Friday, November 7, 2025

VANDE MATRAM RASHTRIYA GEET 150TH ANNIVERSARY IN GMSSSS BIANA

 'वंदे मतरम' ने आजादी की चेतना फैलाने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका: अरुण कैहरबा

राष्ट्रीय गीत की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित

इन्द्री, 7 नवंबर

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों ने मिलकर राष्ट्रगीत का सामूहिक रूप से गान किया। कार्यक्रम के दौरान स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय गीत की भूमिका पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य रामकुमार सैनी ने की।


मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए हिंदी प्रध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि बंकिम चन्द्र चटर्जी भारतीय साहित्य के बेहद महत्वपूर्ण साहित्यकार हैं। उनके 'आनंद मठ' नाम के उपन्यास में राष्ट्रीय गीत संकलित है। वंदे मातरम की रचना आज ही के लिए 7 नवंबर, 1875 में हुई मानी जाती है। इस गीत के लिखने के पीछे एक रोचक कहानी है। बताता जाता है कि अंग्रेजी शासकों ने इंग्लैंड की महारानी के सम्मान में लिखे गए एक गीत को प्रत्येक समारोह में गाना अनिवार्य कर दिया था। इससे भारत के लोग बेहद आहत हुए। इसके जवाब में बंकिम चन्द्र चटर्जी ने भारत देश की शान में यह अमर कृति लिखी। आनंद मठ 1882 में प्रकाशित हुआ, जिसमें इस गीत का भी प्रयोग किया गया है। आनंद मठ और राष्ट्रीय गीत दोनों देश भक्ति की भावना और स्वतंत्रता की चेतना से ओतप्रोत हैं । आनंद मठ के प्रकाशन से अंग्रेजी शासन घबरा गया था। अंग्रेजों ने इस पर पाबंदी लगा दी थी। देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय गीत हर आजादी के मतवाले की जुबान पर था।

प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को स्वतंत्रता आंदोलन के नारों और गीतों की महत्ता को समझना चाहिए। वंदे मातरम की चेतना को अपनाकर ही हम देश की तरक्की और विकसित भारत के सपने को साकार कर सकते हैं।

कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षा अध्यापक रमन बग्गा ने किया। इस मौके पर प्राध्यापक डॉ. सुभाष भारती, सतीश राणा, बलविंद्र सिंह, विनोद भारतीय, सीमा गोयल, संजीव कुमार, बलराज कांबोज, राजेश सैनी, सलिन्द्र मंढाण, विनोद आचार्य, दिनेश कुमार, मुकेश खंडवाल, अनिल पाल, नरिन्द्र कुमार, विवेक शर्मा, नरेश मीत, अश्वनी कांबोज, बलिन्द्र कुमार, सोमपाल मौजूद रहे।

Thursday, November 6, 2025

DISTT. LEVEL SUNO KAHANI COMPETITION ON SH. GURU TEGH BAHADUR JI

 प्रेरणादायक है गुरु तेग बहादुर जी का जीवन व विचार: ज्योत्सना मिश्रा

350वें शहीदी दिवस पर जिला स्तरीय सुनो कहानी प्रतियोगिता आयोजित

हिन्दी में सिमरण, अंग्रेजी में काकुल और पंजाबी में मेहर सिंह ने पाया पहला स्थान

करनाल, 6 नवम्बर
करनाल पुराने बस अड्डे के पीछे स्थित पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नौवें गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर जिला स्तरीय सुनो कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ज्योत्सना मिश्रा ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन जिला गणित विशेषज्ञ सुमित मान ने किया। विभिन्न भाषा की प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सुनीता राणा, अंग्रेजी प्राध्यापक सुरेश कौशिक, यशदीप, पंजाबी  प्राध्यापक गुरनाम सिंह, सरबजीत कौर शामिल रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में एबीआरसी पूजा गर्ग, अनुराधा, डिंपल ने भूमिका निभाई।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ज्योत्सना मिश्रा ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन और विचार पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। वे एक आध्यात्मिक विद्वान, कवि और योद्धा थे। जिन्हें हिन्द की चादर कहा जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों को भाषण व कहानी सुनाने के कौशलों को समझने का संदेश देते हुए कहा कि भाषण देने और कहानी सुनाने में अंतर होता है। कहानी सुनाते हुए विद्यार्थी रोचकता, भाषा की शुद्धता और उतार-चढ़ाव का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने अध्यापकों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

