Wednesday, July 30, 2025

UDHAM SINGH SHAHEEDI DIVAS AUR PREMCHAND JAYANTI SEMINAR IN GMSSSS BIANA

राम मोहम्मद सिंह आजाद नाम उधम सिंह के सर्वधर्म समभाव के विचार को दर्शाता है: अरुण कैहरबा

आम जन की समस्याओं को आम जन की भाषा में लिखने वाले थे प्रेमचंद: नरेश मीत

उधम सिंह के शहीदी दिवस और प्रेमचंद जयंती के उपलक्ष्य में संगोष्ठी आयोजित

इन्द्री, 30 जुलाई 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस और कथा सम्राट प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष्य में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में स्वतंत्रता आंदोलन व साहित्य की महान शख्सियतों के जीवन-संघर्षों, विचारों व योगदान पर चर्चा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने शहीद उधम सिंह के जीवन व विचारों पर अपने विचार व्यक्त किए और हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने प्रेमचंद का साहित्य में योगदान विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

अरुण कुमार कैहरबा ने अपने संबोधन में कहा कि 26 दिसंबर, 1899 को उधम सिंह का जन्म संगरूर जिला के सुनाम में हुआ। उनका बचपन का नाम शेर सिंह था। बहुत ही कम उम्र में माता का देहांत हो गया। 1907 में पिता के देहांत के बाद शेर सिंह और उनका बड़ा भाई मुक्ता सिंह अनाथ हो गए। अमृतसर के अनाथालय में उनकी शिक्षा हुई। 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड उधम सिंह के जीवन को नई दिशा देता है। अंग्रेजों की क्रूरता एवं भारतीयों के प्रति क्रूरता का बदला लेने के लिए वे गदर पार्टी व स्वतंत्रता आंदोलन की क्रांतिकारी धारा से जुड़ जाते हैं। अधिक औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं करने पाने के बावजूद वे दुनिया के विभिन्न देशों की यात्राएं करते हुए व्यापक अनुभव हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि लंदन में माइकल ओडवायर को मारने के बाद में वे पुलिस को अपना नाम राम मोहम्मद सिंह आजाद बताते हैं। इससे पता चलता है कि उधम सिंह साम्प्रदायिक सद्भाव व सर्वधर्म समभाव में विश्वास करते थे और इसे ही आजादी का मूलमंत्र मानते थे। उन्होंने कहा कि उधम सिंह आजादी की लड़ाई का ऐसा सिपाही है, जिनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।


मुंशी प्रेमचंद के बारे में बोलते हुए नरेश मीत ने कहा कि प्रेमचंद उनके पसंदीदा साहित्यकार हैं। क्योंकि उन्होंने अपनी रचनाओं में आम जन के जीवन की मुश्किलों, विसंगतियों, शोषण को व्यक्त किया। आम जन की भाषा में लिखने के कारण भी उनके साहित्य का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद से पूर्व हिन्दी साहित्य जादू-टोनों, राजा-रानी की कहानियों और चमत्कारों के जाल में उलझा हुआ था। प्रेमचंद ने 300 के करीब कहानियों और अपने उपन्यासों के जरिये साहित्य की धारा को मोडऩे का काम किया। उन्होंने प्रेमचंद की सवा सेर गेहूं, पूस की रात व कफन आदि कहानियों का उदाहरण देते हुए उनके साहित्य का विश£ेषण किया। इस मौके पर प्राध्यापक डॉ. सुभाष चन्द्र, सलिन्द्र मंढ़ाण, विनोद भारतीय, सतीश राणा, बलविन्द्र सिंह, राजेश सैनी, राजेश कुमार, सीमा गोयल, सन्नी चहल, स्वर्णजीत शर्मा, महेश कुमार, रमन बग्गा, अश्वनी कांबोज, निशा कांबोज, संगीता सहित सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।










 

Monday, July 28, 2025

POSTER MAKING COMPETITION BY BIS CLUB IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता में तनु ने पाया पहला स्थान

