Saturday, February 15, 2025

NATIONAL AVISHKAR SAPTAH 2025 / GMSSSS BIANA (KARNAL)

 नदियों व तालाबों को दूषित होने से राकें, पानी बचाएं: अरुण कैहरबा

पेंटिंग के माध्यम से विद्यार्थियों ने दिया जल संरक्षण का संदेश

राष्ट्रीय आविष्कार सप्ताह के तहत स्कूल में  विभिन्न गतिविधियां आयोजित

इन्द्री, 15 फरवरी
गांव ब्याना स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय आविष्कार सप्ताह के तहत चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने हिस्सेदारी की। कार्यक्रम का संयोजन भौतिकी प्राध्यापक विवेक कुमार व रसायन विज्ञान प्राध्यापक संदीप कुमार ने किया। कार्यक्रम में शिरकत करते हुए प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, बलविन्द्र सिंह, राजेश सैनी, नरेश मीत व सोमपाल ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम संयोजक विवेक कुमार व संदीप कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय आविष्कार सप्ताह के तहत स्कूल में जल संरक्षण पर केन्द्रित गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें विद्यार्थियों को भूजल पुनर्भरण प्रणाली की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। जल संरक्षण की विधियों पर सेमिनार आयोजित किया गया। जागरूकता रैली, नारा लेखन, पेंटिंग आदि गतिविधियां करवाई गई। स्कूल के सैंकड़ों विद्यार्थियों ने गतिविधियों में हिस्सा लिया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि संतों-महापुरूषों, वैज्ञानिक, पर्यावरण के जानकारों द्वारा पानी का सदुपयोग करने के बारे में बताया जा रहा है। रहीम जी ने पानी को बचाने का संदेश देते हुए कहा है- रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून, पानी गए ना ऊबरे मोती मानस चून। गुरु नानक देव जी ने पानी को पिता की संज्ञा देते हुए कहा है- पवन गुरु पानी पिता, माता धरत महत। इसी प्रकार से हमारे देश में गंगा को मैया कहा गया है। नदियों, नहरों, तालाबों, कूओं व बावडिय़ों पर माथा टेकने की प्रथा है। जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो इनकी पूजा की जाती है। लेकिन अंध उपभोक्तावादी संस्कृति के प्रभाव में मनुष्य स्वार्थों के वशीभूत होकर पानी व पानी के स्रोतों की महत्ता भूलते गए हैं। जल स्रोतों में कूड़ा कचरा डाल कर हम पानी को दूषित कर रहे हैं। पानी की बर्बादी के कारण भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। जोकि आने वाले गंभीर संकट की निशानी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों द्वारा दिए गए जल संरक्षण के संदेश को दौबारा याद करने की जरूरत है। तभी हम अपने जीवन को समृद्ध कर सकते हैं।






No comments:

Post a Comment