Wednesday, April 30, 2025

SELF HELP GROUPS IN DERA HALWAN SPECIAL STORY

 घुमंतु जातियों की महिलाओं को आर्थिक रूप सशक्त बनाने के लिए है सीड योजना: छुटकन अली

एनबीसीएफडीसी के कार्यकारी अधिकारी ने डेरा हलवाना में प्रयत्न चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूहों का किया निरीक्षण

अधिकारी ने समूहों के संचालन की प्रक्रिया से महिलाओं को करवाया अवगत

इन्द्री, 30 अप्रैल
उपमंडल के गांव डेरा हलवाना में प्रयत्न संस्था द्वारा आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजना के तहत चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूहों का निरीक्षण करने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम भारत सरकार के कार्यकारी अधिकारी छुटकन अली पहुंचे। जिला कार्यक्रम अधिकारी राम मेहर, सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार कैहरबा व डीसीपी हरमीत सिंह सहित स्वयं सहायता समूह से जुड़ी पदाधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर मुंबई से आई विभिन्न फिल्मों में कोस्ट्यूम डिजाइन कर चुकी स्नेहा कुमार ने विशेष रूप से शिरकत की और महिलाओं को प्रेरित किया।

नई दिल्ली से आए कार्यकारी अधिकारी छुटकन अली ने स्वयं सहायता समूहों के संचालन की प्रक्रियाओं से महिलाओं को अवगत करवाते हुए कहा कि सीड योजना घुमंतु जातियों की महिलाओं को आर्थिक रूप सशक्त बनाने के लिए है। इस योजना के तहत घुमंतु जातियों के बच्चे यदि सरकारी नौकरियों के लिए तैयारी करते हैं तो उनके लिए मंत्रालय की ओर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। उनके आर्थिक उत्थान के लिए भारत सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को उनकी रूचि के अनुसार कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही महिलाओं द्वारा तैयार किए उत्पाद को बेचने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने की भी योजना है। उन्होंने कहा कि सूरजकुंड सहित देश भर में लगने वाले शिल्प मेलों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए स्टाल उपलब्ध करवाए जाते हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी राम मेहर ने कहा कि घुमंतु जातियों की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों को पारदर्शी तरीके से चलाते हुए मिसाल करनी चाहिए। यदि समूहों के सफल संचालन में महिलाएं कामयाब हो गई तो उनकी सामाजिक व आर्थिक उन्नति की राहें खुल जाएंगी। इसके पूरे समाज व देश के लिए बेहतर व दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने बताया कि प्रयत्न संस्था द्वारा सीड (आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजना) के तहत 15 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं। महिलाएं निरंतर बैठकें करती हैं। स्वयं सहायता समूहों के बैंक में खाते खुल चुके हैं। उन्होंने कहा कि खातों व बैठकों की प्रक्रिया के बारे में समूहों का नियमित रूप से मार्गदर्शन किया जाता है।

सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की एकता व सामूहिकता महिलाओं को बदहाली के कारणों को जानने, समझने और उन्हें दूर करने का मौका देती है। घुमंतु जातियों को आगे बढऩे के लिए में शिक्षा की केन्द्रीय भूमिका होगी। सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए समूहों से जुड़ी महिलाओं को अपने बच्चों को अवश्य शिक्षित करना चाहिए।

आगे बढऩे के अवसर प्राप्त करने के लिए अपनाएं संघर्ष का रास्ता-
कोस्ट्यूम डिजाइनर व रंगकर्मी स्नेहा कुमार ने कहा कि समाज में आज महिलाओं को अनेक प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बराबरी का दर्जा, शिक्षा और आगे बढऩे के अवसर प्राप्त करने के लिए संघर्ष का रास्ता है। या तो हम अपनी दशा को ऐसे ही स्वीकार कर लें या फिर बदलाव के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण व बदलाव के अवसर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने महिलाओं के साथ अपने नाटकों के अनुभव भी सांझा किए।
इस मौके पर डीसीपी हरमीत सिंह, सीसीपी सविता, बरखा, आशा कौर, निम्मो, सुदीक्षा, किरण, संजना, शीतल, सुनीता, शीतल कौर, शिवानी, उषा, परीक्षा, अंजलि सहित अनेक महिलाएं मौजूद थीं और उन्होंने नई दिल्ली से आए कार्यकारी अधिकारी छुटकन अली से विभिन्न सवाल करके अपनी जिज्ञासा शांत की।



