Monday, April 23, 2018

अंधकार में सूरज की तरह उजियारा फैलाती हैं किताबें

संवेदनशील नागरिक बनाने में किताबों की भूमिका अहम: अरुण

पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता में रविता ने पाया पहला स्थान
यमुनानगर के कैंप स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पुस्तक दिवस पर आयोजित पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करते प्रधानाचार्य परमजीत गर्ग व हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा।   

यमुनानगर, 23 अप्रैल

अंधकार में सूरज बनकर सबको दे उजियारा पुस्तक, जब भी भटकें सही दिशा से बने भोर का तारा पुस्तक जैसी पुस्तकों की महिमा को बताने वाली काव्य-पंक्तियों से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैंप का प्रांगण गूंज उठा। अवसर था विश्व पुस्तक दिवस समारोह का। समारोह में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किताबों से दोस्ती करने का विद्यार्थियों से आह्वान किया। इस मौके पर स्कूल की दसवीं-ए कक्षा में पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने सुंदर पोस्टर बनाए। रविता द्वारा बनाए गए पोस्टर ने पहला स्थान प्राप्त किया। मीना और नीरू ने दूसरा तथा सिमरण व अर्चना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्कूल प्रधानाचार्य परमजीत गर्ग ने विजेता विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को मन लगाकर पढऩे और आगे बढऩे का संदेश दिया।
पुस्तक संस्कृति की जोरदार पक्षधरता करते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा ने कहा कि बच्चों व युवाओं को बुराईयों से बचाने में किताबें सशक्त औजार की भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने कहा कि टेलीविजन व इंटरनेट के अत्यधिक प्रयोग ने युवा हिंसा, नशे और अश£ीलता के जाल में फंसते जा रहे हैं। इसके अलावा भी बच्चों में जल्दबाजी, तनाव व चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं पैदा हो रही हैं। उनमें वाहन तेज चलाने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। फिल्मों में अभिनेताओं की भूमिका का अनुसरण करते हुए अनुशासनहीनता और नियमों की अवहेलना करना गौरव की बात माना जा रहा है। ऐसे में सोचने-विचारने, ठहराव और अनुशासन की भावना पैदा करना बेहद जरूरी है। संवेदनशील और विचारशील नागरिकों के विकास में किताबें अहम भूमिका निभा सकती हैं। किताबें हमारी सच्ची दोस्त होती हैं। यदि हम किताबों की दोस्ती को स्वीकार करें और इनके साथ समय बिताएं तो किताबें हमें आगे लेकर जाएंगी। 
परीक्षा के लिए ही नहीं ज्ञान के लिए भी पढ़ी जाएं किताबें-
बहुत से विद्यार्थी परीक्षा पास करने के लिए तो खूब पढ़ते हैं, जोकि पढऩी ही चाहिएं। यह आगे बढऩे की लालसा के कारण होता है। अरुण कैहरबा ने कहा कि आगे बढऩे की चाह तो हम सभी में होती है। लेकिन विद्यार्थियों को इससे भी आगे बढ़ते हुए ज्ञान की लालसा और भूख पैदा करनी चाहिए। नई-नई चीजों को जानना और साहित्य का आनंद उठाना यदि हमारी आदत बन जाए तो आगे बढऩे से भी कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि अच्छे-अच्छे विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इसलिए रह जाते हैं, क्योंकि परीक्षा के अलावा उन्होंने अधिक कुछ नहीं पढ़ा होता। 
क्या हो पढऩे का तरीका-
विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए अरुण कैहरबा ने कहा कि पढऩे की आदत का विकास हमारी पढऩे की आदत पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है। बहुत से विद्यार्थी अधिक समय लगाते हैं, लेकिन सीखते कम हैं। कुछ विद्यार्थी किताबों को कम समय देते हैं, लेकिन ज्यादा अंक हासिल कर ले जाते हैं। ऐसा पढऩे के तरीके के कारण भी होता है। किताब पढऩे से पहले विद्यार्थियों को मन में अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। सीधे बैठकर पढऩा चाहिए।
मौन पठन बहुत गुणकारी-
अक्सर विद्यार्थियों में बोल-बोल कर पढऩे की आदत होती है। बोल-बोल कर पढऩे से विद्यार्थियों की ऊर्जा ज्यादा खर्च होती है और वे जल्दी थक जाते हैं। समझ का स्तर भी कमजोर हो सकता है। इसके विपरीत विद्यार्थियों को मौन पठन की आदत विकसित करनी चाहिए। अरुण ने बताया कि मौन पठन से विद्यार्थी ज्यादा समय तक बैठ कर पढ़ सकता है और पढ़ कर ज्यादा समझ सकता है। उन्होंने कक्षाओं में विद्यार्थियों को हिन्दी साहित्य में गद्य और पद्य के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर प्राध्यापक श्याम कुमार, सुखजीत सिंह, सेवा सिंह, नरेश शर्मा, रोहताश राणा, सुरेश रावल, आलोक कुमार, ज्ञानचंद, अनिल गुप्ता, अनुराधा रीन, मंजू शर्मा, राकेश मल्होत्रा, वीरेन्द्र कुमार, पंकज मल्होत्रा उपस्थित रहे।

