Saturday, March 29, 2025

ANNUAL RESULT OF GMSSSS BIANA (KARNAL)

 ब्याना के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल का परीक्षा परिणाम

उत्कृष्ट परिणाम वाले विद्यार्थियों को किया सम्मानित

इन्द्री, 29 मार्च 

गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। परिणाम जानने के लिए विद्यार्थियों में काफी उत्साह रहा। विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ परिणाम जानने के लिए आए। समारोह में परीक्षा परिणामों की घोषणा की गई और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रधानाचार्य रामकुमार सैनी व अध्यापकों ने सम्मानित किया। स्कूल में बनाए गए सैल्फी पोइंट में विद्यार्थियों ने अपने अभिभावकों के साथ फोटो खिंचावाए। इस मौके पर प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, सतीश राणा, विनोद भारतीय, बलविन्द्र सिंह, संजीव कुमार, बलराज, मुकेश खंडवाल, दिनेश कुमार, विनोद आचार्य, विवेक शर्मा, संदीप कुमार, महाबीर सिंह, सन्नी चहल, नरेन्द्र कुमार, महेश कल्याणी, नरेश मीत, निशा कांबोज, रमन बगा, अश्वनी कांबोज, बलिन्द्र सिंह, सोमपाल, रमन सैनी, संगीता शर्मा, मीना सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा। मुकेश खंडवाल व नरेश मीत ने मंच संचालन किया।  


































Wednesday, March 26, 2025

TRAINING OF CCPs IN DERA HALWANA PY PRAYATNA SANSTHA

जीवन को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता जरूरी: राममेहर

प्रयत्न संस्था द्वारा स्वयं सहायता समूहों के सीसीपी का प्रशिक्षण आयोजित

डेरा हलवाना में घुमुंतु समुदाय के 15 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे

इन्द्री, 26 मार्च
उपमंडल के गांव डेरा हलवाना में प्रयत्न संस्था द्वारा सीड परियोजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के सीसीपी (सामुदायिक संपर्क व्यक्तियों) का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में स्वयं सहायता समूहों की कार्यप्रणाली, लेखा-जोखा, बैठकों व बैंक खाते बनवाने और रखरखाव के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परियोजना अधिकारी राम मेहर ने हिस्सा लिया। डीसीपी उषा व प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सरपंच प्रतिनिधि अजैब सिंह ने आए अतिथियों का स्वागत किया।

जिला परियोजना अधिकारी राम मेहर ने अपने संबोधन में कहा कि गांव, समाज व परिवार की समस्याओं को समझने  व सुलझाने तथा जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि परिवार चलाने के लिए अक्सर महिलाओं को दिहाड़ी-मजदूरी करनी पड़ती है। लेकिन प्रयत्न संस्थान द्वारा घुमंतु व अर्ध घुमंतु समुदायों के स्वयं सहायता समूह बनाकर उनके कौशल विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम द्वारा समर्थित संस्था की परियोजना में स्वयं सहायता समूहों के छोटे-छोटे प्रशिक्षण आयोजित किए जाते हैं, जिससे विशेष रूप से महिलाएं आत्मनिर्भरता की स्थिति में आती हैं और अपने परिवारों को चलाने में आर्थिक योगदान कर पाती हैं। उन्होंने बताया कि डेरा हलवाना में संस्था द्वारा कुल 15 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीसीपी की मुख्य जिम्मेदारी समूहों के कार्यवाही रजिस्टर तैयार का रखरखाव करना है। इस काम को कुशलता से करने के लिए प्रशिक्षण अति आवश्यक है।

डीसीपी उषा ने कार्यवाही रजिस्टर में कार्रवाई लिखने के तराके बारे में विस्तार से प्रशिक्षण देते हुए कहा कि रजिस्टर में कार्यवाई सत्यता पर आधारित होनी चाहिए। व्यवस्थित रूप से कार्रवाई लिखना बेहद महत्वपूर्ण कार्य है। प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, ब्याना व अन्य सरकारी स्कूलों द्वारा चलाए जा रहे दाखिला अभियान के बारे में अवगत करवाते हुए कहा कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षित बनो, संगठित बनो और संघर्ष करो हमारे जीवन का मूलमंत्र होना चाहिए।
इस मौके पर सरपंच प्रतिनिधि अजैब सिंह, डीसीपी हरमीत सिंह, सीसीपी उषा, परीक्षा देवी, सुनीता, शिवानी, सुल्तान कौर, शीतल कौर, नीमो, किरण, संजना, सविता, अंजलि, आशा उपस्थित रहे।



ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਆਰਥਿਕ ਸਵੈ-ਨਿਰਭਰਤਾ ਜ਼ਰੂਰੀ : ਰਾਮਮੇਹਰ

ਪ੍ਰਯਤਨਾ ਸੰਸਥਾ ਨੇ ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹਾਂ ਦੇ ਸੀਸੀਪੀ ਦੀ ਸਿਖਲਾਈ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ

ਡੇਰਾ ਹਲਵਾਨਾ ਵਿੱਚ ਖਾਨਾਬਦੋਸ਼ ਭਾਈਚਾਰੇ ਦੇ 15 ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹ ਚੱਲ ਰਹੇ ਹਨ

ਇੰਦਰੀ, 26 ਮਾਰਚ

ਸੀਡ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਦੇ ਤਹਿਤ, ਪ੍ਰਯਾਤਨਾ ਸੰਸਥਾ ਨੇ ਸਬ-ਡਵੀਜ਼ਨ ਦੇ ਪਿੰਡ ਡੇਰਾ ਹਲਵਾਨਾ ਵਿੱਚ ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹਾਂ ਦੇ ਸੀਸੀਪੀ (ਕਮਿਊਨਿਟੀ ਸੰਪਰਕ ਵਿਅਕਤੀਆਂ) ਲਈ ਇੱਕ ਸਿਖਲਾਈ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ। ਸਿਖਲਾਈ ਵਿੱਚ, ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹਾਂ ਦੇ ਕੰਮਕਾਜ, ਲੇਖਾ-ਜੋਖਾ, ਮੀਟਿੰਗਾਂ ਅਤੇ ਬੈਂਕ ਖਾਤੇ ਖੋਲ੍ਹਣ ਅਤੇ ਰੱਖ-ਰਖਾਅ ਬਾਰੇ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਸਿਖਲਾਈ ਦਿੱਤੀ ਗਈ। ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਅਫ਼ਸਰ ਰਾਮ ਮੇਹਰ ਨੇ ਮੁੱਖ ਮਹਿਮਾਨ ਵਜੋਂ ਸਿਖਲਾਈ ਵਿੱਚ ਹਿੱਸਾ ਲਿਆ। ਡੀਸੀਪੀ ਊਸ਼ਾ ਅਤੇ ਹਿੰਦੀ ਲੈਕਚਰਰ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਵੀ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤੇ। ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਕਰਦਿਆਂ ਸਰਪੰਚ ਨੁਮਾਇੰਦੇ ਅਜਾਇਬ ਸਿੰਘ ਨੇ ਮਹਿਮਾਨਾਂ ਦਾ ਸਵਾਗਤ ਕੀਤਾ।

ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਅਫ਼ਸਰ ਰਾਮ ਮੇਹਰ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸੰਬੋਧਨ ਵਿੱਚ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪਿੰਡ, ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਪਰਿਵਾਰ ਦੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਅਤੇ ਹੱਲ ਕਰਨ ਅਤੇ ਜੀਵਨ ਨੂੰ ਬਿਹਤਰ ਬਣਾਉਣ ਲਈ, ਸਾਡੇ ਲਈ ਵਿੱਤੀ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਵੈ-ਨਿਰਭਰ ਹੋਣਾ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਪਰਿਵਾਰ ਚਲਾਉਣ ਲਈ ਅਕਸਰ ਦਿਹਾੜੀ ਮਜ਼ਦੂਰੀ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ। ਪਰ ਪ੍ਰਯਤਨ ਸੰਸਥਾਨ ਖਾਨਾਬਦੋਸ਼ ਅਤੇ ਅਰਧ-ਖਾਨਾਬਦੋਸ਼ ਭਾਈਚਾਰਿਆਂ ਦੇ ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹ ਬਣਾ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੁਨਰ ਵਿਕਾਸ ਵੱਲ ਕੰਮ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਸੰਸਥਾ ਦਾ ਇਹ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ, ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਪਛੜੇ ਵਰਗ ਵਿੱਤ ਅਤੇ ਵਿਕਾਸ ਨਿਗਮ ਦੁਆਰਾ ਸਮਰਥਤ, ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹਾਂ ਲਈ ਛੋਟੀਆਂ ਸਿਖਲਾਈਆਂ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕਰਦਾ ਹੈ, ਜੋ ਖਾਸ ਤੌਰ 'ਤੇ ਔਰਤਾਂ ਨੂੰ ਸਵੈ-ਨਿਰਭਰ ਬਣਨ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਵਿੱਤੀ ਤੌਰ 'ਤੇ ਯੋਗਦਾਨ ਪਾਉਣ ਵਿੱਚ ਮਦਦ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਡੇਰਾ ਹਲਵਾਨਾ ਵਿੱਚ ਸੰਸਥਾ ਵੱਲੋਂ ਕੁੱਲ 15 ਸਵੈ-ਸਹਾਇਤਾ ਸਮੂਹ ਚਲਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੀਸੀਪੀ ਦੀ ਮੁੱਖ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਸਮੂਹਾਂ ਦੇ ਕਾਰਜਕਾਲ ਰਜਿਸਟਰ ਨੂੰ ਤਿਆਰ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਸੰਭਾਲਣਾ ਹੈ। ਇਸ ਕੰਮ ਨੂੰ ਕੁਸ਼ਲਤਾ ਨਾਲ ਕਰਨ ਲਈ ਸਿਖਲਾਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ।

