रा.मॉ.सं.व.मा. विद्यालय ब्याना में मनाया नशा मुक्ति दिवस
पेंटिंग प्रतियोगिता में तनु ने पहला और हर्षिता ने पाया दूसरा स्थान
विज्ञापनों की बजाय प्रेरक शख्सियतों के जीवन-संघर्षों से सीखें: अरुण
करनाल, 26 जून
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूल में पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का संयोजन प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सतीश राणा, गोपाल दास, विनोद कुमार, राजेश कुमार, दिनेश कुमार व प्राथमिक पाठशाला की प्रभारी स्नेह लता ने किया।
प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा की छात्रा तनु ने पहला, कॉमर्स संकाय से 11वीं कक्षा की छात्रा हर्षिता ने दूसरा और दसवीं कक्षा की छात्रा उमा शर्मा, 11वीं वाणिज्य संकाय की छात्रा प्राची व याचिका ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया। अध्यापकों ने सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने नारों के माध्यम से भी नशा मुक्ति का संदेश दिया। इस मौके पर अध्यापकों ने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और समाज में नशे के फैलाव के कारणों को समझते हुए इसे समाप्त करने के प्रयास करने का आह्वान किया। प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय स्थान पर आई छात्रा तनु व हर्षिता ने अपनी पेंटिंग पर बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पेंटिंग में नशे के प्रकार और दुष्प्रभावाओं को चित्रित किया है।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा व्यक्ति के मनुष्य के स्वास्थ्य, आर्थिक व सामाजिक स्थिति की दृष्टि से खतरनाक है। उन्होंने कहा कि टेलीविजन, सिनेमा और विज्ञापन कईं बार नशे की महिमा गाते दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को फिल्मी हीरो की बजाय जीवन में प्रेरक शख्सियतों की मेहनत से प्रेरणा लेकर आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई, साहित्य, विज्ञान और समाज के बहुत से व्यक्तित्वों के बारे में स्कूल में पढ़ाया जा रहा है। उनके जीवन और संघर्षों में बहुत सी प्रेरणाएं हैं। विज्ञापनों के दुष्प्रचार से ना केवल विद्यार्थियों को खुद बचना है, बल्कि जागरूकता फैलाते हुए नशे सहित अन्य बुराईयों से मुक्त समाज का भी निर्माण करना है।
प्रतियोगिता में नौवीं कक्षा की छात्रा तनु ने पहला, कॉमर्स संकाय से 11वीं कक्षा की छात्रा हर्षिता ने दूसरा और दसवीं कक्षा की छात्रा उमा शर्मा, 11वीं वाणिज्य संकाय की छात्रा प्राची व याचिका ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया। अध्यापकों ने सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने नारों के माध्यम से भी नशा मुक्ति का संदेश दिया। इस मौके पर अध्यापकों ने विद्यार्थियों के साथ संवाद किया और समाज में नशे के फैलाव के कारणों को समझते हुए इसे समाप्त करने के प्रयास करने का आह्वान किया। प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय स्थान पर आई छात्रा तनु व हर्षिता ने अपनी पेंटिंग पर बोलते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पेंटिंग में नशे के प्रकार और दुष्प्रभावाओं को चित्रित किया है।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा व्यक्ति के मनुष्य के स्वास्थ्य, आर्थिक व सामाजिक स्थिति की दृष्टि से खतरनाक है। उन्होंने कहा कि टेलीविजन, सिनेमा और विज्ञापन कईं बार नशे की महिमा गाते दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को फिल्मी हीरो की बजाय जीवन में प्रेरक शख्सियतों की मेहनत से प्रेरणा लेकर आगे बढऩा चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई, साहित्य, विज्ञान और समाज के बहुत से व्यक्तित्वों के बारे में स्कूल में पढ़ाया जा रहा है। उनके जीवन और संघर्षों में बहुत सी प्रेरणाएं हैं। विज्ञापनों के दुष्प्रचार से ना केवल विद्यार्थियों को खुद बचना है, बल्कि जागरूकता फैलाते हुए नशे सहित अन्य बुराईयों से मुक्त समाज का भी निर्माण करना है।
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