Friday, October 25, 2013

chalo banaen rasta

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Wednesday, October 23, 2013

स्पैट-2014 के प्रथम चरण के तहत खेल

खेल शिक्षा का अभिन्न हिस्सा: अरुण।स्पैट-2014 के प्रथम चरण के तहत खेल आयोजित।

करनाल जिला के गांव पटहेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्पैट-2014 के प्रथम चरण के तहत गत कईं दिन से खेल आयोजित करवाए जा रहे हैं। बुधवार दिनांक 23 अक्तूबर, 2013 को विद्यार्थियों ने स्पैट की विभिन्न स्पर्धाओं का कड़ा अभ्यास किया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार व पीटीआई स्नेहलता के मार्गदर्शन में दीपक, रीना, रोहताश, शुभम, कर्मजीत, अंकुश, मोहम्मद तालिब, तमन्ना व शुभम ने विद्यार्थियों का अभ्यास करवाया। 
विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अरुण कुमार ने कहा कि आज खेल शिक्षा का अभिन्न हिस्सा हैं और खेलों के बिना शिक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अनेक खिलाड़ी अपनी मेहनत व लगन की बदौलत देश व दुनिया के चमकते सितारे हैं, जिनके पदचिन्हों पर चलकर बच्चे व युवा अपनी सफलता के ख्वाब बुनते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्ले फॉर इंडिया योजना के तहत छोटी उम्र में ही खेल प्रतिभाओं की खोज का अभियान चलाया है। इसके प्रति वर्ष स्पैट (स्पोर्टस एंड फिजीकल एप्टिट्यूड टैस्ट) आयोजित करवाया जाता है। तीन चरणों में होने वाले इस टैस्ट के द्वारा 8 से 19 वर्ष तक के बच्चे एवं किशोर हिस्सा ले सकते हैं। तीनों चरण में सफल रहने वाले 8 से 14 वर्ष तक के खिलाडिय़ों को 15सौ रूपये और 15 से 19 वर्ष तक के खिलाडिय़ों को दो हजार रूपये प्रतिमाह वजीफा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि स्पैट के तहत सात स्पर्धाएं होती हैं। स्कूल स्तर पर होने वाले पहले चरण में 30मी. फ्लाईंग स्टार्ट, छह गुणा दस दौड़ और स्टेंडिंग ब्रॉड जंप स्पर्धा होती है। लेकिन द्वितीय और तीसरे चरण में 800मी. दौड़, फोरवार्ड बैंड एवं रीच, एस.वी. जम्प और मडिसिन बॉल नाम की चार स्पर्धाएं ओर भी शामिल हो जाती हैं। प्रत्येक स्पर्धा के कुल तीन अंकों के हिसाब से सात स्पर्धाओं के कुल 21 अंकों होते हैं। क्वलीफाई करने के लिए जिनमें से 17 अंक लेने अनिवार्य हैं। उन्होंने के स्पैट एक ऐसा मंच है, जिसके माध्यम से खेल प्रतिभाओं की पहचान की जाती है और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उन्हें उनके पसंदीदा खेलों में प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने स्पैट में सफलता हासिल करने के लिए सभी विद्यार्थियों से कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया। प्रधानाचार्य जयभगवान सैनी व मुख्याध्यापक लाल चंद ने स्पैट में हिस्सा ले रहे विद्यार्थियों का हौंसला बढ़ाया। इस मौके पर रमेश दत्त, श्याम लाल, राजेन्द्र उपस्थित रहे।   


Tuesday, October 15, 2013

मतदाता जागरूकता रैली

स्वतंत्रता आंदोलन का फल है लोकतंत्र: अरुण।
रैली निकाल कर दिया मतदाता जागरूकता का संदेश।
इन्द्री, 15 अक्तूबर, 2013। वोट बनवाने और वोट का सही इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक करने के गांव पटहेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने मतदाता जागरूकता रैली निकाली। रैली के दौरान गांव की गलियों से गुजरते हुए पंक्तिबद्ध विद्यार्थियों ने वोट बनवाओ, लोकतंत्र को सफल बनाओ, अपने हक को जानो, वोट की ताकत पहचानो, वोट डालना जरूरी है, चाहे जो मजबूरी है, लडक़ी की भी वोट बनवाओ, लोकतंत्र को सफल बनाओ, अब ना कोई बहाना है, वोट डालने जाना है और ना शराब से ना नोट से, सरकार बनेगी वोट से जैसे अनेक नारे लगाए। रैली को समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी अजीत सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और जन-जन तक वोट बनवाने का संदेश पहुंचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल इंचार्ज सीमा गाबा व मुख्याध्यापक लालचंद ने की तथा संचालन बीएलओ जगदीश राय ने किया। 
रैली शुरू होने से पहले विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में देश की जनता ने आजादी के साथ-साथ लोकतंत्र के लिए भी संघर्ष किया। देश का संविधान देश को धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है, जहां पर लिंग, जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र व रंग का भेदभाव किए सभी  को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जन भागीदारी का सबसे अधिक महत्व है। चुनावी प्रक्रिया लोकतंत्र का महापर्व मानी जाती है। चुनावों में 18 वर्ष या इससे ऊपर के सभी नागरिक हिस्सेदारी करते हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों में हिस्सेदारी के लिए सभी का वोट बनवाना जरूरी है। उन्होंने 1जनवरी, 2014 तक जिसकी भी उम्र 18वर्ष हो रही है, उन्हें शीघ्र वोट बनवाने का आह््वान किया। रैली के समापन पर मुख्याध्यापक ने कहा कि सभी विद्यार्थियों ने रैली के माध्यम से लोगों को वोट बनवाने का संदेश दिया है। हमें अपने गांव में भी सभी को वोट बनवाने के लिए प्रेरित करना है। इस मौके पर गांव के सरपंच धर्मपाल, ग्राम सचिव वेदपाल, पंचायत सदस्य जयपाल,  अध्यापक राजेन्द्र, रमेश दत्त, दयाल चंद, श्याम लाल, सतीश कुमार, स्नेहलता, रमेश कुमार, हरी राम, अशोक कुमार, बुद्धराम, संदीप उपस्थित रहे।