ਡੀਸੀਪੀ ਊਸ਼ਾ ਨੇ ਕਾਰਵਾਈ ਰਜਿਸਟਰ ਵਿੱਚ ਕਾਰਵਾਈ ਲਿਖਣ ਦੇ ਢੰਗ ਬਾਰੇ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਸਿਖਲਾਈ ਦਿੰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹਾ ਕਿ ਰਜਿਸਟਰ ਵਿੱਚ ਕਾਰਵਾਈ ਸੱਚਾਈ 'ਤੇ ਅਧਾਰਤ ਹੋਣੀ ਚਾਹੀਦੀ ਹੈ। ਕਾਰਵਾਈ ਦੇ ਕਦਮਾਂ ਨੂੰ ਯੋਜਨਾਬੱਧ ਢੰਗ ਨਾਲ ਲਿਖਣਾ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਕੰਮ ਹੈ। ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਸਰਕਾਰੀ ਮਾਡਲ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਸੀਨੀਅਰ ਸੈਕੰਡਰੀ ਸਕੂਲ, ਬਿਆਣਾ ਅਤੇ ਹੋਰ ਸਰਕਾਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਦੁਆਰਾ ਚਲਾਈ ਜਾ ਰਹੀ ਦਾਖਲਾ ਮੁਹਿੰਮ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕੋਈ ਵੀ ਬੱਚਾ ਸਿੱਖਿਆ ਤੋਂ ਵਾਂਝਾ ਨਹੀਂ ਰਹਿਣਾ ਚਾਹੀਦਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਿੱਖਿਅਤ ਬਣੋ, ਸੰਗਠਿਤ ਬਣੋ ਅਤੇ ਸੰਘਰਸ਼ ਸਾਡੇ ਜੀਵਨ ਦਾ ਮੂਲ ਮੰਤਰ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਸਰਪੰਚ ਪ੍ਰਤੀਨਿਧੀ ਅਜਾਇਬ ਸਿੰਘ, ਡੀਸੀਪੀ ਹਰਮੀਤ ਸਿੰਘ, ਸੀਸੀਪੀ ਊਸ਼ਾ, ਪਰੀਕਸ਼ਾ ਦੇਵੀ, ਸੁਨੀਤਾ, ਸ਼ਿਵਾਨੀ, ਸੁਲਤਾਨ ਕੌਰ, ਸ਼ੀਤਲ ਕੌਰ, ਨੇਮੋ, ਕਿਰਨ, ਸੰਜਨਾ, ਸਵਿਤਾ, ਅੰਜਲੀ, ਆਸ਼ਾ ਮੌਜੂਦ ਸਨ। 





Tuesday, March 25, 2025

ULLAS NAV BHARAT SAKSHARTA KARYKRAM VT TRAINING

 सभी के लिए आजीवन सीखने की राह दिखाने के लिए है उल्लास: अरुण कैहरबा

स्वयंसेवी शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम

30 मार्च को होगी नव साक्षरों की परीक्षा
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में संयोजक अरुण कुमार कैहरबा के साथ स्वयंसेवी शिक्षक। 

इन्द्री, 25 मार्च 

उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्वयंसेवी शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम के स्कूल संयोजक अरुण कुमार कैहरबा ने की और संचालन सर्वेयर नरेश मीत ने किया। 

अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि भारत के शिक्षा मंत्रालय के द्वारा पूरे देश में उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सभी के लिए समाज में आजीवन सीखने को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। नई शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के अनुरूप इस कार्यक्रम को 2022 में शुरू किया गया और 2027 तक इसमें 15 वर्ष से ऊपर के उन लोगों को शामिल किया जाता है, जोकि किन्हीं कारणों से स्कूली शिक्षा हासिल नहीं कर पाए। कक्षाओं या ऑनलाइन माध्यम से उन्हें बुनियादी अक्षर ज्ञान व संख्यात्मक ज्ञान प्रदान किया जाता है ताकि वे रोजमर्रा के कामों को कुशलता के साथ कर सकें। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थी स्वयंसेवी शिक्षक की भूमिका निभाते हुए अपने परिवार या आस-पास के निरक्षरों को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने स्वयंसेवी शिक्षकों से पढऩे-पढ़ाने की फीडबैक ली और 30 मार्च को होने वाली परीक्षा की सूचना दी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के अधिकारियों द्वारा शीघ्र ही परीक्षा केन्द्र के बारे में सूचित किया जाएगा। स्वयंसेवी शिक्षकों को अपने नव साक्षरों को सूचित करते हुए तैयारियों को और तेज करना है। उन्होंने कहा कि उल्लास कार्यक्रम में नव साक्षरों को सीखने के लिए प्रोत्साहित करना है। शिक्षा का उद्देश्य जीवन को सहज बनाना है। 

नरेश मीत ने स्वयंसेवी शिक्षकों के जज्बे की सराहना करते हुए कहा कि खुद पढ़ते हुए अपने ही परिवार के बड़े लोगों को पढ़ाना सामाजिक जिम्मेदारी का तकाजा है। प्रशिक्षण में स्वयंसेवी शिक्षक की भूमिका निभा रहे स्कूल के विद्यार्थी मानव, रूबी, अनित पाल, साहिबा, महक, माधवी, देवांशी, चेतना, मानवी ने हिस्सा लिया। 







Monday, March 24, 2025

SHAHIDI DIVAS IN GMSSSS BIANA (KARNAL)

इतिहास में भगत सिंह की शहादत स्वर्णिम अक्षरों में अंकित: राम कुमार

शहीदी दिवस पर संगोष्ठी में शहीदों के जीवन-संघर्ष व विचारों को किया याद

इन्द्री, 22 मार्च
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीदी दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में तीनों शहीदों के जीवन, संघर्षों व विचारों को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने की। कार्यक्रम का संयोजन हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा व हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने किया।
प्रधानाचार्य राम कुमार सैनी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के इतिहास में क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। भगत सिंह के नेतृत्व में क्रांतिकारी धारा से जुड़े युवाओं की वैचारिक प्रखरता का ही परिणाम है कि उनकी शहादत ने देश के जन-जन को जागृत किया और जनता आजादी के लिए उठ खड़ी हुई। उन्होंने कहा कि भगत सिंह बहुत पढऩे वाले थे। उनकी अध्ययनशीलता सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि इतिहास को समझने के लिए हमें भगत सिंह के योगदान को समझना चाहिए।  
हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि केवल 23 साल की उम्र में भगत सिंह ने हंसते-हंसते देश को आजाद करवाने के लिए फांसी के फंदे को चूम लिया। इस उम्र में युवाओं के बहुत से अरमान होते हैं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह देश को अंग्रेजी दासता से आजाद करने के साथ-साथ मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण पर आधारित व्यवस्था को बदलना चाहते थे। वे न्याय, बराबरी और भाईचारे पर आधारित व्यवस्था स्थापित करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद और साम्राज्यवाद मुर्दाबाद का नारा दिया। भगत सिंह एक क्रांतिकारी ही नहीं, बल्कि अपनी अध्ययनशीलता के कारण एक प्रखर विचारक, दार्शनिक और लेखक भी थे।
हिन्दी अध्यापक नरेश मीत ने कहा कि भगत सिंह ने अपने समय की सभी समस्याओं और चुनौतियों पर कलम चलाई और अपने विचार व्यक्त किए। वे समाज से अंधविश्वास को समाप्त करना चाहते थे और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार करना चाहते थे। इस मौके पर प्राध्यापक बलविन्द्र सिंह, विनोद भारतीय, बलराज, संजीव कुमार, सीमा गोयल, संदीप कुमार, मुकेश खंडवाल, राजेश कुमार, निशा कांबोज, रमन बगा, रमन सैनी, बलिन्द्र सिंह, सोमपाल, संगीता शर्मा, मीना उपस्थित रहे।






ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਸ਼ਹਾਦਤ ਇਤਿਹਾਸ ਵਿੱਚ ਸੁਨਹਿਰੀ ਅੱਖਰਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਹੈ: ਰਾਮ ਕੁਮਾਰ

ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਿਵਸ 'ਤੇ ਸ਼ਹੀਦਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨ-ਸੰਘਰਸ਼ ਅਤੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕੀਤਾ ਗਿਆ


ਕਰਨਾਲ, 22 ਮਾਰਚ

ਸਰਕਾਰੀ ਮਾਡਲ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਸੀਨੀਅਰ ਸੈਕੰਡਰੀ ਸਕੂਲਪਿੰਡ ਬਿਆਨਾ ਵਿੱਚ ਸ਼ਹੀਦ ਭਗਤ ਸਿੰਘਰਾਜਗੁਰੂ ਅਤੇ ਸੁਖਦੇਵ ਦੇ ਸ਼ਹੀਦੀ ਦਿਵਸ ਮੌਕੇ ਇੱਕ ਸੈਮੀਨਾਰ ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਸੈਮੀਨਾਰ ਵਿੱਚ ਤਿੰਨਾਂ ਸ਼ਹੀਦਾਂ ਦੇ ਜੀਵਨਸੰਘਰਸ਼ਾਂ ਅਤੇ ਵਿਚਾਰਾਂ ਨੂੰ ਯਾਦ ਕਰਕੇ ਸ਼ਰਧਾਂਜਲੀ ਭੇਟ ਕੀਤੀ ਗਈ। ਸੈਮੀਨਾਰ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਰਾਮ ਕੁਮਾਰ ਸੈਣੀ ਨੇ ਕੀਤੀ। ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦਾ ਸੰਯੋਜਨ ਹਿੰਦੀ ਲੈਕਚਰਰ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਅਤੇ ਹਿੰਦੀ ਅਧਿਆਪਕ ਨਰੇਸ਼ ਮੀਤ ਨੇ ਕੀਤਾ।

ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਨ ਕਰਦਿਆਂ ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਰਾਮ ਕੁਮਾਰ ਸੈਣੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕ੍ਰਾਂਤੀਕਾਰੀ ਭਗਤ ਸਿੰਘਰਾਜਗੁਰੂ ਅਤੇ ਸੁਖਦੇਵ ਦੀ ਸ਼ਹਾਦਤ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ ਵਿੱਚ ਸੁਨਹਿਰੀ ਅੱਖਰਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਖੀ ਹੋਈ ਹੈ। ਇਹ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਇਨਕਲਾਬੀ ਧਾਰਾ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਦੀ ਵਿਚਾਰਧਾਰਕ ਤਿੱਖਾਪਨ ਦਾ ਨਤੀਜਾ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸ਼ਹਾਦਤ ਨੇ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਜਗਾਇਆ ਅਤੇ ਲੋਕ ਆਜ਼ਾਦੀ ਲਈ ਉੱਠ ਖੜ੍ਹੇ ਹੋਏ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਇੱਕ ਸ਼ੌਕੀਨ ਪਾਠਕ ਸੀ। ਉਸਦੀ ਪੜ੍ਹਾਈ ਦੀ ਲਗਨ ਸਾਰੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਲਈ ਪ੍ਰੇਰਨਾ ਸਰੋਤ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਤਿਹਾਸ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਸਾਨੂੰ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਦੇ ਯੋਗਦਾਨ ਨੂੰ ਸਮਝਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ।