बीआईएस क्लब द्वारा आयोजित की गई प्रतियोगिता

इन्द्री, 28 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्डस (बीआईएस) क्लब के अंतर्गत पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कुल 26 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिसमें विद्यार्थियों ने बीआईएस के द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए पोस्टर बनाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन क्लब के मेंटर विवेक कुमार ने किया। प्रतियोगिता में कक्षा 11वीं की छात्रा तनु ने पहला, लविशा ने दूसरा, भारती ने तीसरा तथा रीतिक ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। प्रथम आने वाली छात्रा को एक हजार रूपये, द्वितीय को 750 रूपये, तृतीय को पांच सौ और सांत्वना पुरस्कार के रूप में 250 रूपये नकद प्रदान किए गए। प्रधानाचार्य रामकुमार सैनी ने कहा कि बीआईएस उपकरणों व विभिन्न उत्पादों के स्टैंडर्ड को निर्धारित करता है। बाजार में नकली उत्पादों को खरीदने से बचने के लिए इसका हर व्यक्ति को ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ज्ञान एक अच्छे उपभोक्ता की कसौटी है। समारोह में प्राध्यापक डॉ. सुभाष चंद्र, अरुण कुमार कैहरबा, संजीव कुमार, राजेश सैनी, सतीश कुमार, संदीप कुमार, विनोद कुमार तथा विवेक कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।







Wednesday, July 23, 2025

KAVITA PATH PRATIYOGITA / GMSSSS BIANA (KARNAL)

 कबीर, रसखान व ललद्यद की रचनाएं साहित्य की अनमोल धरोहर: अरुण कैहरबा

कविता पाठ प्रतियोगिता में ललद्यद टीम ने पाया पहला स्थान

हिन्दी शिक्षण को रोचक व उपयोगी बनाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित कविता पाठ प्रतियोगिता में प्रथम आई ललद्यद टीम की छात्राओं को सम्मानित करते प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व बलविन्द्र सिंह।

इन्द्री, 23 जुलाई 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हिन्दी शिक्षण को रोचक बनाने के उद्देश्य से विद्यार्थियों को पढ़ाई गई कविताओं पर आधारित कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा के नेतृत्व में आयोजित प्रतियोगिता में ललद्यद टीम के विद्यार्थियों ने पहला स्थान प्राप्त किया। कबीर और रसखान टीम क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर रही। राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह व अरुण कैहरबा ने विजेता टीम को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

प्रतियोगिता से पूर्व विद्यार्थियों को कवियों के नाम के आधार पर टीमों में बांटा गया। उसके बाद नाम के अनुकूल ही विद्यार्थियों ने नाम के अनुकूल ही कवियों की कविताओं का सस्वर वाचन किया। ललद्यद टीम की ज्योति, रूबी, रीतू, नेहा व पूर्वी ने कश्मीर की प्रसिद्ध संत कवयित्री ललद्यद के वाख गाकर सुनाए। रीतिका, साहिबा, वैष्णवी, सृष्टि व राधिका ने कबीर की साखियों और पदों का गायन किया। लविश, मानव, शारूख, समीर ने रसखान के सवैयों की प्रस्तुति दी। ललद्यद टीम में शामिल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान पर आने वाली ललद्यद टीम को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। 

अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि भक्तिकाल में अनेक महत्वपूर्ण कवि और कविताएं प्रकाश में आए, जिनकी रचनाएं साहित्य की अनमोल धरोहर हैं। कबीर, रसखान व ललद्यद भक्ति की कविताओं के लिए जाने जाते हैं। कबीर संत, कवि, क्रांतिकारी और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के जरिये समाज की बुराईयों को दूर करने की कोशिश की। रसखान कृष्ण भक्त कवि थे, जिन्होंने सामाजिक व साम्प्रदायिक सद्भाव के लिए विशेष रूप से काम किया। ललद्यद 14वीं सदी की संत एवं सूफी परंपरा की प्रसिद्ध कवयित्री हैं, जिन्होंने कश्मीरी भाषा में अपनी कविताएं लिखी। जिस प्रकार कबीर की साखियां, रसखान के सवैये, मीरा के पद और तुलसी की चौपाई प्रसिद्ध हैं, उसी प्रकार से ललद्यद के वाख प्रसिद्ध हैं। उन्होंने बताया कि हिन्दी शिक्षण को रोचक एवं उपयोगी बनाने के लिए कविता पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। बलविन्द्र सिंह ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से विद्यार्थियों को जो सीखने का मौका मिलता है, उसका कोई मुकाबला नहीं है। 