INDORE SAMACHAR



Monday, April 28, 2025

मन की उड़ान साहित्यिक मंच का 11वां साहित्यिक आयोजन

 देश की एकता व व भाईचारे को बढ़ावा दें: साबिर खान

भाषा बहता नीर कबीरा, देता सबको धीर कबीरा

शाम-ए-गज़ल में कवियों-शायरों ने बांधा समां

करनाल, 28 अप्रैल
मन की उड़ान साहित्यिक मंच करनाल हरियाणा द्वारा अपना ग्यारहवां साहित्यिक कार्यक्रम- शाम-ए-गज़ल एमडीडी बाल भवन करनाल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात गज़़लकार साबिर ख़ान ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वरिष्ठ शायर डॉ. एसके शर्मा, विशिष्ट अतिथि कवयित्री डॉ. कान्ता वर्मा व कवि अरुण कुमार कैहरबा, विशेष अतिथि के तौर पर कवि बलवान सिंह मानव व एमडीडी बाल भवन संस्थापक पीआर नाथ व अध्यक्ष परमिंदर पाल सिंह ने शिरकत की।

काव्य गोष्ठी की शुरुआत कुमारी खुशबू ने सरस्वती वंदना से की। कार्यक्रम अध्यक्ष साबिर ख़ान ने कहा कि हमें देश की एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है, जिससे आतंकियों के मंसूबे सफल न हों। कवयित्री कान्ता वर्मा ने कहा-गुस्से के अब बांध बना दो थर-थर कांपे लाहौर कराची, दुश्मन को अब धर्म बता दो कसम तुझे है भारत मां की। कवि अरुण कुमार कैहरबा ने कबीरा शैली में अपनी $गज़ल में कहा- भाषा बहता नीर कबीरा, देता सबको धीर कबीरा, अपनी बोली से शर्माते, देखे हमने वीर कबीरा। पंचकूला से पधारे कवि बलवान सिंह मानव ने कहा- आ सनम तेरा शृंगार करूं, दिल से थोड़ा प्यार करूं। शायर इकबाल पानीपती ने कहा- न हिन्दू मुस्लिम न सिख ईसाई वो शक्ल-ए-इसां में हैं दरिन्दे, जहां में इकबाल बेगुनाहों का खूं जो नाहक बहा रहे हैं। वरिष्ठ शायर डॉ. एसके शर्मा ने अपनी $गज़ल में कुछ यूं बयां किया- बे इरादा नजऱ उनसे टकरा गई, जिंदगी में अचानक बहार छा गई। कवयित्री अंजू शर्मा ने कहा- माता और बहनों को लक्ष्मी बाई बनना होगा, युद्धभूमि में शत्रु को मार भगाना होगा। मन की उड़ान मंच संस्थापक रामेश्वर देव ने कहा- लहू टपकता है आंखों से अंतड़ी फडक़ती है, जब पत्नी की मांग और मां की गोद उजड़ती है। युवा शायर आशीष ताज नीलोखेड़ी ने कहा नफरतों को शर्म से मिसमार होना चाहिए, आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए। गुरमुख सिंह वड़ैच ने कहा- जनाजे को मेरे रूकवा के बोले, ये लौटेंगे कब तक कहां जा रहे हैं। कवयित्री सुषमा चौपड़ा ने कहा- हमेशा दूसरों को रोशनी दिया करते, चिराग अपने लिए तो नहीं जला करते। डॉ. श्याम प्रीति ने कहा कि- करो प्रतीक्षा खेलने की उम्र में बच्चे को, शादी में कभी नहीं जकड़ा जाएगा।

