Friday, February 21, 2014

शील-जागा नया इंसान ज़माना बदलेगा

जागा नया इंसान ज़माना बदलेगा


जागा नया इंसान ज़माना बदलेगा, बदलेगा
उठा है जो तूफ़ान, वो इस दुनिया को बदल कर दम लेगा

आयेंगी मुश्किलें हजारों, पर हम भी लाचार नहीं
दो कौड़ी के मोल आज हम बिकने को तैयार नहीं
इस जीवन का इतिहास आज से, एक नई करवट लेगा
जागा नया इंसान ज़माना बदलेगा, बदलेगा

एका सबसे पहले यारों समय की है पुकार यही
एका हर बल से जीतेगा ढाल यही तलवार यही
हम एक अगर हो जाएँ तो एका सारे करतब कर लेगा
जागा नया इंसान ज़माना बदलेगा, बदलेगा

-शील

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