Thursday, January 4, 2024

HINDI GAURAV SAMMAN

अरुण कैहरबा, नरेश मीत सहित अध्यापकों को मिला हिन्दी गौरव सम्मान

अन्तराष्ट्रीय हिन्दी परिषद ने कार्यक्रम आयोजित करके दिया सम्मान

इन्द्री,  4 जनवरी 
अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद द्वारा गांव ब्याना में आयोजित कार्यक्रम में राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, ब्याना के हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा, हिन्दी अध्यापक नरेश मीत, प्राध्यापक राजेश सैनी व दिनेश कुमार को हिन्दी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा कलसौरा स्थित राजकीय स्कूल के अध्यापक सुभाष चन्द्र को भी सम्मान प्रदान किया गया। परिषद के प्रदेशाध्यक्ष भगवती प्रसाद शुक्ल ने अध्यापकों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिह्न देकर और अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। इसके अलावा ब्याना स्कूल के गत सत्र सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में हिन्दी विषय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी कनिष्का, तनु, निकिता, शगुन, वंशिका, सिमरण, याचिका, खुशी, लक्षा, परीक्षित, गे्रविन, पारसमनी, लविश, लक्ष्य, अविकाश, प्रीत, दिव्या, नेहा, ज्योति, सुमित, कनिका, मानसी राणा, रचना, रिया व मानसी को भी प्रमाण-पत्र व स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी परिषद के प्रदेशाध्यक्ष भगवती प्रसाद शुक्ल ने कहा कि हिन्दी देश को जोडऩे वाली भाषा है। परिषद हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने उपस्थित लोगों को कहा कि हिन्दी को अपनी भाषा और व्यक्तित्व का आधार बनाएं। हिन्दी बोलने में शर्माएं नहीं, हिन्दी बोलना गौरव की बात है। बच्चों को हिन्दी पढ़ाएं।

कार्यक्रम में बोलते हुए हिन्दी प्राध्यापक अरुण कुमार कैहरबा ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में हिन्दी और हिन्दी साहित्यकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहे शोध से यह बात स्पष्ट हो गई है कि जिन देशों ने शिक्षा का आधार और माध्यम मुख्य रूप से मातृभाषा को बनाया है, वे देश विकास की दौड़ में कहीं आगे हैं। अपनी भाषाओं को छोड़ कर दूसरी भाषाओं के पीछे भागना गुलाम मानसिकता का प्रतीक है, जिससे हम लगातार पिछड़ते गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत बहुभाषी देश है। यहां पर हिन्दी सहित विभिन्न भाषाओं की समृद्ध विरासत है। लेकिन इसके बावजूद भारतीय भाषाओं के स्थान पर हम दूसरी भाषाओं की ओर मुंह बाए देख रहे हैं जोकि किसी भी तरह से उचित नहीं है।