Sunday, April 22, 2018

बनाईं क्यारियां, खिलाए फूल, घर की तरह सजाया स्कूल

प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता में दिखा विद्यार्थियों का उत्साह

प्रीत व प्रदीप की सी-2 टीम रही अव्वल

वैशाली और शबनम ए-2 टीम रही दूसरे स्थान पर

यमुनानगर, 21 अप्रैल।
 कैंप स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा विभाग की मजेदार शनिवार योजना के तहत प्रश्रोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
DAINIK BHASKAR 22-4-2018
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य परमजीत गर्ग ने विजेता टीमों का उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता का संचालन गणित प्राध्यापक सुखजीत सिंह, हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा और श्याम कुमार ने किया। मार्गदर्शक की भूमिका हिन्दी प्राध्यापक सुरेश रावल ने निभाई और सहयोग मीडिया अनुदेशक आशीष रोहिला ने किया। 
DAINIK JAGRAN 22-4-2018

प्रतियोगिता में दसवीं कक्षा की छह टीमों ने हिस्सा लिया। प्रीत कुमारी व प्रदीप की सी-2 टीम ने दस अंक हासिल करके पहला स्थान प्राप्त किया। वैशाली और शबनम की ए-2 टीम 9 अंक प्राप्त करके दूसरे स्थान पर रही। संचित और प्रवीन की बी-2 टीम ने 8 अंक हासिल किए और तीसरा स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों में कोतूहल बना रहा और छहों टीमों ने जीत के लिए कड़ा संघर्ष किया। प्रतियोगिता हर सप्ताह आयोजित की जाएगी और प्रतियोगिता में पाठ्यक्रम से संबंधित प्रश्र पूछे जाएंगे। इस प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों में सीखने की सकारात्मक स्पर्धा की भावना पैदा होगी।

Sunday, April 8, 2018

किताबें सामाजिक बदलाव का सशक्त औजार

इन्द्री के गांव गढ़ीबीरबल स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एनएसएस शिविर में मुख्य वक्ता एवं हिन्दी प्राध्यापक अरुण कैहरबा व कार्यक्रम अधिकारी सोहन लाल के साथ विद्यार्थी।

