प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित
यमुनानगर, 28 नवंबरकैंप स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 19वीं सदी में सामाजिक परिवर्तन के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य परमजीत गर्ग ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। प्रधानाचार्य ने कहा कि शिक्षा की बदौलत ही हम आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए बच्चों को अपनी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने जाति भेद, वर्ण भेद, लिंग भेद, ऊंच नीच के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया और न्याय व समानता के मूल्यों पर आधारित समाज की परिकल्पना प्रस्तुत की। उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को पढऩे के लिए प्रेरित किया, जोकि देश की पहली प्रशिक्षित महिला अध्यापिका बनी। 1848 में दोनों ने मिलकर पुणे में लड़कियों के लिए देश का पहला स्कूल स्थापित किया।
लड़कियों व समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया। उन्होंने कहा कि उस समय यह सब काम करना इतना आसान नहीं था। इसके लिए फुले के पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया। लेकिन उन्होंने अपने विचारों से समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि विधवाओं की दशा को सुधारने और पुनर्विवाह के लिए भी उन्होंने सक्रिय रूप से कार्य किया।
प्रधानाचार्य ने संगीत शिक्षक अभिषेक, छात्रा अर्चना, शबनम, रविता, वैशाली, नृति, शिव कुमार, हर्ष, रंजन कुमार, अमन कुमार, दिलीप, शुभम, अनुज को प्रमाण-पत्र व स्मृति चिह्न सम्मानित किया। इस मौके पर अनुराधा रीन, चंचल, सेवा सिंह, आलोक ढ़ोंढिय़ाल, सुरेश रावल, श्याम कुमार, ज्ञानचंद, चन्द्रशेखर, दर्शन लाल बवेजा, ओमप्रकाश, पंकज मल्होत्रा, राकेश मल्होत्रा, नरेश शर्मा, सुखजीत सिंह, ममता शर्मा उपस्थित रहे।
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