करेड़ा खुर्द के राजकीय स्कूल में विद्यार्थियों ने बनाई रंगोलियां
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में दीपावली का पर्व धूमधाम से मनाया गया। विभिन्न कक्षाओं में विद्यार्थियों ने सफाई की। रंगोलियां बनाई और दीए जलाकर अपने कक्षा-कक्षाओं को सजाया। विद्यार्थियों ने दीपावली पर आतिशबाजी नहीं करने या प्रतीकात्मक तौर पर करने का संकल्प करने किया।कार्यक्रम की अगुवाई प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, संदीप कुमार, ईएसएचएम विष्णु दत्त, अध्यापक ओम प्रकाश, रजनी, मंजू, उषा, वंदना शर्मा, किशोरी लाल, सुल्तान, रवि कुमार, डिंपल, लवकेश की। समारोह में अंधेरे से उजाले की ओर व शिक्षा का संदेश देने वाले गीत गाए गए।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि दीपावली पर्व रोशनी व खुशियों का त्योहार है। दीए को जलाकर अंधेरा दूर किया जाता है। इसी के साथ-साथ दीए शिक्षा के उजियारे का प्रतीक भी हैं। उन्होंने कहा कि बम फोड़ कर व आतिशबाजी करके खुशियां मनाने की परंपरा हर दृष्टि से नुकसानदायक है। इससे मेहनत से कमाया गया धन तो नष्ट होता है। आतिशबाजी से पैदा हुआ जहरीला धूआं पर्यावरण को दूषित करता है और शोर ध्वनि प्रदूषण फैलाता है। दीपावली पर की गई आतिशबाजी से पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा इतनी अधिक बढ़ जाती है कि हवा में सांस लेना भी दूभर हो जाता है। उन्होंने कहा कि बिमार लोगों के लिए दीपावली का दिन और रात असहनीय हो जाती है। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि मिलजुल कर दीए जलाएं और एक-दूसरे का मीठा मुंह करवाकर दीपोत्सव मनाएं। आतिशबाजी से होने वाले नुकसान से लोगों को सचेत करें। मौलिक मुख्याध्यापक विष्णुदत्त ने कहा कि दिवाली का त्योहार दिलों की दूरियों को दूर करने का दिन है।