ਲੈਕਚਰਰ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਿਰਫ਼ 23 ਸਾਲ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿੱਚਭਗਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਆਜ਼ਾਦ ਕਰਵਾਉਣ ਲਈ ਮੁਸਕਰਾਉਂਦੇ ਹੋਏ ਫਾਂਸੀ ਦੇ ਤਖ਼ਤੇ ਦੇ ਫੰਦੇ ਨੂੰ ਚੁੰਮਿਆ। ਇਸ ਉਮਰ ਵਿੱਚ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਦੀਆਂ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਇੱਛਾਵਾਂ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਦੇਸ਼ ਨੂੰ ਬ੍ਰਿਟਿਸ਼ ਗੁਲਾਮੀ ਤੋਂ ਮੁਕਤ ਕਰਨ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲਭਗਤ ਸਿੰਘ ਮਨੁੱਖ ਦੁਆਰਾ ਮਨੁੱਖ ਦੇ ਸ਼ੋਸ਼ਣ 'ਤੇ ਅਧਾਰਤ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਨੂੰ ਬਦਲਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ। ਉਹ ਨਿਆਂਸਮਾਨਤਾ ਅਤੇ ਭਾਈਚਾਰੇ 'ਤੇ ਅਧਾਰਤ ਇੱਕ ਪ੍ਰਣਾਲੀ ਸਥਾਪਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਸੀ। ਇਸ ਲਈ ਉਸਨੇ ਇਨਕਲਾਬ ਜ਼ਿੰਦਾਬਾਦ ਅਤੇ ਸਾਮਰਾਜਵਾਦ ਮੁਰਦਾਬਾਦ ਦਾ ਨਾਅਰਾ ਦਿੱਤਾ। ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਨਾ ਸਿਰਫ਼ ਇੱਕ ਇਨਕਲਾਬੀ ਸਨਸਗੋਂ ਆਪਣੇ ਅਧਿਐਨਸ਼ੀਲ ਸੁਭਾਅ ਕਾਰਨ ਇੱਕ ਸ਼ਾਨਦਾਰ ਚਿੰਤਕਦਾਰਸ਼ਨਿਕ ਅਤੇ ਲੇਖਕ ਵੀ ਸਨ।

ਹਿੰਦੀ ਅਧਿਆਪਕ ਨਰੇਸ਼ ਮੀਤ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਭਗਤ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸਮੇਂ ਦੀਆਂ ਸਾਰੀਆਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਚੁਣੌਤੀਆਂ ਬਾਰੇ ਲਿਖਿਆ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਪ੍ਰਗਟ ਕੀਤੇ। ਉਹ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚੋਂ ਅੰਧਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨੂੰ ਖਤਮ ਕਰਨਾ ਅਤੇ ਵਿਗਿਆਨਕ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਨੂੰ ਉਤਸ਼ਾਹਿਤ ਕਰਨਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਸੀ। ਇਸ ਮੌਕੇ ਲੈਕਚਰਰ ਬਲਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘਵਿਨੋਦ ਭਾਰਤੀਆਬਲਰਾਜਸੰਜੀਵ ਕੁਮਾਰਸੀਮਾ ਗੋਇਲਸੰਦੀਪ ਕੁਮਾਰਮੁਕੇਸ਼ ਖੰਡਵਾਲਰਾਜੇਸ਼ ਕੁਮਾਰਨਿਸ਼ਾ ਕੰਬੋਜਰਮਨ ਬਾਗਾਰਮਨ ਸੈਣੀਬਲਿੰਦਰਾ ਸਿੰਘਸੋਮਪਾਲਸੰਗੀਤਾ ਸ਼ਰਮਾਮੀਨਾ ਮੌਜੂਦ ਸਨ।

