Monday, August 4, 2014

काव्य-तरंग-2

तिकड़म कर मशहूर हो गए मियाँ नटवर लाल।
ऐसी लिखी किताब मच गया चारों ओर बवाल।
मच गया चारों ओर बवाल, धुरंधर पस्त हो गए।
मीडिया को मिला मसाला और व्यस्त हो गए।
लेखक सारे सोचते-यह कैसा है कर्म?
पाठक पढ़ते वो किताब जिसमें नहीं कोई मर्म!

-अरुण कुमार कैहरबा

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