Thursday, December 21, 2017

रेलगाड़ी का गीत

बड़ा अनोखा और मज़ेदार
रेलगाड़ी का सफर-संसार।

जगह-जगह से गाड़ी गुजरे
कोई चढ़े और कोई उतरे
बन जाता है इक परिवार

गाड़ी हलचल का है नाम
इससे जीवन का सम्मान
चलना है जीवन का सार

जात धर्म का भेद ना माने
करते सफर हैं जो दीवाने
सघन अनुभव का आगार

पहले होते जो अनजान
बांट के करते हैं जलपान
दिल में भर देता है प्यार

लौह पथ पर लौह गाड़ी
जैसे दौड़े कोई अनाड़ी
नहीं छोड़ती है मंझदार
             -अरुण कुमार कैहरबा

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