मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण पुरस्कार योजना।
इन्द्री के राजकीय प्राथमिक स्कूल ने पाया पहला स्थान।
अरुण कुमार कैहरबा
कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। शायर की इन पंक्तियों को इन्द्री के राजकीय प्राथमिक स्कूल के अध्यापकों ने सच कर दिखाया है। जिस काम को जिले के कईं स्कूलों में 40 साल में भी अंजाम नहीं दिया जा सका, उसे इस स्कूल में चार साल में ही पूरा कर दिखाया गया है। कभी शहर के कूड़े के ढ़ेर के रूप में पहचान रखने वाले इस स्कूल को मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण पुरस्कार योजना के तहत इन्द्री खंड में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
शहर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला चार वर्ष पहले तक दयनीय हालत में थी। स्कूल का प्रांगण मुख्य सडक़ से कईं फुट नीचे था। जिससे शहर की नालियों का गंदा पानी और बरसात का पानी स्कूल में आया करता था। यही नहीं स्कूल का प्रांगण आवारा पशुओं की शरणस्थली था और आस-पास के लोगों के लिए यह शौच करने की जगह था। स्कूल में चारों ओर झाड़-झंखाड़, पॉलीथीन व कांग्रेस घास का साम्राज्य था। स्कूल की चारदिवारी क्षतिग्रस्त अवस्था में थी, जिससे स्कूल में लोगो व पशुओं की आवाजाही से स्कूल में पढऩे-पढ़ाने का बढिय़ा माहौल नहीं बन पाता था। स्कूल के बीचों-बीच माता के थान बने हुए थे, जिसमें स्कूल समय में ही लोगों की आवाजाही रहती थी। इस स्थान पर लोग टोने-टोटके करते थे, जिससे बच्चों में भी भय का माहौल बना रहता था। स्कूल प्रांगण में बिजली का ट्रांसफार्मर था, जिससे बच्चों को हर समय खतरा बना रहता था। स्कूल मूलभूत सुविधाओं से वंचित था। इसमें विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम होती जा रही थी।
इसी दौरान अध्यापक महिन्द्र खेड़ा तबादला होकर इस स्कूल में आए। उन्होंने विशेष अध्यापक ज्ञानचंद के साथ मिल कर स्कूल सुधारीकरण की योजना बनाई। सबसे पहले स्कूल में शहर के गंदे पानी का प्रवेश बंद करवाया गया। समाजसेवी जगदीश गोयल की मदद से माता के थान को स्कूल से स्थानांतरित कर बाहर बनवाया गया। इसके बाद लोगों की मदद लेकर स्कूल में मिट्टी भराव का काम शुरू किया गया। इस काम में इन्द्री के उपमंडलाधीश रहे दिनेश सिंह यादव व उपमंडलाधीश प्रदीप डागर की अगुवाई में प्रशासन, कईं गांवों के सरपंच, जेसीबी संचालक, अध्यापक व दूसरे स्वयंसेवियों का सहयोग लिया गया। लोगों की मदद से करीब पौने दो लाख रूपये की मिट्टी से प्रांगण को समतल बनाया गया। स्कूल में पौधा-रोपण व पौधापोषण अभियान चलाते हुए स्कूल के अध्यापकों व विद्यार्थियों ने दिन-रात मेहनत की। क्यारियां बना कर फूल-पौधे लगाए गए। बदलाव की ऐसी बयार चली कि चार साल बाद सबसे गंदा माना जाने वाला स्कूल खंड का सबसे सुंदर स्कूल बन गया। अतिरिक्त उपायुक्त, एसडीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारी जिन्होंने भी इस स्कूल का निरीक्षण किया, वे इसके सौंदर्य से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। अधिकारियों ने इस स्कूल का चयन मुख्यमंत्री स्कूल सौंदर्यीकरण योजना के तहत किया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर करनाल के कर्ण स्टेडियम में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय समारोह में स्कूल को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस उपलब्धि पर स्कूल के अध्यापकों रणधीर सिंह, अशोक कुमार, मनीष खेड़ा, गोपाल सिंह व विशेष अध्यापक अरुण कुमार ने खुशी का इजहार किया है।
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