 




INDORE SAMACHAR





Monday, July 7, 2025

WORKSHOP ON LANGUAGE & PERSONALITY DEVELOPMENT IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

 भाषा ज्ञान एवं व्यक्तित्व निर्माण का आधार: डॉ. रणजीत फुलिया

भाषा एवं व्यक्तित्व विकास विषय पर कार्यशाला में विद्यार्थियों को करवाया अभ्यास

कार्यशाला में सक्रिय भागेदारी करने वाले विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि ने किया सम्मानित

इन्द्री, 7 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भाषा और व्यक्तित्व विकास विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मोटीवेटर एवं भाषा शिक्षण के लिए सतत क्रियाशील डॉ. रणजीत सिंह फुलिया ने स्रोत व्यक्ति एवं मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यशाला की अध्यक्षता हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने की और संचालन राजनीति विज्ञान प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह ने किया।

मुख्य अतिथि एवं विशेषज्ञ डॉ. रणजीत फुलिया ने कार्यशाला में विद्यार्थियों को हिन्दी और अंग्रेजी में त्रैवाचक पुरूष, अपना परिचय, दोनों भाषाओं के शब्दों का अभ्यास करवाया। कार्यशाला में महक, जैसमीन, रीतिका, सृष्टि, वैष्णवी, अनित पाल, कुनाल, मानव, लविश, जतिन, समीर, अरमान व वंश ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और मुख्य अतिथि ने उन्हें पुस्तकें देकर सम्मानित किया। डॉ. फुलिया ने कहा कि भाषा ज्ञान एवं व्यक्तित्व निर्माण का आधार है। इसलिए भाषा के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा और राजभाषा है, लेकिन विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि सुनना, बोलना, पढऩा और लिखना भाषा के चार कौशल हैं। सुनने पर बोलने की कुशलता निर्भर करती है। इसी तरह से पढऩा जितना अर्थपूर्ण और गतिपूर्ण होगा, उतना ही लेखन भी शुद्ध होगा। अच्छी बातें, ज्ञानपूर्ण प्रवचन सुनने और अच्छी किताबें पढऩे से हमारी समझ बढ़ती है। किताबों से दोस्ती बढ़ेगी तो हमारी भाषा में निखार आएगा। बलविन्द्र सिंह ने कहा कि भाषा के विकास के लिए विद्यार्थियों का कक्षा में हिस्सेदारी करना बेहद जरूरी है। जो विद्यार्थी अपनी जिज्ञासाएं पूछ लेता है, वह अपने राह की मुश्किलों को जल्द ही हल कर लेता है। इस मौके पर नरेश मीत, राजेश सैनी, अश्वनी कांबोज, सोमपाल सहित कईं अध्यापक मौजूद रहे। 





ਭਾਸ਼ਾ ਗਿਆਨ ਅਤੇ ਸ਼ਖਸੀਅਤ ਵਿਕਾਸ ਦਾ ਆਧਾਰ: ਡਾ. ਰਣਜੀਤ ਫੁਲੀਆ

ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸ਼ਖਸੀਅਤ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਵਿੱਚ ਅਭਿਆਸ ਕਰਵਾਇਆ ਗਿਆ

ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਨੇ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਵਿੱਚ ਸਰਗਰਮ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣ ਵਾਲੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ

ਇੰਦਰੀ, 7 ਜੁਲਾਈ:

ਸਰਕਾਰੀ ਮਾਡਲ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਸੀਨੀਅਰ ਸੈਕੰਡਰੀ ਸਕੂਲ, ਪਿੰਡ ਬਿਆਣਾ ਵਿੱਚ ਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸ਼ਖਸੀਅਤ ਵਿਕਾਸ ਬਾਰੇ ਇੱਕ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਪ੍ਰੇਰਕ ਅਤੇ ਭਾਸ਼ਾ ਅਧਿਆਪਨ ਵਿੱਚ ਨਿਰੰਤਰ ਸਰਗਰਮ ਡਾ. ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਫੁਲੀਆ ਨੇ ਸਰੋਤ ਵਿਅਕਤੀ ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਵਜੋਂ ਹਿੱਸਾ ਲਿਆ। ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਹਿੰਦੀ ਦੇ ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਕੀਤੀ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਸੰਚਾਲਨ ਰਾਜਨੀਤੀ ਸ਼ਾਸਤਰ ਦੇ ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ ਬਲਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕੀਤਾ।

ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਅਤੇ ਮਾਹਿਰ ਡਾ. ਰਣਜੀਤ ਫੁਲੀਆ ਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਦੋਵਾਂ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਦੇ ਸ਼ਬਦਾਂ, ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਤ੍ਰੈਵਾਚਕ ਪੁਰਸ਼, ਅਪਨਾ ਪਰਿਚੈ, ਦਾ ਹਿੰਦੀ ਅਤੇ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਵਿੱਚ ਅਭਿਆਸ ਕਰਵਾਇਆ। ਮਹਿਕ, ਜੈਸਮੀਨ, ਰਿਤਿਕਾ, ਸ੍ਰਿਸ਼ਟੀ, ਵੈਸ਼ਨਵੀ, ਅਨਿਤ ਪਾਲ, ਕੁਨਾਲ, ਮਾਨਵ, ਲਵਿਸ਼, ਜਤਿਨ, ਸਮੀਰ, ਅਰਮਾਨ ਅਤੇ ਵੰਸ਼ ਨੇ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਵਿੱਚ ਸਰਗਰਮੀ ਨਾਲ ਹਿੱਸਾ ਲਿਆ ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਿਤਾਬਾਂ ਦੇ ਕੇ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ। ਡਾ. ਫੁਲੀਆ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਭਾਸ਼ਾ ਗਿਆਨ ਅਤੇ ਸ਼ਖਸੀਅਤ ਵਿਕਾਸ ਦਾ ਆਧਾਰ ਹੈ। ਇਸ ਲਈ, ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਵੱਲ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਹਿੰਦੀ ਸਾਡੀ ਮਾਤ ਭਾਸ਼ਾ ਅਤੇ ਸਰਕਾਰੀ ਭਾਸ਼ਾ ਹੈ, ਪਰ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ ਭਾਸ਼ਾ ਵੱਲ ਵੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਧਿਆਨ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।

ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੁਣਨਾ, ਬੋਲਣਾ, ਪੜ੍ਹਨਾ ਅਤੇ ਲਿਖਣਾ ਇੱਕ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਚਾਰ ਹੁਨਰ ਹਨ। ਬੋਲਣ ਦੀ ਮੁਹਾਰਤ ਸੁਣਨ 'ਤੇ ਨਿਰਭਰ ਕਰਦੀ ਹੈ। ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ, ਪੜ੍ਹਨਾ ਜਿੰਨਾ ਜ਼ਿਆਦਾ ਅਰਥਪੂਰਨ ਅਤੇ ਗਤੀਸ਼ੀਲ ਹੋਵੇਗਾ, ਲਿਖਣਾ ਓਨਾ ਹੀ ਸਹੀ ਹੋਵੇਗਾ। ਚੰਗੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਸੁਣਨ, ਗਿਆਨਵਾਨ ਭਾਸ਼ਣ ਦੇਣ ਅਤੇ ਚੰਗੀਆਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਪੜ੍ਹਨ ਨਾਲ ਸਾਡੀ ਸਮਝ ਵਧਦੀ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨਾਲ ਦੋਸਤੀ ਵਧੇਗੀ, ਤਾਂ ਸਾਡੀ ਭਾਸ਼ਾ ਸੁਧਰੇਗੀ। ਬਲਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਭਾਸ਼ਾ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਕਲਾਸ ਵਿੱਚ ਹਿੱਸਾ ਲੈਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ। ਜੋ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਆਪਣੇ ਸਵਾਲ ਪੁੱਛਦਾ ਹੈ, ਉਹ ਆਪਣੇ ਰਾਹ ਵਿੱਚ ਆਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ ਨੂੰ ਜਲਦੀ ਹੱਲ ਕਰ ਲੈਂਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਨਰੇਸ਼ ਮੀਤ, ਰਾਜੇਸ਼ ਸੈਣੀ, ਅਸ਼ਵਨੀ ਕੰਬੋਜ, ਸੋਮਪਾਲ ਸਮੇਤ ਕਈ ਅਧਿਆਪਕ ਮੌਜੂਦ ਸਨ। 

