Saturday, November 23, 2024

SCHOOL BEAUTIFICATION & PHOOLON KI MUHIM IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

शिक्षा अनुकूल वातावरण निर्माण में अध्यापकों का सहयोग जरूरी: राम कुमार

स्कूल सौंदर्यीकरण व फूलों की मुहिम चलाई

अध्यापकों मिलजुल कर बनाई क्यारियां व लगाई पौध

इन्द्री, 23 नवंबर 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्कूल सौंदर्यीकरण एवं फूलों की मुहिम के तहत विभिन्न प्रकार के फूलों की पौध लगाई गई। प्रधानाचार्य राम कुमार के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में अध्यापकों ने मुहिम में श्रमदान किया और क्यारियां बनाकर फूलों की पौध लगाई।


सबसे पहले आपसी संस्था के सौजन्य से फ्लावर मैन डॉ. रामजी जयमल के द्वारा इस्लामनगर गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में लगाई गई फूलों की पौध लाई गई। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, नरेश कुमार मीत, सलिन्द्र मंढ़ाण, बलराज कांबोज, अश्वनी कांबोज की टीम इस्लामनगर स्कूल से फूलों की पौध लेकर आई। इस्लामनगर स्कूल में मुहिम संयोजक अध्यापक अजैब सिंह व अध्यापकों ने पौध प्राप्त करने में मदद की। इसके बाद ब्याना स्कूल में प्राध्यापक डॉ. सुभाष चंद, अरुण कैहरबा, सलिन्द्र मंढ़ाण, दिनेश कुमार, सन्नी चहल, बलराज कांबोज, रमन  बग्गा, विवेक शर्मा, विनोद आचार्य, मुकेश खंडवाल, राजेश सैनी, बलविन्द्र सिंह, गोपाल दास, नरेन्द्र कुमार, अश्वनी कांबोज, डॉ. महाबीर सिंह, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरी सहित सदस्यों की टीम ने मिलजुल कर क्यारियां तैयार की। साथ ही पौध रोपण और सिंचाई कार्य भी किया गया। 


प्रधानाचार्य राम कुमार ने साथ खड़े होकर अध्यापकों का उत्साहवर्धन करते हुए पौध रोपण भी किया। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से किसी भी संस्थान को चमकाया जा सकता है। ब्याना का राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शिक्षा व सहायक क्रियाओं में इसलिए विशेष पहचान रखता है, क्योंकि स्कूल में कर्मठ अध्यापकों की टीम है। उन्होंने कहा कि सीखने और सिखाने की प्रक्रिया की सफलता अनुकूल वातावरण पर निर्भर करती है। वातावरण का निर्माण करने के लिए अध्यापकों का स्कूल सौंदर्यीकरण में सक्रिय सहयोग व योगदान जरूरी है। 


फूलों की मुहिम से जुड़े प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का निरंतर बढ़ते जाना अैर वायु गुणवत्ता का खराब और बेहद खराब स्तर पर जाना प्रकृति से मनुष्य के निरंतर कटते जाने का नतीजा है। प्रकृति और पर्यावरण से हम लेना तो जानते हैं, लेकिन प्रकृति को कुछ देने से मनुष्य लगातार दूर भागता गया है। हमारी जीवन शैली प्रकृति के विरूद्ध है। पेड़ों के कटाव ने एक बहुत बड़ी त्रासदी को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि फूलों की मुहिम पर्यावरण संरक्षण की मुहिम है। प्रकृति के नजदीक जाने की मुहिम है। उन्होंने कहा कि इन्द्री क्षेत्र में रायतखाना व इस्लामनगर के स्कूलों में लगाई गई पौध को मुफ्त प्राप्त करके हम अपने संस्थान और घरों के आंगन को फूलों से महका सकते हैं।




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