी टिकट-अलबम पढ़ी गई और उस पर चर्चा की गई। तमिल से कहानी का हिन्दी अनुवाद सुमति अय्यर ने किया है। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहानी के वाचन के दौरान डाक टिकटों और चि_ियों की अहमियत पर चर्चा की। वाचन में कक्षा के विद्यार्थियों ने सहयोग किया। 

हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि डाक सेवाओं का मानव विकास में अहम योगदान रहा है। संचार क्रांति में मोबाइल के आगमन से पहले दूर-दराज में गए व रहने वाले प्रियजनों व रिश्तेदारों तक संदेश भेजने का चि_ियां ही मुख्य जरिया थी। महत्वपूर्ण शख्सियतों की चि_ियां किताबों की शक्ल में छपी हुई हैं। उन्होंने बताया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल में रहते हुए अपनी बेटी इंदिरा गांधी को पत्र लिखे। उन पत्रों में देश के इतिहास का पूरा झरोखा पढऩे को मिल जाएगा। भगत सिंह, महात्मा गांधी सहित अनेक साहित्यकारों के पत्र आज हमारी धरोहर हैं, जिन्हें पढक़र हम उनके विचारों और उस समय के संघर्षों से परिचय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चिट्टियों पर लगाई जाने वाली टिकटें किसी भी देश के इतिहास व संस्कृति का परिचय देती हैं। डाक टिकटें इक_ा करना और उनकी एलबम बनाना एक बहुत अच्छा शौंक है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्कूल में नहीं आने पर प्रार्थना-पत्र लिखने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कोई भी समस्या आने और विद्यार्थियों की अनुपस्थिति की सूचना देने के लिए विद्यार्थियों को प्रार्थना-पत्र लिख कर अपनी बात कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव व आस-पास की समस्याओं के बारे में जानकारी देने व शिकायत करने के लिए हमें अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचना देनी चाहिए ताकि समस्याओं का समय पर निदान हो सके। इस मौके पर अंग्रेजी प्राध्यापक संदीप कुमार, पंजाबी अध्यापिका सुखिन्द्र कौर, विज्ञान अध्यापक ओमप्रकाश, रवि कुमार, किशोरी लाल, सुल्तान सिंह व मंजू उपस्थित रहे।

टिकट-अलबम की कहानी-


टिकट-अलबम कहानी में नागराजन के पास सिंगापुर में गए उसके मामा उपहार के रूप में एक अलबम भेजते हैं। इस अलबम से नागराजन स्कूल के सभी विद्यार्थियों के आकर्षण के केन्द्र में आ जाता है। सभी बच्चे उसके पास आते हैं और अलबम देखते हैं। नागराजन सभी को एक-एक पन्ना खोलकर अपनी अपना अलबम दिखाता है। सभी बच्चे उसकी प्रशंसा करते हैं। इससे राजप्पा द्वारा खुद तैयार किया गया अलबम को देखने के लिए कोई उत्साहित नहीं होता। राजप्पा इससे ईष्र्या का शिकार हो जाता है। वह नागराजन के घर जाकर उसका अलबम चुरा लाता है। उस समय नागराजन घर पर नहीं होता। नागराजन घर पहुंचता है और अलबम नहीं पाकर बहुत परेशान हो जाता है। वह रोने लगता है। दूसरी तरफ चोरी के कारण राजप्पा की मानसिक स्थिति भी खराब हो जाती है। राजप्पा के घर जब भी कोई आता है तो उसे लगता है कि कहीं पुलिस ना आ गई हो। वह नागराजन की अलबम को अलग-अलग स्थानों पर रखता है और अंत में उसकी अम्मा उस अलबम को अंगीठी में जला देती है। नागराजन राजप्पा के घर पहुंचता है तो राजप्पा उसे अपना अलबम लेने की पेशकश करता है। बच्चे कहानी का आनंद लेते हुए विभिन्न प्रकार के भावों पर चर्चा करते हैं और टिकट अलबम के खुद बनाए जाने व उपहार में दी गई टिकट अलबम की तुलना करते हैं।

Tuesday, October 8, 2019

राजकीय उच्च विद्यालय, करेड़ा खुर्द में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध लेखन प्रतियोगिता

निबंध लेखन में मधु ने पाया पहला स्थान
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में 7 अक्तूबर, 2019 को बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मुख्याध्यापिका ओमप्रभा शर्मा के निर्देशानुसार आयोजित प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व संस्कृत अध्यापिका रजनी ने किया। मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त, अध्यापक ओमप्रकाश, वीरेंद्र कुमार, वंदना शर्मा, एलए रवि कुमार, लवकेश, लिपिक मंजू ने सहयोग किया। 
प्रतियोगिता में आठवीं कक्षा की छात्रा मधु ने पहला, मुस्कान ने दूसरा और मीनाक्षी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्राथमिक कक्षाओं में पांचवीं कक्षा की छात्रा निधि ने पहला स्थान हासिल किया।
इस मौके पर बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार ने कहा कि बेटी और बेटे में फर्क नहीं होता है, लेकिन हमारा समाज अनेक प्रकार की संकीर्णताओं में जकड़ा हुआ है। जिस कारण बेटियों को बेटों से कमतर माना जाता है। उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान का उद्देश्य लोगों की सोच को बदलना है और विद्यार्थियों में आत्मविष्वास पैदा करना है ताकि वे लोगों की सोच को बदलने में अपनी भूमिका निभा सकें। उन्होंने अभियान के तहत स्कूल में अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना है।
सोमवार को निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संस्कृत शिक्षिका रजनी ने निर्णायक की भूमिका निभाते हुए परिणाम निकाला और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। इस मौके पर राजेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।