Thursday, July 3, 2025

Hemant Kumar was honored by GMSSSS BIANA on becoming a lieutenant in the Indian Army

 लक्ष्य निर्धारित कर उचित दिशा में मेहनत करने पर मिलती है सफलता: ले. हेमंत कुमार

भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर हेमंत कुमार को ब्याना स्कूल ने किया सम्मानित

लेफ्टिनेंट ने भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए विद्यार्थियों का किया मार्गदर्शन

इन्द्री, 3 जुलाई
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इन्द्री खंड के गांव खानपुर के युवक हेमंत कुमार को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनने की गौरवमयी उपलब्धि पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर लेफ्टिनेंट हेमंत कुमार ने विद्यार्थियों को अपने संघर्षों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें मार्गदर्शन एवं परामर्श दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया।
स्कूल प्रधानाचार्य एवं समस्त स्टाफ ने लेफ्टिनेंट हेमंत कुमार को भारतीय सेना में अधिकारी बनने की गौरवमयी उपलब्धि के लिए स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। गांव के समाज सेवी महेन्द्र गोयल ने भी लेफ्टिनेंट को सम्मानित किया। लेफ्टिनेंट हेमंत कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी अधिकतर शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है। आज अध्यापकों के प्रशिक्षण, अनुभव, गुणवत्ता, अनुभव और सुविधाओं की दृष्टि से सरकारी स्कूल बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी जितना जल्दी अपना लक्ष्य निर्धारित कर लेगा और जितनी जल्दी उसे प्राप्त करने के लिए मेहनत करेगा, उसी अनुपात में सफलता की दर बढ़ जाएगी। आज के प्रतिस्पर्धी वातावरण में सफलता अपने आप झोली में आकर नहीं गिरेगी। उन्होंने कहा कि समाज में अनेक प्रकार की चीजें हैं, जोकि हमें अपने लक्ष्य से भटका रही हैं। मोबाइल व सोशल मीडिया का प्रयोग भी ऐसी ही भटकाने वाली चीजों में हैं। लेकिन यदि इनका ही बेहतर इस्तेमाल किया जाए, तो इन्हें ज्ञान प्राप्त करने का साधन भी बनाया जा सकता है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने 2015 में सेना में सैनिक के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। सेना की सभी तरह की व्यस्तताओं और समय के सही प्रबंधन के माध्यम से उन्होंने परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अलग-अलग तीन सत्रों में विस्तार से भारतीय सेना में अधिकारी बनने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित किया। विद्यार्थियों ने अनेक प्रकार के सवालों के माध्यम से अपनी जिज्ञासा शांत की।

प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने मुख्य मेहमान का स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को अनुशासन के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अनुशासन को जीवन का मूलमंत्र बनाने वाले विद्यार्थी फायदे में रहते हैं। अनुशासन हमें अपने समय को उद्देश्यपूर्ण ढ़ंग से बिताने का संदेश देता है। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि बेहद प्रतिभावान एवं संघर्षशील नौजवान लेफ्टिनेंट हेमंत कुमार की उपलब्धि ना केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का स्वर्णिम क्षण है, बल्कि पूरे जिला करनाल व इन्द्री क्षेत्र के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।  स्टाफ सचिव राजेश सैनी ने अतिथि का आभार व्यक्त किया। 
इस मौके पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सुभाष भारती, विनोद भारतीय, बलविन्द्र सिंह, सतीश राणा, बलराज कांबोज, मुकेश खंडवाल, नरेन्द्र कुमार, राजेश सैनी, लेफ्टिनेंट हेमंत के शिक्षक रहे नरेश मीत, संजीव कुमार, सलिन्द्र मंढ़ाण, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, संदीप कुमार, विवेक शर्मा, विनोद आचार्य, अनिल पाल, सन्नी चहल, गोपाल दास, स्वर्णजीत शर्मा, निशा कांबोज, सीमा गोयल, महेश कुमार, अश्वनी कांबोज, रमन बग्गा, रमन सैनी, सोमपाल, बलिन्द्र कुमार, संगीता, मीना सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

