Monday, June 9, 2025

FIVE DAY TEACHER TRAINING IN PMSHRI GSSS INDRI

अध्यापकों की कुशलता से निखरेंगे सरकारी स्कूल: धर्मपाल चौधरी

पांच दिवसीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

217 प्राथमिक शिक्षकों ने लिया प्रशिक्षण

डाइट प्राध्यापकों ने सौंपे प्रमाण-पत्र

इन्द्री, 9 जून
निपुण हरियाणा मिशन के तहत स्थानीय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई पांच दिवसीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हो गई। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर के प्राध्यापक डॉ. करनैल बैंस, डॉ. देवेन्द्र शर्मा, राजकीय कन्या व.मा. विद्यालय की प्रधानाचार्या ज्योति खुराना, बीआरपी धर्मेन्द्र, एबीआरसी डॉ. बारूराम, अनिल आर्य व रजत शर्मा ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए। कार्यशाला में एफएलएन के तहत प्राथमिक शिक्षकों को हिन्दी, गणित, अंग्रेजी विषयों में बच्चों को निपुणता हासिल करवाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें प्रतिभागी अध्यापकों ने सक्रिय भागीदारी की।

बीईओ धर्मपाल चौधरी ने कहा कि शिक्षण और प्रशिक्षण का गहरा संबंध है। सेवापूर्व अध्यापक प्रशिक्षण अध्यापक बनने में मदद करता है। वहीं सेवाकालीन प्रशिक्षण अध्यापकों के अध्यापन की चुनौतियों को समझने और उनका सामना करने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 और एफएलएन के तहत आयोजित प्राथमिक शिक्षकों की पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला अध्यापकों को एक मंच पर लाने के साथ-साथ बच्चों, स्कूल व शिक्षा को केन्द्र में रख कर आपसी संवाद स्थापित करने में कामयाब रही है। इसके अलावा विद्वान प्रशिक्षकों के ज्ञान और अनुभव का भी अध्यापकों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन्द्री क्षेत्र के स्कूल अध्यापकों की कुशलता से और अधिक निखरेंगे। उन्होंने अध्यापकों को अपने स्कूल की कमियों को दूर करने और समुदाय के साथ बेहतर तालमेल बनाने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यशाला में खंड के 217 अध्यापकों ने पांच समूहों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस मौके पर प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, महिन्द्र कुमार, बीआरपी डॉ. रविन्द्र शिल्पी, कविता रानी, पूजा गर्ग, निशा कांबोज, नीतू कांबोज, पूजा देवी, सुखविन्द्र, मोनिका, युगल किशोर, सुनंदा शर्मा, अनुपमा, रीना रानी, प्रियंका, सविता कांबोज, अजैब सिंह, डॉ. जसविन्द्र सिंह, विक्रम सिंह, सबरेज अहमद, अश्वनी भाटिया, प्रवीन कुमार, मान सिंह सहित अनेक अध्यापक उपस्थित रहे।





Sunday, June 8, 2025

INDIAN LANGUAGES SUMMER CAMP IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

हर्षोल्लास के माहौल में सम्पन्न हुआ भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिवर

शिविर में उत्कृष्ट भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों को किया सम्मानित

सभी प्रतिभागियों को एनसीईआरटी की तरफ से मिले प्रमाण-पत्र

इन्द्री, 8 जून 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया गया सात दिवसीय भारतीय भाषा ग्रीष्मकालीन शिविर हर्षोल्लास के माहौल में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह में शिविर में उत्कृष्ट भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। सभी प्रतिभागियों को एनसीईआरटी नई दिल्ली द्वारा जारी किए गए प्रमाण-पत्र भेंट किए गए। समापन समारोह में हरियाणा विद्यालय शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हिन्दी प्राध्यापक दीप नारायण यादव ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व शिविर के नोडल अधिकारी राजेश सैनी ने किया। 


समारोह में प्राध्यापक सलिन्द्र कुमार, सीमा गोयल, अश्वनी कांबोज व सोनिया के मार्गदर्शन में खेलों का आयोजन किया गया। म्यूजिकल चेयर के खेल में लड़कियों में राधिका और लडक़ों में मनप्रीत विजेता रहे। इन दोनों विद्यार्थियों के अलावा शिविर में सराहनीय भागीदारी करने वाले विद्यार्थी जस्सी, खुशप्रीत, तृप्ति, आरुण, कुनाल, लक्की नरवाल, नैतिक, हीना, लविश, वंशिका, विधि, साक्षी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।


