Saturday, June 3, 2023

KERAL TO KASHMIR THEATRE JOURNEY REACHED INDRI, WELCOMED THEATRE ACTIVIST VITHURA SUDHAKARAN

 केरल से कश्मीर यात्रा पर निकले रंगकर्मी सुधाकरन का इन्द्री में जोरदार स्वागत

12 भाषाएं, एक नाटक-एकता

भारत की विविधता में एकता की झांकी प्रस्तुत की


इन्द्री, 2 जून
केरल से कश्मीर की मोटरसाइकिल यात्रा पर निलके रंगकर्मी विथुरा सुधाकरन इन्द्री पहुंचे। केरल के त्रिवेन्द्रम से संबंध रखने वाले सुधाकरन ने स्थानीय लडक़ों के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित समारोह में भारत की विविधता में एकता की झांकी पेश करता अपना नाटक- एकता प्रस्तुत किया। नाटक में उन्होंने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, मोहन राकेश, बलवंत गार्गी, कालीदास सहित देश के प्रसिद्ध नाटककारों के नाटकों व देश की बहुरंगी संस्कृति की झांकी प्रस्तुत की। भारत की भाषायी विविधता के मामले में भी नाटक अनूठा था। एकल  नाटक-एकता में सुधाकरन ने देश की 12 शास्त्रीय भाषाओं का इस्तेमाल किया। पानीपत से रंगकर्मी उषा गौतम और जरनैल सिंह रंगकर्मी सुधाकरन को इन्द्री छोड़ कर गए। अपनी मोटरसाइकिल पर नाटक का पूरा सेट, परिधान, सामग्री आदि लेकर चल रहे रंगकर्मी का इन्द्री के रंगकर्मियों, अध्यापकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फूलमालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया। मंच संचालन रंगकर्मी अरुण कुमार कैहरबा व रविन्द्र शिल्पी ने किया। बीआरपी धर्मेन्द्र चौधरी, कविता कांबोज, एबीआरसी शैलजा, अध्यापक महिन्द्र खेड़ा, अध्यापक संघ के प्रधान बलराज चहल, पूर्व प्रधान मान सिंह चंदेल, गुंजन, धर्मवीर लठवाल, जगदीश, सुनील सिवाच, सबरेज अहमद, उधम सिंह, सूरजभान बुटानखेड़ी, समय सिंह सहित अनेक अध्यापकों ने उनका स्वागत किया।

सुधाकरन ने बताया कि उन्होंने त्रिवेन्द्रम स्थित भारत भवन में 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस पर अपनी नाटक यात्रा की शुरूआत की थी। इन्द्री में उन्होंने 42वीं प्रस्तुति दी है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में निकाली जा रही इस यात्रा में उन्हें देशवासियों का भरपूर स्नेह मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता को देखना और एकता के सूत्र में पिरोना उनके नाटक का मकसद है। अरुण कैहरबा ने कहा कि सुधाकरन जी की थियेटर ऑन व्हील रंगयात्रा देश के सांस्कृतिक इतिहास में अनूठी यात्रा है। इस तरह की यात्राएं लोगों को आपस में जुडऩे व जानने का मौका देती हैं। रविन्द्र शिल्पी ने नाटक देखने के बाद नाटक के कलात्मक पक्ष पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एकता नाम का यह नाटक एकता का प्रयोग है, जिसमें देश की विविध कलाओं की झांकी को देखा जा सकता है।


इन्द्री के बाद गांव नन्हेड़ा स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला में स्कूल मुखिया महिन्द्र खेड़ा, सुरेश नगली सहित अध्यापकों ने रंगकर्मी सुधाकरन का स्वागत किया। यहां पर अतिथि ने स्कूल के पेड़ों पर उगे आड़ू फल का सेवन किया। उन्होंने स्कूल के प्राकृतिक वैभव और अध्यापकों की मेहनत की सराहना की। 
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