यह रहे परिणाम-
सुनो कहानी प्रतियोगिता के हिन्दी भाषा वर्ग में राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल घरौंडा की छात्रा सिमरण ने पहला और कतलाहड़ी के राजकीय स्कूल की छात्रा अंशुल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। अंग्रेजी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चौरा की छात्रा काकुल ने पहला और रंबा स्कूल की छात्रा तमन्ना ने दूसरा स्थान पाया। पंजाबी में रंबा स्कूल के मेहर सिंह ने पहला और असंध के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थी गुरबख्शी ने दूसरा स्थान पाया। कार्यक्रम संयोजक सुमित मान ने बताया कि जिला स्तर पर स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी राज्य स्तर पर हिस्सा लेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी करते रहने का संदेश दिया।






Tuesday, November 4, 2025

GURU TEGH BAHADUR SHAHIDI DIVAS / BLOCK LEVEL COMPETITION AT INDRI (KARNAL)

ईशा, खुशबू, सरजीत सिंह ने सुनो कहानी में पाया पहला स्थान

रोनक, तनिशा, नैंसी व तमन्ना निबंध लेखन में रहे प्रथम

गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर खंड स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन

इन्द्री, 4 नवंबर
स्थानीय खंड शिक्षा कार्यालय के सभागार में खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी के मार्गदर्शन में नौवें गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में निबंध लेखन व सुनो कहानी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में खंड के विभिन्न स्कूलों के कईं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। नोडल अधिकारी के रूप में प्रधानाचार्या वीना गुप्ता व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कार्यक्रम का संयोजन किया। निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में विभिन्न भाषाओं की प्रतियोगिताओं में हिन्दी प्राध्यापक डॉ. सुरेन्द्र कुमार, प्रवेश कुमार, अंग्रेजी प्राध्यापक राजेश सैनी व सूबे सिंह, पंजाबी प्राध्यापिका स्वर्णजीत शर्मा व अमनदीप कौर तथा संस्कृत प्राध्यापक सुशील कुमार ने भूमिका निभाई।
कहानी वाचन प्रतियोगिता में हिन्दी भाषा की प्रतियोगिता में भौजी खालसा के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा इशा, अंग्रेजी में खेड़ीमान सिंह स्कूल की खुशबू, पंजाबी में खानपुर के 11वीं कॉमर्स के विद्यार्थी सरजीत सिंह ने पहला स्थान प्राप्त किया। निबंध लेखन प्रतियोगिता के हिन्दी भाषा में नगला रोड़ान स्कूल की 10वीं कक्षा की छात्रा रोनक ने पहला स्थान प्राप्त किया। अंग्रेजी में भादसों स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा तनिशा, पंजाबी में खेड़ीमान सिंह स्कूल की 12वीं कक्षा की छात्रा नैंसी और संस्कृत में राजकीय कन्या स्कूल इन्द्री की 11वीं कॉमर्स की छात्रा तमन्ना ने पहला स्थान प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने अपनी रचनाओं में गुरु तेग बहादुर के जीवन व विचारों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रतियोगिता के समापन पर खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल ने विद्यार्थियों का हौंसला बढ़ाया और कहा कि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में हिस्सा लेने से विद्यार्थियों को सीखने का मौका मिलता है। विजेता हुए विद्यार्थी जिला स्तर पर हिस्सा लेंगे। वीना गुप्ता व अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए विद्यार्थी अपने अध्यापकों से मार्गदर्शन प्राप्त करके मेहनत करें। इस मौके पर प्रधानाचार्य रणबीर सिंह, अशोक सैनी, सुरेन्द्र कुमार, जितेन्द्र भाटिया व अरुण शर्मा मौजूद रहे।











Saturday, November 1, 2025

राष्ट्रीय एकता दिवस / GMSSSS BIANA (KARNAL)

