इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के बावजूद प्रिंट माध्यम ज्ञान का सबसे प्रामाणिक स्रोत: अरुण कैहरबा
समाचार लेखन में जतिन सैनी ने पहला और मनप्रीत ने पाया दूसरा स्थान
पुस्तक दिवस पर समाचार लेखन प्रतियोगिता
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इन्द्री के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समाचार लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करते हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा। |
इन्द्री, 23 अप्रैल
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पुस्तक दिवस के अवसर पर समाचार-लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन व संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। प्रतियोगिता में जतिन सैनी ने पहला, मनप्रीत ने दूसरा और वंश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अरुण कुमार कैहरबा ने अभिव्यक्ति और इसके विभिन्न माध्यमों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज भले ही जन संचार के इलेक्ट्रोनिक एवं इंटरनेट माध्यमों का बोलबाला होता जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद प्रिंट माध्यमों का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि समाचार-पत्र, पत्रिकाएं व पुस्तकें ज्ञान का सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि समाचार अपने आसपास, देश-दुनिया में घटित घटनाओं का तथ्यपूर्ण विवरण होता है। इनमें लोगों की रूचि भी होती है। किसी समाचार में कब, कहां, क्या, क्यों, कैसे, किसने और किसे आदि सवालों का सीधी-सरल भाषा में जवाब दिया जाता है। जो कुछ घटा है, उसे उसी तरह से लिख देने से समाचार बन जाता है। समाचार उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है, जिसके इंट्रो या मुखड़ा, बॉडी और समापन तीन हिस्से होते हैं। मुखड़ा समाचार का पहला पहरा होता है, जिसमें घटना या समस्या के मुख्य बिंदु कवर हो जाते हैं। बॉडी में क्या, क्यों और कैसे का विस्तार होता है। उन्होंने कहा कि समाचार-पत्रों का नियमित पठन हमें समाचार लेखन में पारंगत करता है। अरुण कैहरबा ने कहा कि अन्य माध्यमों के बढ़ते प्रचलन के बावजूद किताबें सच्ची दोस्त होती हैं। विद्यार्थियों को किताबों के साथ दोस्ती बनानी चाहिए। किताबों की दोस्ती हमें निरंतर हमारे व्यक्तित्व को विकसित करती है। प्रतियोगिता में नेहा, सानिया, पायल, नोनित सहित अनेक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
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