INDORE SAMACHAR 4-7-2025




DIANIK TRIBUNE 

DAINIK BHASKAR 4-7-2025

AMAR UJALA 4-7-2025



ਸਹੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਖ਼ਤ ਮਿਹਨਤ ਕਰਕੇ ਸਫਲਤਾ ਮਿਲਦੀ ਹੈ: ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਹੇਮੰਤ 

ਬਿਆਨਾ ਸਕੂਲ ਨੇ ਹੇਮੰਤ ਕੁਮਾਰ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਬਣਨ 'ਤੇ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ

ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਅਫ਼ਸਰ ਬਣਨ ਲਈ ਮਾਰਗਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ


ਕਰਨਾਲ, 3 ਜੁਲਾਈ:

ਇੰਦਰੀ ਬਲਾਕ ਦੇ ਖਾਨਪੁਰ ਪਿੰਡ ਦੇ ਨੌਜਵਾਨ ਹੇਮੰਤ ਕੁਮਾਰ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਬਣਨ ਦੀ ਮਾਣਮੱਤੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ 'ਤੇ ਬਿਆਨਾ ਪਿੰਡ ਸਥਿਤ ਸਰਕਾਰੀ ਮਾਡਲ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਸੀਨੀਅਰ ਸੈਕੰਡਰੀ ਸਕੂਲ ਵਿੱਚ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਹੇਮੰਤ ਕੁਮਾਰ ਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਸੰਘਰਸ਼ਾਂ ਬਾਰੇ ਵਿਸਥਾਰ ਵਿੱਚ ਦੱਸਿਆ। ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਅਫ਼ਸਰ ਬਣਨ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕਰਨ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਾਰਗਦਰਸ਼ਨ ਅਤੇ ਸਲਾਹ ਵੀ ਦਿੱਤੀ। ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਰਾਮ ਕੁਮਾਰ ਸੈਣੀ ਨੇ ਕੀਤੀ ਅਤੇ ਸੰਚਾਲਨ ਲੈਕਚਰਰ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਕੀਤਾ।

ਸਕੂਲ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਅਤੇ ਸਮੁੱਚੇ ਸਟਾਫ਼ ਨੇ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਹੇਮੰਤ ਕੁਮਾਰ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਅਫਸਰ ਬਣਨ ਦੀ ਮਾਣਮੱਤੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਲਈ ਯਾਦਗਾਰੀ ਚਿੰਨ੍ਹ ਦੇ ਕੇ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ। ਪਿੰਡ ਦੇ ਸਮਾਜ ਸੇਵਕ ਮਹਿੰਦਰ ਗੋਇਲ ਨੇ ਵੀ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਨੂੰ ਸਨਮਾਨਿਤ ਕੀਤਾ। ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਹੇਮੰਤ ਕੁਮਾਰ ਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਨ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਸਿੱਖਿਆ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਤੋਂ ਹੋਈ। ਅੱਜ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲ ਅਧਿਆਪਕ ਸਿਖਲਾਈਅਨੁਭਵਗੁਣਵੱਤਾਅਤੇ ਸਹੂਲਤਾਂ ਦੇ ਮਾਮਲੇ ਵਿੱਚ ਬਿਹਤਰ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜਿੰਨੀ ਜਲਦੀ ਕੋਈ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਆਪਣਾ ਟੀਚਾ ਨਿਰਧਾਰਤ ਕਰਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਨੂੰ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਸਖ਼ਤ ਮਿਹਨਤ ਕਰਦਾ ਹੈਸਫਲਤਾ ਦਰ ਉਸੇ ਅਨੁਪਾਤ ਵਿੱਚ ਵਧੇਗੀ। ਅੱਜ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਵਾਲੇ ਮਾਹੌਲ ਵਿੱਚਸਫਲਤਾ ਆਪਣੇ ਆਪ ਤੁਹਾਡੀ ਝੋਲੀ ਵਿੱਚ ਨਹੀਂ ਆਵੇਗੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਹਨ ਜੋ ਸਾਨੂੰ ਸਾਡੇ ਟੀਚਿਆਂ ਤੋਂ ਭਟਕਾ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਮੋਬਾਈਲ ਅਤੇ ਸੋਸ਼ਲ ਮੀਡੀਆ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਵੀ ਅਜਿਹੀਆਂ ਭਟਕਾਉਣ ਵਾਲੀਆਂ ਚੀਜ਼ਾਂ ਵਿੱਚੋਂ ਇੱਕ ਹੈ। ਪਰ ਜੇਕਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਹੀ ਵਰਤੋਂ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਤਾਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਗਿਆਨ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਨ ਦਾ ਸਾਧਨ ਵੀ ਬਣਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ ਹੈ। ਆਪਣੀ ਉਦਾਹਰਣ ਦਿੰਦੇ ਹੋਏ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 2015 ਵਿੱਚ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸਿਪਾਹੀ ਵਜੋਂ ਅਹੁਦਾ ਸੰਭਾਲਿਆ ਸੀ। ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਹਰ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਰੁਝੇਵਿਆਂ ਅਤੇ ਸਹੀ ਸਮਾਂ ਪ੍ਰਬੰਧਨ ਰਾਹੀਂਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਪਾਸ ਕੀਤੀ ਅਤੇ ਇੰਡੀਅਨ ਮਿਲਟਰੀ ਅਕੈਡਮੀਦੇਹਰਾਦੂਨ ਤੋਂ ਸਿਖਲਾਈ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕੀਤੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੈਸ਼ਨਾਂ ਵਿੱਚ ਭਾਰਤੀ ਫੌਜ ਵਿੱਚ ਅਧਿਕਾਰੀ ਬਣਨ ਅਤੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਦੀਆਂ ਪ੍ਰੀਖਿਆਵਾਂ ਦੀ ਤਿਆਰੀ ਲਈ ਵਿਸਥਾਰ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੇਰਿਤ ਕੀਤਾ। ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਵਾਲਾਂ ਰਾਹੀਂ ਆਪਣੀ ਉਤਸੁਕਤਾ ਨੂੰ ਸੰਤੁਸ਼ਟ ਕੀਤਾ।

ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਰਾਮ ਕੁਮਾਰ ਸੈਣੀ ਨੇ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਦਾ ਸਵਾਗਤ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਅਨੁਸ਼ਾਸਨ ਦੇ ਮਾਰਗ 'ਤੇ ਚੱਲਣ ਦਾ ਸੱਦਾ ਦਿੱਤਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜੋ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਅਨੁਸ਼ਾਸਨ ਨੂੰ ਆਪਣੇ ਜੀਵਨ ਦੀ ਕੁੰਜੀ ਬਣਾਉਂਦੇ ਹਨਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲਾਭ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਅਨੁਸ਼ਾਸਨ ਸਾਨੂੰ ਆਪਣਾ ਸਮਾਂ ਉਦੇਸ਼ਪੂਰਨ ਢੰਗ ਨਾਲ ਬਿਤਾਉਣ ਦਾ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੰਦਾ ਹੈ। ਹਿੰਦੀ ਦੇ ਲੈਕਚਰਰ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਬਹੁਤ ਹੀ ਪ੍ਰਤਿਭਾਸ਼ਾਲੀ ਅਤੇ ਸੰਘਰਸ਼ਸ਼ੀਲ ਨੌਜਵਾਨ ਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਹੇਮੰਤ ਕੁਮਾਰ ਦੀ ਪ੍ਰਾਪਤੀ ਨਾ ਸਿਰਫ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਨਿੱਜੀ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਸੁਨਹਿਰੀ ਪਲ ਹੈ ਬਲਕਿ ਪੂਰੇ ਕਰਨਾਲ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਅਤੇ ਇੰਦਰੀ ਖੇਤਰ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਨਾ ਦਾ ਸਰੋਤ ਵੀ ਹੈ। ਸਟਾਫ ਸਕੱਤਰ ਰਾਜੇਸ਼ ਸੈਣੀ ਨੇ ਮਹਿਮਾਨ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਸੀਨੀਅਰ ਲੈਕਚਰਰ ਡਾ. ਸੁਭਾਸ਼ ਭਾਰਤੀਵਿਨੋਦ ਭਾਰਤੀਬਲਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘਸਤੀਸ਼ ਰਾਣਾਬਲਰਾਜ ਕੰਬੋਜਮੁਕੇਸ਼ ਖੰਡਵਾਲਨਰਿੰਦਰ ਕੁਮਾਰਰਾਜੇਸ਼ ਸੈਣੀਲੈਫਟੀਨੈਂਟ ਹੇਮੰਤ ਦੇ ਅਧਿਆਪਕ ਨਰੇਸ਼ ਮੀਤਸੰਜੀਵ ਕੁਮਾਰਸਲਿੰਦਰਾ ਮੰਧਾਨਦਿਨੇਸ਼ ਕੁਮਾਰਰਾਜੇਸ਼ ਕੁਮਾਰਸੰਦੀਪ ਕੁਮਾਰਵਿਵੇਕ ਸ਼ਰਮਾਵਿਨੋਦ ਪਾਲਸਵਰਨਜੀਤ ਸ਼ਰਮਾਸਨੀਪਾਲ ਅਚਾਰੀਆਐਨ. ਨਿਸ਼ਾ ਕੰਬੋਜਸੀਮਾ ਗੋਇਲਮਹੇਸ਼ ਕੁਮਾਰਅਸ਼ਵਨੀ ਕੰਬੋਜਰਮਨ ਬੱਗਾਰਮਨ ਸੈਣੀਸੋਮਪਾਲਬਲਿੰਦਰਾ ਕੁਮਾਰਸੰਗੀਤਾਮੀਨਾ ਅਤੇ ਸਮੁੱਚਾ ਸਟਾਫ਼ ਹਾਜ਼ਰ ਸੀ |