अध्यापकों व विद्यार्थियों ने मिलकर रन फॉर यूनिटी में लिया हिस्सा

सरदार पटेल की जयंती पर ब्याना के राजकीय स्कूल ने दिया एकता का संदेश


इन्द्री, 31 अक्तूबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में देश के पहले उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व सूचना मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान अध्यापकों व विद्यार्थियों ने रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लिया और एकता का संदेश दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और मुख्य वक्ता के रूप में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में प्राध्यापक संजीव कुमार, स्वर्णजीत शर्मा, निशा कांबोज, रमन बग्गा, बलिन्द्र कुमार, अश्वनी कांबोज, सोमपाल, मीना ने नेतृत्वकारी भूमिका निभाई।
प्रधानाचार्य राम कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के बाद देश को एकता के सूत्र में बांधने के लिए अथक मेहनत की और 565 के करीब देशी रियासतों को देश का हिस्सा बनाया। अरुण कैहरबा ने कहा कि आज के दिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। एकता के लिए हम सभी को जात, धर्म, क्षेत्र, भाषा आदि संकीर्णताओं को त्याग कर मिलजुल कर काम करना होगा। बलविन्द्र सिंह ने वल्लभभाई पटेल के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पटेल देश को जिस एकता का पाठ पढ़ाया, उस एकता को बनाए रखने में इंदिरा गांधी का बड़ा योगदान रहा है। कार्यक्रम के दौरान सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों ने एकता के लिए दौड़ में मिलजुल कर दौड़ लगाई। 
DAINIK TRIBUNE 1-11-2025




Saturday, October 18, 2025

INCLUSIVE EDUCATION AWARENESS PROGRAM INDRI DAY-2

दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व योजनाओं पर हुई गहन मंत्रणा

समावेशी शिक्षा का माहौल बनाने के संकल्प के साथ दो दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

इन्द्री, 18 अक्तूबर
स्थानीय पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्थित समावेशी शिक्षा केन्द्र में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए समावेशी शिक्षा, सरकार की योजनाओं, शिक्षा बोर्ड द्वारा मिलने वाली सुविधाओं तथा सामान्य अध्यापकों व पुनर्वास कर्मियों की भूमिका को लेकर गहन मंत्रणा की गई और अपने स्कूलों में समावेशी शिक्षा का माहौल बनाने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीआरसी (समावेशी शिक्षा) वंदना चावला ने की। कार्यक्रम का संयोजन विशेष अध्यापक अमित कुमार तथा संचालन विशेष अध्यापक प्रदीप कुमार ने किया। समावेशी शिक्षा विशेषज्ञ एवं प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, डॉ. राजेश कुमार, प्रदीप कुमार व महिन्द्र कुमार ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की। समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य शशीभूषण शर्मा ने किया।

कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरूआत विशेष अध्यापक प्रदीप कुमार ने विभिन्न योजनाओं व बोर्ड के द्वारा दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं से की। दूसरे सत्र में अरुण कुमार कैहरबा ने समावेशी शिक्षा में सामान्य शिक्षकों की भूमिका पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समावेशी शिक्षा में सामाजिक, सांस्कृतिक, शारीरिक, भावनात्मक व भाषाई भिन्नताओं के बावजूद सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान किए जाते हैं। अध्यापक शिक्षा प्रक्रिया का केन्द्रीय किरदार है। उन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के प्रति सही एवं सकारात्मक शब्दावली के प्रयोग का माहौल विकसित करने का आह्वान किया। महिन्द्र कुमार ने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के साथ किए गए अपने कामों के अनुभव सांझा करते हुए कहा कि बहुत से बच्चे बेहद विपरीत हालातों में रह रहे हैं। अध्यापकों की संवेदनशीलता व सहयोग की भावना बच्चों को आगे बढऩे में सहायक हो सकती है। डॉ. राजेश कुमार ने भिवानी में एक अध्यापक के दिव्यांग विद्यार्थी को आगे बढ़ाने के प्रयासों की प्रेरक कहानी सुनाते हुए अध्यापकों को प्रोत्साहित किया। शशीभूषण शर्मा ने आए सभी अध्यापकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अध्यापकों को मिलजुल कर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए। इस मौके पर जसविन्द्र पटहेड़ा, नरेश मीत, आकाश, अनिल कुमार, संजीव कुमार, सुरेन्द्र कुमार, मुकेश कुमार, सूरजभान, जय कुमार, सूरज सिंह, नीलम, सीमा, बीना, शीला, पिंकी, सोनिया, बलजीत, महेश कुमार, सुशील कुमार आदि उपस्थित रहे।