Friday, October 11, 2013

बड़े भाईसाहब का मंचन

बुलबुल टीम ने किया प्रेमचंद की कहानी बड़े भाईसाहब का मंचन।
व्यावहारिक एवं जीवन से जुड़ी शिक्षा का दिया संदेश।
इन्द्री, 11 अगस्त, 2013-



गांव पटहेड़ा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद सोमनाथ स्मारक समिति से जुड़ी बुलबुल नाटक टीम ने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाईसाहब’ का नाट्य मंचन किया। नाटक में बच्चों की खेलों व आनंददायी गतिविधियों के माध्यम से खेलने की इच्छाओं को बड़े शानदार ढ़ंग से दर्शाते हुए व्यावहारिक एवं जीवन से जुड़ी शिक्षा का संदेश दिया गया। नाटक में बड़े भाई की भूमिका रंगकर्मी अरुण कैहरबा व गोपाल कुमार, छोटे भाई की भूमिका मुकेश कैहरबा, रविन्द्र कुमार व बंसी लाल ने निभाई। पापड़ वाले, पतंग वाले व गुब्बारे वाले की भूमिका में चन्द्रभान, शरारती बच्चों की भूमिका मीना, मुस्कान, नेहा पासवान, सुमन, अभिषेक, खुशी, दीपा, ज्योति,  नेहा पासवान, रूपा, आर्यन व सुरेश कुमार ने निभाई। समारोह की अध्यक्षता स्कूल इंचार्ज सीमा गाबा व मुख्याध्यापक लाल चंद ने की।
समारोह में बोलते हुए कार्यक्रम के संयोजक एवं हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि प्रेमचंद ने आम लोगों की भाषा में अनेक कहानियां लिख कर सामाजिक विसंगतियों की तरफ इशारा किया है। ‘बड़े भाईसाहब’ उनकी ऐसी कहानी है, जिसमें छोटे भाई व बड़े भाई के संवाद के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था की नब्ज़ टटोलने की सफल कोशिश की गई है। देश की आज़ादी से पूर्व लिखी गई यह कहानी आज भी प्रासंगिक है। यही कारण है कि भिन्न-भिन्न स्थानों पर किए गए इसके मंचन को विभिन्न आयु वर्ग के दर्शकों ने खूब सराहना की है। उन्होंने कहा कि अनुकूल वातावरण व रूचिकर शिक्षण विधियों के अभाव में शिक्षा बोझिल व ऊब पैदा करने वाली हो जाती है। परीक्षा केन्द्रित शिक्षा में रट्टा लगाने व लगवाने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रम अपनी व्यावहारिकता के कारण बच्चों को बोझ लगने लगते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें बाल केन्द्रित आनंददायी शिक्षा व शिक्षण विधियों की जरूरत है, जिसमें बच्चों की कल्पनाशीलता, क्रियाशीलता व सृजनात्मक शक्ति का विकास हो सके। यह नाटक इसी जरूरत को रखांकित करता है। टीम के संयोजक गोपाल कुमार ने कहा कि आगे बढऩे के लिए हमें शिक्षा  को औजार बनाना चाहिए। 
मुख्याध्यापक लाल चंद व संस्कृत अध्यापक रमेश दत्त ने बुलबुल टीम का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों में कलात्मक अभिरूचियों का विकसित किया जाना जरूरी है, ताकि हरएक बच्चा अपनी भावनाओं एवं विचारों को आत्मविश्वास के साथ अभिव्यक्त कर सके। उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान किया कि टीम के कलाकारों से प्रेरणा लेते हुए वे भी अपने भीतर इस प्रकार की प्रतिभा विकसित करें। समारोह में रूपांशी, रीना, रवीना, पूनम, स्वाति व अंजू ने जागरूकता गीत प्रस्तुत किए। इस मौके पर विशेष अध्यापक अमित कुमार, सरिता, राजेन्द्र, दयाल चंद, श्याम लाल, किशोर कुमार, राजेन्द्र, विकास, हरी राम, ऊषा काम्बोज, रमेश कुमार, स्वयंसेवी अध्यापक राजबीर, रजनी, नरेन्द्र कुमार उपस्थित रहे।