समान्य बच्चों के साथ दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत: चावला
दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम की हुई शुरूआत
इन्द्री, 17 अक्तूबर
स्थानीय पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्थित समावेशी शिक्षा केन्द्र में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वावधान में दो दिवसीय समावेशी शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ बीआरसी वंदना चावला ने किया। कार्यक्रम का संयोजन विशेष अध्यापक अमित कुमार व प्रदीप कुमार कर रहे हैं। कार्यक्रम के पहले दिन समावेशी शिक्षा विशेषज्ञ के रूप में प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, डॉ. राजेश कुमार व प्रदीप कुमार ने स्रोत व्यक्ति के रूप में विचार सांझा किए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अध्यापक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, दिव्यांग बच्चों के अभिभावक और एसएमसी सदस्य हिस्सा ले रहे हैं।
वंदना चावला ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ शिक्षा प्रदान करने के लिए व्यापक जागरूकता की जरूरत है। समावेशी शिक्षा केन्द्र और उस पर तैनात विशेष शिक्षक निरंतर ऐसा माहौल बनाने में लगे हुए हैं, ताकि किसी भी बच्चे को बोझ ना माना जाए। विशेष अध्यापक प्रदीप कुमार ने आरपी डब्लूडी एक्ट-2016 के अनुसार 21 प्रकार की निशक्तताओं का विस्तृत परिचय दिया। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने समावेशी शिक्षा की अवधारणा, उसकी महत्ता और प्रकार विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समावेशी शिक्षा भेदभावमुक्त, समता, स्वतंत्रता, न्याय व लोकतंत्र आदि मूल्यों पर आधारित शिक्षा है। सभी बच्चों की स्कूल में पहुंच, समान अवसर व भागीदारी के लिए व्यक्तिगत भिन्नताओं और निशक्तताओं के बारे में समाज में सकारात्मक धारणा का विकास करना जरूरी है। डॉ. राजेश कुमार ने निशक्तता की शीघ्र पहचान विषय पर विचार रखते हुए कहा कि जन्मपूर्व, जन्म के दौरान व जन्म के बाद निशक्तता की पहचान में आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व स्कूल में आने के बाद अध्यापकों की अहम भूमिका होती है। इस मौके पर प्रधानाचार्य शशीभूषण शर्मा, डॉ. जसविन्द्र पटहेड़ा, नरेश मीत, महिन्द्र कुमार, आकाश, अनिल कुमार, संजीव कुमार, सुरेन्द्र कुमार, मुकेश, सूरजभान, जय कुमार, सूरज सिंह, नीलम, सीमा, बीना, शीला, पिंकी, सोनिया मान, बलजीत, महेश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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