Sunday, January 30, 2022
Educational tour give pleasure of learning
Thursday, January 27, 2022
Republic Day celebrated in GHS Karera Khurd
करेड़ा खुर्द स्कूल में धूमधाम से मनाया गणतंत्र दिवस
ध्वजारोहण के बाद विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिये मोहा मन
यमुनानगर, 26 जनवरी
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया। मुख्याध्यापक विपिन कुमार मिश्रा, उच्च विद्यालय प्रबंधन कमेटी प्रधान जयवीर, प्राथमिक पाठशाला प्रधान रोशनी देवी ने मिलकर ध्वजारोहण किया। सभी ने ध्वज को सलामी दी। इस मौके पर हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त, पंजाबी अध्यापिका सुखिन्द्र कौर, संस्कृत अध्यापिका रजनी शास्त्री, विज्ञान अध्यापक विजय गर्ग, सामाजिक विज्ञान अध्यापिका राजरानी, प्राथमिक पाठशाला प्रभारी वीरेन्द्र कुमार, अध्यापक सुल्तान सिंह, वंदन शर्मा, कम्प्यूटर अध्यापिका डिंपल, एलए रवि कुमार सहित समस्त स्टाफ सदस्य और बहुत से अभिभावक व विद्यार्थी मौजूद रहे।
समारोह में यहाना, गरिमा, महक, रीतिक सहित अनेक विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। अतिथियों व अध्यापकों ने विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। मुख्याध्यापक विपिन मिश्रा ने कहा कि गणतंत्र दिवस देश का गौरवशाली पर्व है। इसी दिन देश का संविधान लागू हुआ था। उन्होंने कहा कि देश के गौरव को चार चांद तभी लगेंगे, जब सभी विद्यार्थी मन लगाकर शिक्षा ग्रहण करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया, उनके बाद सभी ने उसे दोहराया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अंग्रेजी दासता से मुक्ति पाने के लिए देशवासियों ने लंबी लड़ाई लड़ी। इस दौरान देशवासियों की एकजुटता और मिलीजुली संस्कृति और निखर कर आई। अनेक प्रतिभाओं ने अपने विचारों से एक अच्छे समाज और देश की परिकल्पना पेश की। अनेक लोगों ने बलिदान दिए। उस दौरान जो सपने देखे गए, उन सपनों, अपेक्षा, आकांक्षाओं और विचारों का लिखित दस्तावेज है भारतीय संविधान। संविधान की प्रस्तावना में हम भारत के लोग, लोकतंत्र, गणतंत्र, पंथ निरपेक्षता, सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय सहित अनेक शब्द गहरी बातों को व्यक्त करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को लोकतंत्र व गणतंत्र के अर्थ को विस्तार से बताते हुए कहा कि लोकतंत्र जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है। गणतंत्र में देश का मुखिया जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है। दुनिया में कईं देश ऐसे हैं, जो लोकतांत्रिक तो हैं, लेकिन वे गणतंत्र नहीं हैं। देश का मुखिया वहां वंश परंपरा से आता है। लेकिन भारत देश लोकतंत्र भी है और गणतंत्र भी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सफलता लोगों की शिक्षा पर निर्भर करती है। क्योंकि चुनावों के जरिये जनता को अपना भाज्य विधाता चुनना होता है।
मौलिक मुख्याध्यापक विष्णु दत्त ने कहा कि भारत का संविधान बनाने में डॉ. भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने समानता, बंधुता और न्याय पर आधारित समाज की स्थापना की कल्पना की है। उन्होंने गणतंत्र दिवस के अवसर पर डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सफलता के लिए सभी को ईमानदारी, लगन, मेहनत व कर्तव्यनिष्ठा के साथ आगे बढऩा चाहिए।
पंजाबी अध्यापिका सुखिन्द्र कौर ने कहा कि कोरोना के दौर में सभी सुरक्षित रहें। जल्द ही देश से यह बला टले और स्कूल खुलें, ऐसी वे कामना करती हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को घर पर रह कर भी मन लगा कर पढऩे का संदेश दिया। संस्कृत अध्यापिका रजनी शास्त्री ने कहा कि भारत देश की पहचान यहां की मिलीजुली संस्कृति से है। उन्होंने संस्कृति शब्द के गहरे अर्थों से विद्यार्थियों को परिचित करवाया। प्राथमिक शिक्षिका वंदना शर्मा ने तरन्नुम के साथ गीत गाया- ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझपे दिल कुर्बान।
प्रबंधन कमेटी प्रधान रोशनी देवी व जयवीर सिंह ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों को मन लगाकर पढऩे का संदेश दिया। आशा वर्कर एवं प्रबंधन कमेटी सदस्या मीनू ने 15 साल से ऊपर के सभी विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन अवश्य लगवाने, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने, स्कूल में मिलने वाली आयरन व एलबैंडाजोल की गोली अवश्य लेने का संदेश दिया। छात्रा यहाना ने अंगे्रजी भाषा में गणतंत्र दिवस के महत्व से अवगत करवाया। नौवीं कक्षा के विद्यार्थी रीतिक ने शायरी के जरिये देश देश के लिए काम करने का भाव व्यक्त किया।
Wednesday, January 5, 2022
Out of School Survey in village Baag ka Majra & Beech ka Majra by GHS KARERA KHURD TEACHERS
परिवेश के बारे में सजग बनाती है शिक्षा: अरुण
स्कूल से बाहर बच्चों की पहचान करने के लिए अध्यापकों ने किया सर्वेक्षण
Monday, January 3, 2022
LECTURE ON FIRST INDIAN LADY TEACHER SAVITRI BAI PHULE BY KUK HINDI DEPTT.