मुख्य अतिथि दीप नारायण यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी को हमेशा सजग रहते हुए अपने व्यक्तित्व का निर्माण करना होता है। इस प्रकार के शिविर विद्यार्थियों को मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियां हमारे सामने चुनौति प्रदान करती हैं और हमें उनसे जूझते हुए निरंतर आगे बढऩा है।

प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन हमारे आगामी जीवन की आधारशिला होता है। जो विद्यार्थी अपने समय का सदुपयोग करते हुए मेहनत करते हैं, वे जिस भी क्षेत्र में जाते हैं, उसी में नए ढ़ंग से काम करते हैं। अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि बुरी संगत, बुरी आदतें और बुरे विचार विद्यार्थी जीवन के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इन दुश्मनों को हराने के लिए निरंतर सजगता की जरूरत होती है। अच्छी आदतों का निर्माण शिक्षा का अभिन्न हिस्सा है। राजेश सैनी ने शिविर को सफल बनाने के लिए स्टाफ सदस्यों और सक्रिय भागीदारी के लिए विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शिविर के सातों दिन विद्यार्थियों ने बहुत सारी गतिविधियों में हिस्सा लेकर भाषाओं के बुनियादी कौशल सीखे हैं। प्राध्यापक सलिन्द्र मंढ़ाण, सीमा गोयल, विनोद आचार्य, अश्वनी कांबोज ने भी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रेरित किया। इस मौके पर स्कूल प्रबंधन कमेटी की प्रधान सोनिया, समाजसेवी महेन्द्र गोयल, सोमपाल, बलिन्द्र उपस्थित रहे। 













TEACHER TRAINING INDRI DAY-4

विद्यार्थी के साथ अध्यापक का जुड़ाव अच्छी शिक्षा का आधार: डॉ. करनैल

आनंददायी गतिविधियों के माध्यम से सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को निखारने का किया अभ्यास

अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला के चौथे दिन डाइट प्राध्यापकों ने किया निरीक्षण

इन्द्री, 8 जून
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के सौजन्य से आयोजित की जा रही खंड स्तरीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला के चौथे दिन पांचों समूहों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सीखने-सिखाने की गतिविधियों का अभ्यास करवाया गया। कार्यशाला में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर से प्राध्यापक डॉ. करनैल सिंह बैंस व डॉ. देवेन्द्र शर्मा विभिन्न गतिविधियों का निरीक्षण किया और मास्टर ट्रेनर व अध्यापकों का मार्गदर्शन किया। खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण संयोजक बीआरपी धर्मेन्द्र चौधरी, एबीआरसी डॉ. बारू राम, अनिल आर्य, रजत शर्मा, प्रशिक्षक रविन्द्र शिल्पी, कविता रानी, निशा कांबोज, नीतू कांबोज, युगल किशोर, पूजा देवी, सुखविन्द्र कांबोज, मोनिका, सुनंदा शर्मा, अनुपमा, रीना रानी, प्रियंका व सविता के द्वारा गतिविधियों का संचालन किया गया।

डॉ. करनैल सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों के नाम जरूर पता होने चाहिएं। नाम से संबोधित करने से विद्यार्थियों का अध्यापकों के साथ जुड़ाव होता है। उन्होंने अध्यापकों को एक दूसरे से परिचय की गतिविधि सिखाते हुए कहा कि विद्यार्थियों का बेहतर मार्गदर्शन करने के लिए उनकी सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को समझना महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। उन्होंने कहा कि सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में विद्यार्थियों को लैंगिक, जातीय व साम्प्रदायिक संकीर्णताओं से मुक्त करना बेहद जरूरी होता है। उन्होंने अध्यापकों को स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए निरंतर काम करने का आह्वान किया। डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्कूलों का वातावरण स्नेह, प्रोत्साहन व समावेश से परिपूर्ण होना चाहिए।