Friday, October 17, 2025

INCLUSIVE EDUCATION AWARENESS PROGRAM AT INDRI DAY-1

समान्य बच्चों के साथ दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत: चावला

दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम की हुई शुरूआत

इन्द्री, 17 अक्तूबर  
स्थानीय पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्थित समावेशी शिक्षा केन्द्र में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ बीआरसी वंदना चावला ने किया। कार्यक्रम का संयोजन विशेष अध्यापक अमित कुमार व प्रदीप कुमार कर रहे हैं। कार्यक्रम के पहले दिन समावेशी शिक्षा विशेषज्ञ के रूप में प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, डॉ. राजेश कुमार व प्रदीप कुमार ने स्रोत व्यक्ति के रूप में विचार सांझा किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अध्यापक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, दिव्यांग बच्चों के अभिभावक और एसएमसी सदस्य हिस्सा ले रहे हैं।

वंदना चावला ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ शिक्षा प्रदान करने के लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत है। समावेशी शिक्षा केन्द्र और उस पर तैनात विशेष शिक्षक निरंतर ऐसा माहौल बनाने में लगे हुए हैं, ताकि किसी भी बच्चे को बोझ ना माना जाए। विशेष अध्यापक प्रदीप कुमार ने आरपी डब्लूडी एक्ट-2016 के अनुसार 21 प्रकार की निशक्तताओं का विस्तृत परिचय दिया। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने समावेशी शिक्षा की अवधारणा, उसकी महत्ता और प्रकार विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समावेशी शिक्षा भेदभावमुक्त, समता, स्वतंत्रता, न्याय व लोकतंत्र आदि मूल्यों पर आधारित शिक्षा है। सभी बच्चों की स्कूल में पहुंच, समान अवसर व भागीदारी के लिए व्यक्तिगत भिन्नताओं और निशक्तताओं के बारे में समाज में सकारात्मक धारणा का विकास करना जरूरी है। डॉ. राजेश कुमार ने निशक्तता की शीघ्र पहचान विषय पर विचार रखते हुए कहा कि जन्मपूर्व, जन्म के दौरान व जन्म के बाद निशक्तता की पहचान में आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व स्कूल में आने के बाद अध्यापकों की अहम भूमिका होती है। इस मौके पर प्रधानाचार्य शशीभूषण शर्मा, डॉ. जसविन्द्र पटहेड़ा, नरेश मीत, महिन्द्र कुमार, आकाश, अनिल कुमार, संजीव कुमार, सुरेन्द्र कुमार, मुकेश, सूरजभान, जय कुमार, सूरज सिंह, नीलम, सीमा, बीना, शीला, पिंकी, सोनिया मान, बलजीत, महेश कुमार आदि उपस्थित रहे।





