जैव-विविधता का हिस्सा हैं सभी जीव-जंतु: अरुण कैहरबा
कहा: वन्य जीवों को बचाने के लिए बचाएं जंगल
विश्व वन्य जीव संरक्षण दिवस पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन
करनाल, 3 मार्च
हिन्दी प्राध्यापक एवं पर्यावरण चिंतक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि धरती पर सभी जीव-जंतु उपयोगी हैं और जैव-विविधता का हिस्सा हैं। पालतू जीव-जंतुओं के अलावा बहुत से प्राणी वन्य प्राणियों की श्रेणी में आते हैं। जंगल उनके आशियाने हैं। जंगलों के संरक्षण से ही प्राणियों का संरक्षण हो सकता है। वे गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में विश्व वन्य प्राणी संरक्षण दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने किया।
अरुण कुमार कैहरबा ने छठी कक्षा के विद्यार्थियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि धरती सभी जीव-जंतुओं का घर है। बहुत से जीव-जंतु एक दूसरे का भोजन भी हैं। लेकिन मनुष्य द्वारा प्रकृति व जंगलों के साथ की गई व्यापक छेड़छाड़ के कारण जैव-विविधता पर संकट छा गया है। उन्होंने कहा कि जंगलों के उजाड़े जाने से बंदर बस्तियों में आ रहे हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही रोज नाम का जंगली जानवर के साथ हो रहा है। जंगल कम हो जाने के कारण वे आवारा घूमते हुए दिखाई देते हैं। पेट भरने के लिए वे किसानों की फसलों को खाते हैं और नष्ट कर देते हैं। अन्य जानवर भी जब बस्तियों में आ जाते हैं तो लोगों को काफी असुरक्षा और कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वनों को नष्ट किए जाने से बहुत से जंगली जानवर पूरी तरह खत्म हो रहे हैं। उनकी प्रजातियों के विलुप्त हो जाने का खतरा हो गया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य द्वारा अनावश्यक रूप से रसायनों व कीटनाशकों का इस्तेमाल किए जाने से भी जीव-जंतुओं पर खतरा मंडरा है। अरुण कैहरबा ने आह्वान किया कि वनों, वन्य जीवों को समझें और पेड़ लगाएं और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए अपने प्रयास करें।
अरुण कुमार कैहरबा ने विद्यार्थियों को लेखक सुदर्शन की कहानी-हार की जीत पढ़ कर सुनाई। कहानी में बाबा भारती के सुंदर, बलवान व फुर्तिले घोड़े सुलतान की दूर-दूर तक चर्चा थी। डाकू खडग़ सिंह बाबा भारती के पास आता है। बाबा भारती उसे अपना घोड़ा दिखाता है। डाकू बाबा भारती को उसका घोड़ा ले जाने की चेतावनी देता है। अब बाबा भारती अपने घोड़े की सुरक्षा के प्रति सजग हो जाता है। लेकिन कईं दिन बाद एक दिन डाकू खडग़ सिंह भिखारी का वेश बदल कर बाबा भारती से सहयोग मांगता है। बाबा भिखारी के वेश में खडग सिंह को घोड़े पर बैठा लेता है। डाकू जब धोखे से सुलतान का हरण कर लेता है तो बाबा भारती डाकू को कहता है कि यह घटना किसी को बताना नहीं, क्योंकि इससे लोग गरीबों का विश्वास करना बंद कर देंगे। यह बात डाकू को परेशान कर देती है और वह रात को मुंह अंधेरे घोड़े सुलतान को बाबा भारती के अस्तबल में बांध जाता है। नरेश मीत के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने इस कहानी पर चर्चा की। उदित राणा, चारू, वंशिका, जस्सी, मानवी, रजत, तनवी, मनप्रीत, दया, इवांश, रणबीर सिंह, साहिल सहित अनेक विद्यार्थियों ने अपने घरेलू पशुओं पर चर्चा की। विद्यार्थियों ने कहा कि वन्य जीवों को बचाना बेहद जरूरी है।
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INDORE SAMACHAR 4-3-2025 |
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