देश की पहली महिलावादी थी सावित्री बाई फुले: डॉ. एस.के. चहल
सावित्री बाई शिक्षा और समानता को समर्पित अनूठा व्यक्तित्व
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने प्रथम शिक्षिका की जयंती पर आयोजित किया ऑनलाइन व्याख्यान
अरुण कुमार कैहरबा
मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. एस. के. चहल ने कहा कि सावित्रीबाई फुले देश की पहली महिला शिक्षिका ही नहीं, बल्कि देश की पहली महिलावादी थी। 3 जनवरी, 1831 को सावित्री बाई फुले का सतारा जिला में नायगांव में जन्म हुआ। मां का नाम लक्ष्मी और पिता का नाम खांडोजी था। 1840 में विवाह हुआ। पहले बचपन में ही शादी कर दी जाती थी। ज्योतिबा फुले मि. जॉन सहित मिशनरियों के साथ रहे। ज्योतिबा ने सावित्री को प्राथमिक शिक्षा प्रदान की। उन्होंने कहा कि मैडम फरार ने लड़कियों के लिए पहला स्कूल खोला था। वहीं शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी होती थी। यहां पर शुरूआती प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद में सावित्रीबाई ने पुणे में शिक्षक प्रशिक्षण लिया। पुणे में सावित्रीबाई व ज्योतिबा फुले ने अछूत कन्याओं के लिए स्कूल खोला। लोग लड़कियों को पढ़ाने के खिलाफ थे और वे दोनों लड़कियों की शिक्षा की बात कर रहे थे। ऐसे में सावित्रीबाई को स्कूल जाते हुए अनेक प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। उनके ऊपर कीचड़ व गंदगी फैंकी जाती थी। सावित्रीबाई सहनशीलता की मूर्ति तो थी, लेकिन इतनी भी सहनशील ना थी कि कोई अन्याय पर तुल जाए और वे जवाब ना दें। गंदगी डालती हुए सावित्रीबाई ने एक व्यक्ति को झापड़ जड़ दिया था। उसके बाद अन्यायकारी बर्ताव करने वालों के हौंसले पस्त हो गए थे।
सावित्रीबाई फुले ने न्याय विरोधी व सत्य विरोधी शक्तियों को चुनौति दी: डॉ. सुभाष
HARYANA PRADEEP 4-01-2022 |
Saturday, January 1, 2022
Celebrated new year 2022 in GHS KARERA KHURD
नए साल पर लें नए संकल्प: अरुण
हींग का पौधा रोप कर मनाया नया साल
स्कूल में लगे डिजीटल बोर्ड, खुशी
यमुनानगर, 1 जनवरी
गांव करेड़ा खुर्द स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में नया साल धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्याध्यापक विपिन कुमार मिश्रा, हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, अध्यापक विजय गर्ग, सुखिन्दर कौर, रजनी शास्त्री, राजरानी, डिंपल, लिपिक मंजू आदि सभी स्टाफ सदस्यों ने मिलकर स्कूल प्रांगण में हींग का पौधा रोपा। स्कूल में विभाग द्वारा लगाए गए तीन डिजीटल बोर्ड की खुशी मनाई गई। अध्यापकों ने डिजीटल बोर्ड का प्रयोग करते हुए अपने-अपने विषय विद्यार्थियों को समझाए तो विद्यार्थियों के लिए यह सुखद अहसास से कम नहीं था। मुख्याध्यापक विपिन कुमार ने विद्यार्थियों को कक्षा-कक्ष में लगाए गए डिजीटल बोर्ड की महत्ता और सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया। विद्यार्थियों ने हिन्दी की कविताओं का गायन किया।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि नया साल नई उमंग, उत्साह और नए संकल्पों के नाम होना चाहिए। केवल कलैंडर बदलने से बदलाव नहीं आता है। जीवन में बदलाव नई सोच अपनाने से आता है। नए साल पर नए संकल्प लें और उन्हें साकार करने के लिए मेहनत करें। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को अपनी आदतों के बारे में सोचना चाहिए। आगे बढऩे के लिए बुरी आदतों को छोडऩे और अच्छी आदतें अपनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए साल का आने वाला समय कड़ी मेहनत और अध्ययन का है। लक्ष्य पर नजर रखने वाले समस्याओं को परास्त करते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाएं बहुत नजदीक हैं। उनकी तैयारी के लिए सभी विद्यार्थियों को अपने आप को समर्पित कर देना चाहिए।
इएसएचएम विष्णु दत्त ने कहा कि मेहनत और लगन सफलता की कूंजी है। मेहनत से कार्य करने वाले आगे बढ़ जाते हैं। आलस्य करने वाले रह जाते हैं। संस्कृत अध्यापिका रजनी शास्त्री ने विद्यार्थियों को अंग्रेजी वर्ष और भारतीय कलैंडर के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह नया साल अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार शुरू हुआ है।