Saturday, March 15, 2025

SUBAH KA INTEZAR / ARUN KAHARBA KA KAVYA SANGRAH RELEASED

अरुण कुमार कैहरबा के काव्य संग्रह ‘सुबह का इंतज़ार’ का हुआ विमोचन

होली उत्सव में साहित्यकारों ने संग्रह की कविताओं का किया पाठ और चर्चा

कुरुक्षेत्र, 15 मार्च
स्थानीय सत्यभूमि में देस हरियाणा के सौजन्य से आयोजित होली उत्सव में कवि अरुण कुमार कैहरबा के काव्य-संग्रह ‘सुबह का इंतज़ार’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न स्थानों से आए साहित्यकारों व अध्यापकों ने हिस्सा लिया। साहित्यकारों ने काव्य-संग्रह की अनेक कविताओं का पाठ किया और उन पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग में प्रोफेसर एवं देस हरियाणा के संपादक डॉ. सुभाष चन्द्र ने की और संचालन यूनिक पब्लिशर्स के संयोजक विकास साल्यान ने किया।
डॉ. सुभाष चन्द्र ने काव्य संग्रह की कुछ कविताओं का पाठ करते हुए अरुण कैहरबा को उसकी बधाई दी। उन्होंने कहा कि किसी भी रचनाकार के लिए उसकी किताब का प्रकाशन बेहद महत्वपूर्ण अवसर होता है। यदि वह किताब पहली हो तो उसकी बेशुमार खुशी होती है। उन्होंने कहा कि साहित्य केवल आनंद और अपने सुख का ही विषय नहीं होता है। भले ही साहित्य किसी एक कवि या लेखक द्वारा लिखा गया हो, लेकिन वह होता सामाजिक होता है। खास तौर से किताब के प्रकाशन के बाद उसमें संकलित रचनाएं सामाजिक हो जाती हैं। समाज और साहित्यिक जगत में साहित्य का आकलन भी होता है। उन्होंने कहा कि कुल प्रकाशित पुस्तकों में से कुछ ही किताबें कालजयी होती हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी रचनाएं तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार लिखी जाती हैं। लेकिन यदि उन्हें उनके वर्तमान और भविष्य की नजर से जोड़ कर देखा जाए तो उन्हें लंबे समय तक याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि साहित्यकारों को लेखन के साथ-साथ अध्ययन को ज्यादा समय देना चाहिए। विकास साल्याण ने कहा कि प्रकाशित काव्य संग्रह में अरुण कैहरबा की रचनाएं ठोस अनुभवों पर आधारित हैं।

इस मौके पर नरेश मीत, नरेश सैनी, महिन्द्र कुमार, धर्मेन्द्र फुले, रविन्द्र शिल्पी, देवेन्द्र देवा, मान सिंह चंदेल, धर्मवीर लठवाल, योगेश शर्मा, नरेश दहिया, गौरव सिंह, विनोद चौहान, महावीर दहिया, सेवा सिंह बालू, गुरमीत बिढ़ाण, नरेन्द्र बंटी व बंटी सहित सभी साहित्यकारों, अध्यापकों व शोधार्थियों ने एक दूसरे का रंग लगाया, काव्य संग्रह की कविताओं का पाठ किया और उन पर चर्चा की। 



 

ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਦਾ ਕਾਵਿ ਸੰਗ੍ਰਹਿ "ਸੁਬਹ ਕਾ ਇੰਤਜ਼ਾਰ" ਰਿਲੀਜ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ

ਹੋਲੀ ਦੇ ਤਿਉਹਾਰ ਵਿੱਚ ਸਾਹਿਤਕਾਰਾਂ ਨੇ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਦੀਆਂ ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਦਾ ਪਾਠ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਚਰਚਾ ਕੀਤੀ।


ਕੁਰੂਕਸ਼ੇਤਰ, 15 ਮਾਰਚ:

ਦੇਸ਼ ਹਰਿਆਣਾ ਵੱਲੋਂ ਸਥਾਨਕ ਸੱਤਿਆਭੂਮੀ ਵਿਖੇ ਆਯੋਜਿਤ ਹੋਲੀ ਦੇ ਤਿਉਹਾਰ ਵਿੱਚ ਕਵੀ ਅਰੁਣ ਕੁਮਾਰ ਕੈਹਰਬਾ ਦਾ ਕਾਵਿ ਸੰਗ੍ਰਹਿ "ਸੁਬਹ ਕਾ ਇੰਤਜ਼ਾਰ" ਰਿਲੀਜ਼ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਇਸ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਵਿੱਚ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਲੇਖਕਾਂ ਅਤੇ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਨੇ ਹਿੱਸਾ ਲਿਆ। ਸਾਹਿਤਕਾਰਾਂ ਨੇ ਕਾਵਿ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚੋਂ ਕਈ ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਦਾ ਪਾਠ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਤੇ ਚਰਚਾ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਕੁਰੂਕਸ਼ੇਤਰ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਹਿੰਦੀ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ ਅਤੇ ਦੇਸ਼ ਹਰਿਆਣਾ ਦੇ ਸੰਪਾਦਕ ਡਾ. ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਨੇ ਕੀਤੀ ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਸੰਚਾਲਨ ਯੂਨੀਕ ਪਬਲਿਸ਼ਰਜ਼ ਦੇ ਕਨਵੀਨਰ ਵਿਕਾਸ ਸਾਲਯਾਨ ਨੇ ਕੀਤਾ।