शायर अशोक मलंग ने कहा- गमगीन आज आलम जन्नत की वादियों में, पसरा हुआ है मातम जन्नत की वादियों में। कवि राकेश आदि ने कहा- ना करो बाबुल मुझ पे अत्याचार, ना करो बचपन में मेरा सिंगार। युवा शायर करनजीत सिंह ने कहा- तुम देखो परखो इन्हीं को ये भोले चेहरे वो ही हैं, सेठों की गद्दी खातिर जो पीढिय़ों से शोषण सहते आऐ। संगीता मिगलानी ने कहा- साथी हमारा कौन बनेगा, तुम न बनोगे कौन बनेगा। कवि अंकित कुमार ने कहा हवाओं के बरखो पे लिख, भेजा है एक संदेश तेरे लिए, कोई बरसों से राह देख रहा बन कर दरवेश तेरे लिए, कवि दयाल जास्ट ने कहा- अपने दिल की कह दे भई के धर्मा चुपचाप क्ह, शायर रविन्द्र सरोहा ने कहा- गर तुम चाहते दरख्तों पर परिंदे फिर सच्ची मोहब्बत की हिमायत कीजिए। कार्यक्रम में डॉ. बलदेव सिंह, सुरेन्द्र कल्याण, कुमारी भूवी ने भी प्रस्तुति दी। इस अवसर पर गोपाल दास, नवीन कुमार, देव, शीला रानी, गुरमीत सिंह, आफऱीन सहित श्रोतागण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में अध्यक्ष मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों व विशेष अतिथि को अंग वस्त्र, शॉल व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संयोजन मन की उड़ान के संस्थापक रामेश्वर देव ने किया और मंच का संचालन कवयित्री सुषमा चोपड़ा ने किया। कार्यक्रम में पहलगाम में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल सहित सत्ताईस अन्य नागरिकों को मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। 





HARYANA PRADEEP

INDORE SAMACHAR



JAGRAN

CHECK POST

Wednesday, April 23, 2025

NEWS WRITING COMPETITION ON BOOK DAY IN GMSSSS BIANA

 इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के बावजूद प्रिंट माध्यम ज्ञान का सबसे प्रामाणिक स्रोत: अरुण कैहरबा

समाचार लेखन में जतिन सैनी ने पहला और मनप्रीत ने पाया दूसरा स्थान

पुस्तक दिवस पर समाचार लेखन प्रतियोगिता
इन्द्री के गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में समाचार लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करते हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा।

इन्द्री, 23 अप्रैल 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पुस्तक दिवस के अवसर पर समाचार-लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की और संचालन व संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने किया। प्रतियोगिता में जतिन सैनी ने पहला, मनप्रीत ने दूसरा और वंश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। अरुण कैहरबा ने विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए अरुण कुमार कैहरबा ने अभिव्यक्ति और इसके विभिन्न माध्यमों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज भले ही जन संचार के इलेक्ट्रोनिक एवं इंटरनेट माध्यमों का बोलबाला होता जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद प्रिंट माध्यमों का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि समाचार-पत्र, पत्रिकाएं व पुस्तकें ज्ञान का सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि समाचार अपने आसपास, देश-दुनिया में घटित घटनाओं का तथ्यपूर्ण विवरण होता है। इनमें लोगों की रूचि भी होती है। किसी समाचार में कब, कहां, क्या, क्यों, कैसे, किसने और किसे आदि सवालों का सीधी-सरल भाषा में जवाब दिया जाता है। जो कुछ घटा है, उसे उसी तरह से लिख देने से समाचार बन जाता है। समाचार उल्टा पिरामिड शैली में लिखा जाता है, जिसके इंट्रो या मुखड़ा, बॉडी और समापन तीन हिस्से होते हैं। मुखड़ा समाचार का पहला पहरा होता है, जिसमें घटना या समस्या के मुख्य बिंदु कवर हो जाते हैं। बॉडी में क्या, क्यों और कैसे का विस्तार होता है। उन्होंने कहा कि समाचार-पत्रों का नियमित पठन हमें समाचार लेखन में पारंगत करता है। अरुण कैहरबा ने कहा कि अन्य माध्यमों के बढ़ते प्रचलन के बावजूद किताबें सच्ची दोस्त होती हैं। विद्यार्थियों को किताबों के साथ दोस्ती बनानी चाहिए। किताबों की दोस्ती हमें निरंतर हमारे व्यक्तित्व को विकसित करती है। प्रतियोगिता में नेहा, सानिया, पायल, नोनित सहित अनेक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।