BUS SERVICE FOR STUDENTS IN SARKARI SCHOOL OF BIANA

 ब्याना के मॉडल संस्कृति स्कूल के बच्चों के लिए तीन बसें शुरू

बीईओ धर्मपाल चौधरी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

कईं गांव के बच्चों को मिलेगा लाभ

इन्द्री, 13 अक्तूबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यार्थियों को अपने गांव से स्कूल में आने-जाने के लिए बस सेवा शुरू हो गई। खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी ने हरी झंडी दिखा कर स्कूल के विद्यार्थियों के लिए तीन रूटों के लिए तीन बसों का शुभारंभ किया। बच्चों ने नारे लगाकर बस शुरू होने के प्रति खुशी व्यक्त की और अधिकारियों व अध्यापकों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की।
खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी ने कहा कि सरकार की योजना के तहत ब्याना के सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए तीन बसों की शुरूआत की गई है। यह बस सेवा विद्यार्थियों के लिए पूर्णत: मुफ्त रहेगी। अलग-अलग रूटों पर तीन बसें चलने से बच्चे सुरक्षित रूप से अपने घर से स्कूल आ सकेंगे और स्कूल से घर जा सकेंगे। अभिभावकों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता कम होगी। इससे अभिभावकों का अपने बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने का खर्च भी बचेगा। उन्होंने विद्यार्थियों से बस में आते जाते समय अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। प्रधानाचार्य राम कुमार ने बताया कि बस सेवा से स्कूल में कमालपुर गडरियान, नगली, न्यू हलवाना, रंदौली, गढ़ीबीरबल, लबकरी, मुसेपुर, समसपुर, कलसौरा, बीबीपुर ब्राह्मणान, बदरपुर, हलवाना, चांदसमंद, शाहपुर सहित अनेक गांवों से आने वाले सभी बच्चों को सुविधा होगी।
बीईओ धर्मपाल चौधरी, प्रधानाचार्य राम कुमार व प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने शुभारंभ स्थल से लेकर गांव के बाहर तक विद्यार्थियों के साथ यात्रा की और विद्यार्थियों को बस सेवा की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर बीआरपी धर्मेन्द्र चौधरी, प्राध्यापक डॉ. सुभाष भारती, विनोद भारतीय, राजेश सैनी, अनिल पाल, बलराज कांबोज, नरिन्द्र कुमार, एबीआरसी सुखविन्द्र कांबोज, रमन बगा, नरेश मीत, अश्वनी कांबोज, बलिन्द्र कुमार, सोमपाल, बृजभूषण, स्कूल प्रबंधन समिति सदस्य, अभिभावक सोनी, समाजसेवी महेन्द्र गोयल सहित ग्रामीण मौजूद रहे।



Monday, September 29, 2025

HARYANA LEGISLATIVE ASSEMBLY SECRETARY RAJIV PRASAD WELCOMED IN KARNAL

 शहीद भगत सिंह की तरह जिज्ञासा का भाव अपनाएं युवा: राजीव प्रसाद 

कहा: सफलता के लिए निरंतर मेहनत करें विद्यार्थी

विभिन्न संस्थाओं ने विधानसभा सचिव का किया अभिनंदन

करनाल, 29 सितंबर

करनाल के पंचायत भवन में विधानसभा सचिव राजीव प्रसाद का अभिनंदन समारोह सर्व समाज की विभिन्न संस्थाओं द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पहुंचने पर हरियाणा विधानसभा सचिव का पुष्पगुच्छ व फूलों की माला के साथ जोरदार स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सतीश कुमार स्टौंडी ने की और संचालन हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने किया। कार्यक्रम का संयोजन राज किशन, बलविन्द्र सिंह, मनोज कुमार शामगढ़ व सुरेन्द्र कुमार ने किया।


विधानसभा सचिव राजीव प्रसाद ने जिला भर से आए विद्यार्थियों व युवाओं को सफलता प्राप्त करने के लिए निरंतर मेहनत करने का संदेश देते हुए कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह की तरह सभी में जिज्ञासा का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए भगत सिंह ने किताबों की मांग की। फांसी दिए जाने से पहले तक वे किताब पढ़ रहे थे। यह उनकी सीखने की लगन का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि विद्या ही ऐसी चीज है, जिसे हमसे कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी यदि प्रतिदिन 40 पृष्ठ पढऩे की आदत डाल लें तो उन्हें आगे बढऩे से कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को एक मनुष्य नहीं बदल सकता। लेकिन हम खुद को बदल कर सामाजिक बदलाव की नींव डाल सकते हैं। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों के प्रति संतुलित दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि अभिभावक जितना प्रत्यंचा खींचेंगे, बच्चे बाण की तरह से उतनी ही दूरी तक जाएंगे। राजीव प्रसाद ने अपनी शिक्षा व सफलता का श्रेय अपने पिता व न्यायाधीश राजेन्द्र प्रसाद जी को दिया, जिन्होंने हमेशा ही बच्चों की प्रगति पर नजर रखी और मार्गदर्शन किया। उनके संबोधन के बाद युवाओं ने उनसे सवाल किए, जिनका उन्होंने समय लगाकर जवाब दिया।  


कार्यक्रम में राजकिशन, प्राध्यापक अरुण कैहरबा, राजेश कुमार, राम मेहर, सोनिका गिल, अमित कुमार, महेन्द्र कुमार विभिन्न वक्ताओं ने शिक्षा की अहमियत पर बोलते हुए मुख्य अतिथि राजीव प्रसाद का स्वागत किया। इस मौके पूर्व एमसी बलबीर सिंह, प्रधानाचार्य सुरेश सैनी, अश्वनी कांबोज, सुरेश नगली, सूरज बिड़लान, श्याम सुंदर, राजेश वैद्य, रणधीर गिल, अजय कुमार, शम्मी कुमार उपस्थित रहे।


