Friday, October 11, 2013

बड़े भाईसाहब का मंचन

बुलबुल टीम ने किया प्रेमचंद की कहानी बड़े भाईसाहब का मंचन।
व्यावहारिक एवं जीवन से जुड़ी शिक्षा का दिया संदेश।
इन्द्री, 11 अगस्त, 2013-



गांव पटहेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद सोमनाथ स्मारक समिति से जुड़ी बुलबुल नाटक टीम ने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाईसाहब’ का नाट्य मंचन किया। नाटक में बच्चों की खेलों व आनंददायी गतिविधियों के माध्यम से खेलने की इच्छाओं को बड़े शानदार ढ़ंग से दर्शाते हुए व्यावहारिक एवं जीवन से जुड़ी शिक्षा का संदेश दिया गया। नाटक में बड़े भाई की भूमिका रंगकर्मी अरुण कैहरबा व गोपाल कुमार, छोटे भाई की भूमिका मुकेश कैहरबा, रविन्द्र कुमार व बंसी लाल ने निभाई। पापड़ वाले, पतंग वाले व गुब्बारे वाले की भूमिका में चन्द्रभान, शरारती बच्चों की भूमिका मीना, मुस्कान, नेहा पासवान, सुमन, अभिषेक, खुशी, दीपा, ज्योति,  नेहा पासवान, रूपा, आर्यन व सुरेश कुमार ने निभाई। समारोह की अध्यक्षता स्कूल इंचार्ज सीमा गाबा व मुख्याध्यापक लाल चंद ने की।
समारोह में बोलते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि प्रेमचंद ने आम लोगों की भाषा में अनेक कहानियां लिख कर सामाजिक विसंगतियों की तरफ इशारा किया है। ‘बड़े भाईसाहब’ उनकी ऐसी कहानी है, जिसमें छोटे भाई व बड़े भाई के संवाद के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था की नब्ज़ टटोलने की सफल कोशिश की गई है। देश की आज़ादी से पूर्व लिखी गई यह कहानी आज भी प्रासंगिक है। यही कारण है कि भिन्न-भिन्न स्थानों पर किए गए इसके मंचन को विभिन्न आयु वर्ग के दर्शकों ने खूब सराहना की है। उन्होंने कहा कि अनुकूल वातावरण व रूचिकर शिक्षण विधियों के अभाव में शिक्षा बोझिल व ऊब पैदा करने वाली हो जाती है। परीक्षा केन्द्रित शिक्षा में रट्टा लगाने व लगवाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम अपनी व्यावहारिकता के कारण बच्चों को बोझ लगने लगते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें बाल केन्द्रित आनंददायी शिक्षा व शिक्षण विधियों की जरूरत है, जिसमें बच्चों की कल्पनाशीलता, क्रियाशीलता व सृजनात्मक शक्ति का विकास हो सके। यह नाटक इसी जरूरत को रखांकित करता है। टीम के संयोजक गोपाल कुमार ने कहा कि आगे बढऩे के लिए हमें शिक्षा  को औजार बनाना चाहिए। 
मुख्याध्यापक लाल चंद व संस्कृत अध्यापक रमेश दत्त ने बुलबुल टीम का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों में कलात्मक अभिरूचियों का विकसित किया जाना जरूरी है, ताकि हरएक बच्चा अपनी भावनाओं एवं विचारों को आत्मविश्वास के साथ अभिव्यक्त कर सके। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि टीम के कलाकारों से प्रेरणा लेते हुए वे भी अपने भीतर इस प्रकार की प्रतिभा विकसित करें। समारोह में रूपांशी, रीना, रवीना, पूनम, स्वाति व अंजू ने जागरूकता गीत प्रस्तुत किए। इस मौके पर विशेष अध्यापक अमित कुमार, सरिता, राजेन्द्र, दयाल चंद, श्याम लाल, किशोर कुमार, राजेन्द्र, विकास, हरी राम, ऊषा काम्बोज, रमेश कुमार, स्वयंसेवी अध्यापक राजबीर, रजनी, नरेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।

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