पुस्तकालय व पढऩे की संस्कृति से बनेगा आदर्श गांव-स्मार्ट सिटी: अरुण

किताबें सामाजिक बदलाव का सशक्त औजार

एनएसएस शिविर में सामाजिक बदलाव और अध्ययन संस्कृति विषय पर संगोष्ठी आयोजित

इन्द्री उपमंडल के गांव गढ़ीबीरबल स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किए जा रहे एनएसएस शिविर में सामाजिक बदलाव और अध्ययन संस्कृति विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम अधिकारी सोहन लाल ने की और मुख्य वक्ता के रूप में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैंप यमुनानगर में हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने पढऩे की संस्कृति को सामाजिक बदलाव का आधार बताया। एनएसएस स्वयंसेवियों ने प्रश्र पूछ कर चर्चा को आगे बढ़ाया।
दैनिक ट्रिब्यून 9अप्रैल,2018
अरुण कैहरबा ने कहा कि आर्थिक दृष्टि से हरियाणा विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। लेकिन सामाजिक विकास के मामले में प्रदेश में पिछड़ेपन के अनेक निशान हैं। कन्या भ्रूण हत्याएं, ऑनर कीलिंग व जातिगत हिंसा की घटनाओं ने विकास के मामले में एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि राजनैतिक व प्रशासनिक दायरों में आदर्श गांव और स्मार्ट सिटी का खूब प्रचार हो रहा है,
दैनिक भास्कर 9अप्रैल, 2018
लेकिन बेहतर पुस्तकालय, पढऩे की संस्कृति व प्रेक्षागृह के बिना आदर्श गांव व स्मार्ट सिटी की बातें थोथी हैं। गांवों में बनी अनेक प्रकार की चौपालों व सार्वजनिक स्थानों में अच्छा साहित्य व किताबों के पढऩे का माहौल बनने पर समाज में विचारशीलता व संवेदनशीलता पैदा होगी। उन्होंने कहा कि जिन-जिन शख्सियतों ने देश व दुनिया में अपनी पहचान बनाई है, उसमें किताबों का अहम योगदान रहा है। किताबें विचार की वाहक बनती हैं और संकीर्णताओं को समाप्त करती हैं।
पंजाब केसरी 9अप्रैल, 2018
उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति रहे अब्राहम लिंकन का उदाहरण देते हुए बताया कि वे लंबी दूरी तय करके किताबें उधार लाया करते थे और रात को स्ट्रीट लाईट की रोशनी में पढ़ते थे। आजादी की लड़ाई में किताबों और किताबों से मिले विचारों के जरिये ही डॉ. भीम राव आंबेडकर, भगत सिंह, महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू जैसी शख्सियतें उभरीं।
अजीत समाचार 9अप्रैल, 2018
उन्होंने कहा कि भगत सिंह को जिस समय फांसी दी जानी थी, उस समय भी वे किताब पढ़ रहे थे। जब जेल का कर्मचारी फांसी के लिए भगत सिंह को ले जाने आता है तो वह भगत सिंह को किताब पढ़ते देखकर हैरान हो जाता है।
दिल्ली पंजाब केसरी
भगत सिंह किताब का आखिरी पेज पढ़ रहे थे और आखिरी पेज पढऩे की मोहलत यह कह कर मांगते हैं कि मैं अपने दोस्त से मिल रहा हूं। किताब का आखिरी पन्ना पूरा करके वे निर्भीकता के साथ चल पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह का साहस और विचारशीलता में किताबों का बड़ा हाथ था।
दैनिक सवेरा 9अप्रैल, 2018

अरुण कैहरबा ने सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली मलाला यूसूफजई का किस्सा सुनाते हुए कहा कि जब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में तालीबान कब्जा कर लेता है। बमबारी, आतंक और पाबंदियों के बीच में स्कूल बंद हो जाते हैं तो नन्हीं बालिका मलाला अपनी भावनाओं को डायरी में लिखती है और आवाज बुलंद करती है। जर्मनी में हिटलर के क्रूर नाजीवादी दौर में नन्हीं बालिका ऐन फ्रैंक किताबों और डायरी लेखन को अपना सहारा बनाती है। उन्होंने कहा कि हमें अपने गांव में भी पढऩे और पढ़ी गई किताबों पर विचार-विमर्श के केन्द्र विकसित के लिए आगे आना चाहिए।

एनएसएस करती विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास: सोहन लाल

दैनिक जागरण 9अप्रैल, 2018
सोहन लाल ने एनएसएस शिविर की गतिविधियों से अवगत करवाते हुए कहा कि शिविर में स्वयंसेवी स्कूल प्रांगण की सफाई के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सेदारी कर रहे हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना एक ऐसा मंच है, जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों में कार्य संस्कृति और काम के सम्मान का भाव पैदा होता है।
अमर उजाला 9अप्रैल, 2018
इस मौके पर एनएसएस स्वयंसेवी मनप्रीत, आरजू, तन्नु, दिव्या, मनदीप, अमनदीप, महक, भारती, शिवानी, काजल, आरती, राजबीर, सौरभ, आशीष, अरुण, विशाल, संदीप, सूरज, जतिन, साहिल ने सक्रिय हिस्सेदारी की।