Saturday, September 27, 2025

VISIT OF HISTORICAL NABIYABD GURUDWARA & YAMUNA RIVER / GMSSSS BIANA

स्वयंसेवियों ने यमुना किनारे चलाया सफाई अभियान

ब्याना स्कूल के विद्यार्थियों ने की नबियाबाद के एतिहासिक गुरुद्वारे की यात्रा

इन्द्री, 27 सितंबर
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने सेवा पखवाड़ा के अन्तर्गत जिला करनाल के गांव नबियाबाद में दशमेश प्रकाश गुरुद्वारा एवं यमुना नदी का भ्रमण किया। एनएसएस प्रभारी व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, अंग्रेजी प्राध्यापक राजेश सैनी, गणित प्राध्यापक सतीश राणा, ब्यूटी एंड वेलनेस अनुदेशिका निशा कांबोज, पंजाबी प्राध्यापिका स्वर्णजीत शर्मा, कृषि अनुदेशक निर्मलजीत सिंह, शारीरिक शिक्षा अनुदेशक रमन  बग्गा की अगुवाई में विद्यार्थियों ने गुरुद्वारा साहिब के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त की। एनएसएस स्वयंसेवियों व विद्यार्थियों ने यमुना किनारे सफाई अभियान चलाया और यमुना के किनारे लोगों द्वारा डाले गए प्लास्टिक के गिलास, कप, पॉलिथीन व बोतलें एकत्रित की।
प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने अध्यापकों व स्वयंसेवियों के दल को रवाना करते हुए उन्हें अपने आस-पास के स्थानों के इतिहास के प्रति सजग बनने की अपील की। गुरुद्वारा साहिब में पहुंचने पर अरुण कुमार कैहरबा ने बताया कि 1984 में संत बाबा जगदीश सिंह ने गुरुद्वारे की स्थापना की थी। जब भी यमुना में बाढ़ आती है, गुरुद्वारे में प्रशासन के द्वारा राहत शिविर बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि यमुना नदी का आस-पास के क्षेत्र को सिंचित करने और भूमि की उर्वरता को बनाए रखने में बड़ा योगदान रहता है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा रेखा के रूप में नदी काम करती है। लोगों द्वारा यमुना व नदियों को दूषित करना पर्यावरण व जन जीवन की दृष्टि से कतई उचित नहीं है। निर्मलजीत सिंह ने बताया कि गुरुद्वारे ने यमुना क्षेत्र में शिक्षा की ज्योत जलाने में भी मुख्य भूमिका निभाई है। उन्होंने गुरुद्वारे के स्कूल से दसवीं कक्षा तक की शिक्षा ग्रहण करने के अपने अनुभवों पर प्रकाश डालते हुए गुरुद्वारे के संस्थापक संत बाबा जगदीश सिंह के जीवन संघर्षों पर प्रकाश डाला। स्वर्णजीत व निशा कांबोज ने गुरु ग्रंथ साहब पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस ग्रंथ में गुरु नानक, संत कबीर, संत रैदास, बाबा फरीद सहित अनेक कवियों की वाणी को संकलित किया गया है। सतीश राणा, राजेश सैनी व रमन बग्गा कहा कि यह यात्रा विद्यार्थियों को अपने आसपास के स्थानों की ऐतिहासिकता को समझने में निरंतर पथ प्रदर्शन करेगी।
गुरुद्वारा साहिब में विद्यार्थियों ने चाय व बिस्कुट का प्रसाद ग्रहण किया। महक, जैसमीन, रीतिका, रूबी, सृष्टि, ज्योति, भूमिका, हिमांशी, कृतिका, तनिशा, हर्षिका, राशी, रीति, तनिका, रीतू, शिवानी, पूर्वी, माही आदि विद्यार्थियों ने कहा कि हमारा गांव नबियाबाद से ज्यादा दूर नहीं है। लेकिन अध्यापकों के मार्गदर्शन में स्कूल की तरफ से यात्रा में आना और सीखना जीवन भर याद रहेगा।