प्रशिक्षण संयोजक धर्मेन्द्र चौधरी, प्रशिक्षक डॉ. बारू राम व रविन्द्र शिल्पी ने कहा कि पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्यापकों को नई शिक्षा नीति-2020 और एफएलएन के अनुसार शिक्षण को रूचिकर व गतिविधि आधारित बनाने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। स्कूलों में सीखने-सिखाने की कुशल गतिविधियों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है।
इस मौके पर हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, महिन्द्र कुमार, जसविन्द्र सिंह, देवेन्द्र देवा, मान सिंह चंदेल, राज कुमार, सबरेज अहमद, सुरेश कुमार, अरुण गांधी, जगदीश चन्द्र, विकास वर्मा, लाभ सिंह, राजेश कुमार, सीमा रानी, रमेश कुमार, रीना, धर्मवीर, अजैब सिंह, अमित कुमार व रेणू सहित अनेक अध्यापक मौजूद रहे।













Saturday, June 7, 2025

TEACHER TRAINING IN GSSS INDRI DAY-3

हर बच्चा संभावनाशील, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए अचूक रणनीति बनाएं अध्यापक: धर्मपाल 

अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला के तीसरे दिन बीईओ सहित अधिकारियों ने किया निरीक्षण

स्कूलों, विद्यार्थियों व सीखने-सिखाने की प्रक्रिया पर हुई गहन चर्चा

इन्द्री, 7 जून 

स्थानीय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित की जा रही पांच दिवसीय अध्यापक प्रशिक्षण कार्यशाला के तीसरे दिन खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी, जिला एफएलएन संयोजक विपिन कुमार, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर के प्राध्यापक डॉ. मनोज कुमार व प्रधानाचार्या ज्योति खुराना ने निरीक्षण किया। अधिकारियों ने कार्यशाला के पांचों समूहों में अध्यापकों के साथ संवाद किया और उन्हें प्रेरित किया।


खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी ने अपने नीलोखेड़ी व निसिंग खंडों में किए गए प्रयोगों के आधार दावा किया कि कोई भी बच्चा शैक्षिक दृष्टि से कमजोर नहीं होता है। हर बच्चा संभावनाशील है। अध्यापकों को उसकी सृजनशीलता को समझना और उसे दिशा देनी है। यदि कोई बच्चा नहीं पढ़ रहा है तो अध्यापकों को उस बच्चे को पढऩा पड़ेगा। उसकी सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों को समझना होगा। यदि अध्यापक विद्यार्थियों के अनुकूल शिक्षण व मार्गदर्शन की विधियां व रणनीतियां अपनाए तो हर बच्चा आगे बढ़ सकता है। उन्होंने अध्यापकों को एफएलएन की कक्षा अनुसार शिक्षक संदर्शिका और साप्ताहिक, सावधिक व वार्षिक आकलन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई विद्यार्थी शिक्षण के अनुकूल स्तर नहीं हासिल करता है तो अध्यापक को उसे यूंही नहीं छोडऩा है, बल्कि उपचारात्मक शिक्षण के द्वारा उसकी दक्षताओं का विकास करना है।


एफएलएन जिला संयोजक विपिन कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला में अध्यापकों की सक्रिय भागीदारी उनके शिक्षण को निखारने का काम करेगी। इसके अलावा भी जिला स्तर आयोजित होने वाले समारोह में उत्कृष्ट प्रशिक्षणार्थी अध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने शिक्षकों को अपने शिक्षण कौशल निखारने का संदेश दिया। प्रशिक्षण संयोजक एवं बीआरपी धर्मेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम बिना किसी औपचारिक अवकाश की परवाह किए निरंतर पांच दिन चलेगा। प्रशिक्षण को सफल बनाने में प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, महिन्द्र कुमार, मास्टर ट्रेनर बीआरपी रविन्द्र शिल्पी, कविता रानी, एबीआरसी डॉ. बारू राम, युगल किशोर, पूजा देवी, सुखविन्द्र, मोनिका, सुनंदा शर्मा, अनुपमा, नीलू कांबोज, रीना रानी, प्रियंका, अनिल आर्य, रजत शर्मा, गरिमा शर्मा, गुलाब सहित अनेक कर्मचारियों ने भूमिका निभाई। 


आज के दिन के प्रशिक्षण के समापन के बाद बीईओ धर्मपाल चौधरी ने मास्टर ट्रेनर व प्रशिक्षण में भूमिका निभा रहे कर्मचारियों की बैठक में कार्यशाला को सफल बनाने और इसके प्रभावों को स्कूल तक ले जाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षकों को अध्यापकों की दक्षताओं के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए अधिक अध्ययन व प्रयोगों की जरूरत है।  














DAINIK TRIBUNE 8-6-2025