Saturday, June 21, 2025

GAJAR GRASS ERADICATION CAMPAIGN BY BEO DHARAMPAL IN GMS GORGARH (KARNAL)

पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है गाजर घास: धर्मपाल चौधरी

बीईओ के नेतृत्व में गोरगढ़ के राजकीय स्कूल में चलाया गाजर घास उन्मूलन अभियान

इन्द्री, 21 जून
खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी की अगुवाई में गाजर घास उन्मूलन अभियान लगातार जारी है। छुट्टियों के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी व उनकी पर्यावरण संरक्षण टीम के सदस्य प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, प्राथमिक शिक्षक महिन्द्र कुमार व धर्मवीर लठवाल गांव गोरगढ़ स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में पहुंचे और गाजर घास को जड़ से उखाडऩे का कार्य किया। गांव के सरपंच इन्द्रजीत सिंह व स्कूल के समस्त स्टाफ सदस्यों ने भी अभियान में शिरकत की। सरपंच व गांव के पर्यावरण प्रेमी मुल्तान चोपड़ा ने गांव में पहुंचने पर बीईओ का जोरदार स्वागत किया।

बीईओ धर्मपाल चौधरी ने गाजर घास पर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायी है। इससे श्वास व एलर्जी की अनेक प्रकार की बिमारियां फैलती हैं। यही कारण है कि स्कूलों में गाजर घास के उन्मूलन का अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों के देश का भविष्य शिक्षा ग्रहण करता है। ऐसे में स्कूल परिसरों में गाजर घास होना बहुत चिंताजनक है। लेकिन इसे एक बार में ही खत्म नहीं किया जा सकता। क्योंकि इसके फूलों से असंख्य पौधे हो जाते हैं। उन्होंने अध्यापकों को निर्देश दिया कि फूल आने से पहले ही गाजर घास के पौधों को समाप्त किया जाए। फूलों वाले पौधों को भी जड़ से उखाड़ कर नष्ट किया जाना जरूरी है। गांव के सरपंच इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि स्कूल में गाजर घास के साथ-साथ स्वच्छता के काम में पंचायत पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत स्कूल में मजदूर लगवाकर बीईओ साहब के द्वारा शुरू किए गए अभियान को आगे बढ़ाया जाएगा।
इस मौके पर मुख्याध्यापिका नीलम, अध्यापक जसविन्द्र सिंह, संजीत कुमार, रेनूबाला, कुलदीप सिंह, सलिन्द्र शास्त्री, सुरिन्द्र कौर, गौरव कुमार, चौकीदार प्यारे लाल, रामप्रसाद, मायाराम, मिड-डे-मील वर्कर रमेशो, सुषमा, नीतू, माफी देवी सहित ग्रामीण मौजूद रहे।