EARTH DAY CELEBRATED IN SCHOOLS

 विद्यालयों में मनाया विश्व पृथ्वी दिवस

हरियाणा राज्य भारत स्काउट्स एवं गाइड्स जिला करनाल की ओर से विश्व पृथ्वी दिवस जिला शिक्षा अधिकारी सुदेश कुमारी एवं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रोहतास वर्मा के दिशा निर्देशन में जिला संगठन आयुक्त सियाराम शास्त्री की अध्यक्षता में जिले के विभिन्न विद्यालयों में मनाया गया। कार्यक्रम का मुख्य आयोजन एस डी कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करनाल में किया गया, जिसमें विद्यालय की प्रधानाचार्य कीर्ति शर्मा ने बच्चों को पृथ्वी दिवस के बारे में एवं पर्यावरण के बारे में विस्तार से बताया। विद्यालय परिसर में लगे पौधों की देखभाल एवं पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई। जिला संगठन आयुक्त सियाराम शास्त्री ने बताया कि आज करनाल इकाई द्वारा जिले के विभिन्न विद्यालयों में लगभग 500 से अधिक स्काउट्स एवं गाइड्स ने विश्व पृथ्वी दिवस पर भाग लिया तथा पृथ्वी को बचाने का संकल्प लिया एवं विद्यालय परिसर में लगे पेड़ पौधों की देखभाल का जिम्मा भी स्काउट एवं गाइड्स ने उठाया। 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी की अध्यक्षता और इको क्लब प्रभारी डॉ. महाबीर सिंह के नेतृत्व में पृथ्वी दिवस मनाया गया। हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने मुख्य वक्ता के रूप में जलवायु परिवर्तन, पेड़ों के कटाव और पोलिथीन के बढ़ते कचरे पर चिंता जताई। उन्होंने पौधारोपण, पौधापोषण और वन संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में निबंध लेखन, पेंटिंग और पोस्टर विजेताओं को सम्मानित किया गया।
इस कड़ी में डी ए वी पुलिस पब्लिक स्कूल पुलिस लाइन कैथल रोड पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अरुण वर्मा द्वारा विद्यालय परिसर में गाइड्स द्वारा पौधारोपण किया गया। डी ए वी पुलिस पब्लिक स्कूल मधुबन में प्रधानाचार्य मंतोष पाल सिंह ने स्काउट एवं गाइड्स के साथ विद्यालय परिसर में लगे पेड़ पौधों के रखरखाव का दायित्व स्काउट्स एवं गाइड्स को सौंपा गया।
इसके अतिरिक्त पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुंजपुरा की इकाई ने भी विद्यालय परिसर में अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिनमें विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण पर पेंटिंग एवं निबंध लेखन की प्रतियोगिता आयोजित की गई विद्यालय के प्रधानाचार्य ने प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया इसके साथ-साथ एमएम पब्लिक स्कूल असंध  आर वी भारद्वाज द्वारा स्कूल परिसर में विश्व पृथ्वी दिवस स्काउट एवं गाइड यूनिट द्वारा मनाया गया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तरावड़ी में बृजपाल के नेतृत्व में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया। इस दिवस के सफल संचालन में मुख्य रूप से सभी विद्यालयों की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम के सफल संचालन में इंदु शेखर, पूनम, विकास, रेखा, पवन कुमार , सुरेश, बृजपाल, सोनिया, बलराज आदि का विशेष सहयोग रहा।