ਡਾ. ਸੁਭਾਸ਼ ਚੰਦਰ ਨੇ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚੋਂ ਕੁਝ ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਸੁਣਾਈਆਂ ਅਤੇ ਅਰੁਣ ਕੈਹਰਾਬਾ ਨੂੰ ਵਧਾਈ ਦਿੱਤੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਿਸੇ ਵੀ ਸਿਰਜਣਹਾਰ ਲਈਉਸਦੀ ਕਿਤਾਬ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਨ ਇੱਕ ਬਹੁਤ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਮੌਕਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਜੇਕਰ ਉਹ ਕਿਤਾਬ ਪਹਿਲੀ ਹੋਵੇ ਤਾਂ ਉਸਨੂੰ ਬਹੁਤ ਖੁਸ਼ੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਹਿਤ ਸਿਰਫ਼ ਖੁਸ਼ੀ ਅਤੇ ਆਪਣੀ ਖੁਸ਼ੀ ਦਾ ਵਿਸ਼ਾ ਨਹੀਂ ਹੈ। ਭਾਵੇਂ ਸਾਹਿਤ ਇੱਕ ਕਵੀ ਜਾਂ ਲੇਖਕ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈਇਹ ਸਮਾਜਿਕ ਪ੍ਰਕਿਰਤੀ ਦਾ ਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਖਾਸ ਕਰਕੇ ਕਿਸੇ ਕਿਤਾਬ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦਉਸ ਵਿੱਚ ਸੰਕਲਿਤ ਰਚਨਾਵਾਂ ਸਮਾਜਿਕ ਬਣ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਸਾਹਿਤ ਦਾ ਮੁਲਾਂਕਣ ਸਮਾਜ ਅਤੇ ਸਾਹਿਤਕ ਜਗਤ ਵਿੱਚ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕੁੱਲ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਿਤ ਕਿਤਾਬਾਂ ਵਿੱਚੋਂਸਿਰਫ਼ ਕੁਝ ਕਿਤਾਬਾਂ ਹੀ ਕਲਾਸਿਕ ਬਣਦੀਆਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਤਤਕਾਲੀ ਹਾਲਾਤਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਲਿਖੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਪਰ ਜੇਕਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਵਰਤਮਾਨ ਅਤੇ ਭਵਿੱਖ ਦੇ ਸੰਦਰਭ ਵਿੱਚ ਦੇਖਿਆ ਜਾਵੇਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਲੰਬੇ ਸਮੇਂ ਤੱਕ ਯਾਦ ਰੱਖਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਲੇਖਕਾਂ ਨੂੰ ਲਿਖਣ ਦੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਅਧਿਐਨ ਲਈ ਵਧੇਰੇ ਸਮਾਂ ਦੇਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਵਿਕਾਸ ਸਾਲਯਾਨ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ਿਤ ਕਾਵਿ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਵਿੱਚ ਅਰੁਣ ਕੈਹਰਾਬਾ ਦੀਆਂ ਰਚਨਾਵਾਂ ਠੋਸ ਅਨੁਭਵਾਂ 'ਤੇ ਅਧਾਰਤ ਹਨ।

ਇਸ ਮੌਕੇ ਨਰੇਸ਼ ਮੀਤਨਰੇਸ਼ ਸੈਣੀਮਹਿੰਦਰ ਕੁਮਾਰਧਰਮਿੰਦਰ ਫੂਲੇਰਵਿੰਦਰ ਸ਼ਿਲਪੀਦੇਵੇਂਦਰ ਦੇਵਾਮਾਨ ਸਿੰਘ ਚੰਦੇਲਧਰਮਵੀਰ ਲਠਵਾਲਯੋਗੇਸ਼ ਸ਼ਰਮਾਨਰੇਸ਼ ਦਹੀਆਗੌਰਵ ਸਿੰਘਵਿਨੋਦ ਚੌਹਾਨਮਹਾਂਵੀਰ ਦਹੀਆਸੇਵਾ ਸਿੰਘ ਬਾਲੂਗੁਰਮੀਤ ਬਿਧਾਨਨਰਿੰਦਰ ਬੰਟੀ ਅਤੇ ਬੰਟੀ ਸਮੇਤ ਸਾਰੇ ਸਾਹਿਤਕਾਰਾਂਅਧਿਆਪਕਾਂ ਅਤੇ ਖੋਜਕਰਤਾਵਾਂ ਨੇ ਇੱਕ ਦੂਜੇ 'ਤੇ ਰੰਗ ਲਗਾਏਕਾਵਿ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਦੀਆਂ ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਸੁਣਾਈਆਂ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਤੇ ਚਰਚਾ ਕੀਤੀ।