Wednesday, November 27, 2019

राज्य स्तरीय कल्चरल फेस्ट-2019 का हुआ शुभारंभ

संस्कृति बिना जीवन नीरस व बदरंग: राजपाल चौधरी

नीलोखेड़ी स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में लोक नृत्यों व गीतों के बीच में हषोल्लास और उमंग के साथ राज्य स्तरीय कल्चरल फेस्ट-2019 का आगाज हुआ। सहायक निदेशक नंद किशोर वर्मा, कार्यक्रम अधिकारी प्रमोद शर्मा व पूनम अहलावत की उपस्थिति में जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र चैधरी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राजपाल चैधरी ने दीप प्रज्वलित करके कल्चरल फेस्ट की शुरूआत की। कल्चरल फेस्ट का संयोजन खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी धर्मपाल चौधरी ने किया।
कल्चरल फेस्ट के जरिये नीलोखेड़ी की भूमि प्रदेश भर के स्कूलों से आई प्रतिभाओं के जोशो-खरोश से गुंजायमान हो गई। टीमों के पहुंचने से ऐसा लग रहा था मानो पूरा हरियाणा और उसकी संस्कृति नीलोखेड़ी
पहुंच गई हो। रंग-बिरंगी वेश-भूषाओं, आभूषणों से सजे-धजे किशोर व युवा कलाकार हरियाणा की लोक-संस्कृति के प्रतीक-मटकों, चरखों, पीढों, कूओं, चिमटों और वाद्य यंत्रों को लेकर महोत्सव स्थल पर पहुंचे तो दर्शकों ने उन्हें सर आंखों पर बिठाकर स्वागत किया। नीलोखेडी के लोगों के लिए यह सांस्कृतिक महोत्सव हरियाणा की संस्कृति को करीब से जानने समझने का अनूठा अवसर है। इस उत्सव को देखने के लिए शहर भर के लोग व संस्कृतिकर्मी आ रहे हैं।
कार्यक्रम नोडल अधिकारी धर्मपाल चैधरी ने बताया कि सांस्कृतिक महोत्सव में मंगलवार शाम से ही टीमों का आना शुरू हो गया था। सभी कलाकारों के रहने व खाने के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जींद, रेवाडी व नूंह से 70-70, पंचकूला से 74, सोनीपत से 75, सिरसा व पानीपत से 81-81, फतेहाबाद, रोहतक व फरीदाबाद से 64-64, अंबाला से 58, यमुनानगर से 80, महेन्द्रगढ व गुरूग्राम से 65-65, कुरुक्षेत्र से 61, चरखी दादरी से 35, हिसार से 79, करनाल से 46, पलवल से 43, कैथल व भिवानी से 73-73, झज्झर से 66 कलाकार कल्चरल फेस्ट में अपनी प्रस्तुतियां देकर अपने-अपने जिलों का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने बताया कि सभी कलाकार अनुशासनबद्ध होकर बेहतरीन प्रस्तुतियां दे रहे हैं, जिससे पूरा वातावरण हरियाणा की विविध सांस्कृतिक विरासत से सराबोर हो गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में पांचवीं से आठवीं के 136 व नौवीं से बारहवीं के 143 लडके तथा पांचवीं से आठवीं की 588 व नौवीं से 12वीं की 590 लडकियां इस महोत्सव में शिरकत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि नीलोखेडी का सौभाग्य है कि उन्हें राज्यस्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी का मौका मिला है, जिसे लेकर नीलोखेडी की जनता और शिक्षा जगत गदगद है। उन्होंने कहा कि मेजबान के नाते वे अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोडेंगे।

राज्य स्तरीय महोत्सव के मौके पर विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों द्वारा स्टाल लगाए गए हैं। स्काउट व गाइड के स्वयंसेवी लगातार कलाकारों व अतिथियों की सेवा कर रहे हैं।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राजपाल चैधरी ने कलाकारों व प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्कृति के बिना जीवन नीरस व बदरंग है। संस्कृति हमें पहचान और सम्मान देती है। उन्होंने कहा कि संस्कृति को जिंदा रखने व बढावा देने के लिए इस तरह के महोत्सवों का आयोजन किया जाता है। इस तरह के कार्यक्रमों में शिरकत करने वाले जहां अपनी संस्कृति से रूबरू होते हैं, वहीं अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन द्वारा आनंद और उत्साह का संचार भी करते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति केवल वेश-भूषा, पहनावा व खानपान ही नहीं है, बल्कि विचारों व चिंतन से जुडी हुई प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारे विकासक्रम की एक अहम उपलब्धि है। इसे संजोये रखना और इसका विकास करना शिक्षा का अहम कार्य है। इस मौके पर डाइट शाहपुर प्राचार्य रोहताश वर्मा, उप जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत सिंह चहल सहित अनेक अधिकारी मौजूद रहे।

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